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ज्ञानवापी की तरह अजमेर दरगाह में भी शिव मंदिर का दावा, याचिका पेश, ASI सर्वे की मांग - Petition on Ajmer Dargah

अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे की एक याचिका कोर्ट में पेश की गई है. याचिका में हिंदू सेना ने दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने के साथ ही एएसआई सर्वे करवाने की मांग की है. साथ ही दरगाह में हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने का अधिकार दिए जाने की मांग की.

PETITION REGARDING AJMER DARGAH,  SHIVA TEMPLE AT AJMER DARGAH
ज्ञानवापी की तरह अजमेर दरगाह में भी शिव मंदिर का दावा (ETV Bharat ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 25, 2024, 5:17 PM IST

अजमेर : दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू सेना संस्था ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हिंदू सेना ने दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने के साथ ही एएसआई सर्वे करवाने की मांग की है. साथ ही दरगाह में हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने का अधिकार दिए जाने की याचिका कोर्ट में लगाई है. अजमेर की सीजेएम कोर्ट में मामले की सुनवाई होनी है. याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने याचिका के साथ दरगाह में संकट मोचन शिव मंदिर होने के साक्ष्य भी प्रस्तुत करने का दावा किया है.

सेशन कोर्ट में दिया जाएगा प्रार्थना पत्र : वकील शशि रंजन कुमार ने बताया कि दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा संबंधी याचिका सिविल कोर्ट में गलती से दायर हो गई थी. लिहाजा क्षेत्राधिकार कोर्ट में सुनवाई के लिए सेशन कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया जाएगा. प्रार्थना पत्र पर सेशन कोर्ट तय करेगा कि प्रकरण में कौन सा कोर्ट सुनवाई करेगा.

ज्ञानवापी की तरह अजमेर दरगाह में भी शिव मंदिर का दावा (ETV Bharat ajmer)

इसे भी पढ़ें- अजमेर दरगाह को हिंदू मंदिर बताने से नाराज दरगाह दीवान के बेटे ने दर्ज कराया मुकदमा, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

शिव मंदिर होने का दावा : अजमेर में विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का इतिहास 812 वर्ष प्राचीन है. इससे पहले अजमेर दरगाह में संकट मोचन शिव मंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर की सीजेएम कोर्ट में याचिका दायर की है. हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दावा किया है दरगाह में जहां मजार है, वहां कभी शिव मंदिर था. मंदिर को तोड़कर वहां पर दरगाह बनाई गई है.

याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज मोहम्मद गौरी के साथ अजमेर आए थे. मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान के साथ लड़ाई लड़ी और बाद में धोखे से सम्राट पृथ्वीराज चौहान की हत्या कर दी. मोहम्मद गौरी के समय कई हिंदू मंदिर तोड़े गए उनमें से संकट मोचन शिव मंदिर भी शामिल है. गुप्ता का दावा है कि मंदिर के गर्भ गृह में चिश्ती की मृत्यु के बाद वहां कब्र बनाई गई थी.

इसे भी पढ़ें- सैयद नसीरुद्दीन का सैयद सरवर चिश्ती पर पलटवार, बोले- साबित करें कि मैं ख्वाजा गरीब नवाज की औलाद नहीं, साबित कर दिया तो 11 लाख रुपए दूंगा - Waqf Amendment Bill

पुस्तक है बड़ा साक्ष्य : याचिकाकर्ता है विष्णु गुप्ता ने बताया कि दरगाह में शिव मंदिर होने का सबसे बड़ा प्रमाण अजमेर के ही हरबिलास शारदा की पुस्तक है. हरविलास म्युनिसिपालिटी में कमिश्नर रहे हैं और उसके बाद शारदा जिला जज भी रहे हैं. गुप्ता ने दावा किया कि दरगाह में जो भी स्ट्रक्चर बने हैं वह हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर उनके अवशेषों से बने हैं. दरगाह में बुलंद दरवाजे पर भी ऐसे कई प्रतीक हैं. उन्होंने कहा कि मुगल अपना इतिहास लिखवाया करते थे. मसलन अकबर ने अकबरनामा, शाहजहां ने शाहजहांनामा लिखवाया. इन दस्तावेजों में उनके अजमेर आने का कोई प्रमाण नहीं है. एएसआई सर्वे में हिन्दू मंदिर होंने का खुलासा हो जाएगा. सर्वे को लेकर किसी को आपत्ति भी नही होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सन 1912 की लिखी हुई हर बिलास की पुस्तक में दरगाह में शिव मंदिर होने का उल्लेख है. पुस्तक में यह भी उल्लेख है कि यहां मंदिर में ब्राह्मण परिवार की ओर से पूजा-अर्चना और सेवा की जाती थी.

याचिका में की गई यह तीन मांगें

  1. दरगाह को संकट मोचन मंदिर घोषित किया जाए.
  2. हिंदुओं को पूजा-पाठ का अधिकार दिया जाए.
  3. एएसआई सर्वे किया जाए, जिससे स्थिति स्पष्ट हो जाए.

ढाई दिन का झोपड़ा थी संस्कृत पाठशाला : हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा कि अगली याचिका ढाई दिन के झोपड़े को लेकर कोर्ट में दायर की जाएगी. ढाई दिन का झोपड़ा हिंदू संस्कृत पाठशाला को तोड़कर बनाया गया था. उन्होंने कहा कि मुगलों के शासन में कई हिंदू मंदिरों को तोड़ा गया. मुगलों का इतिहास देश का बच्चा-बच्चा जानता है. उन्होंने कहा कि हम हिंसा में विश्वास नहीं रखते, इसलिए हमने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा.

अजमेर : दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू सेना संस्था ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हिंदू सेना ने दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने के साथ ही एएसआई सर्वे करवाने की मांग की है. साथ ही दरगाह में हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने का अधिकार दिए जाने की याचिका कोर्ट में लगाई है. अजमेर की सीजेएम कोर्ट में मामले की सुनवाई होनी है. याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने याचिका के साथ दरगाह में संकट मोचन शिव मंदिर होने के साक्ष्य भी प्रस्तुत करने का दावा किया है.

सेशन कोर्ट में दिया जाएगा प्रार्थना पत्र : वकील शशि रंजन कुमार ने बताया कि दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा संबंधी याचिका सिविल कोर्ट में गलती से दायर हो गई थी. लिहाजा क्षेत्राधिकार कोर्ट में सुनवाई के लिए सेशन कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया जाएगा. प्रार्थना पत्र पर सेशन कोर्ट तय करेगा कि प्रकरण में कौन सा कोर्ट सुनवाई करेगा.

ज्ञानवापी की तरह अजमेर दरगाह में भी शिव मंदिर का दावा (ETV Bharat ajmer)

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शिव मंदिर होने का दावा : अजमेर में विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का इतिहास 812 वर्ष प्राचीन है. इससे पहले अजमेर दरगाह में संकट मोचन शिव मंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर की सीजेएम कोर्ट में याचिका दायर की है. हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दावा किया है दरगाह में जहां मजार है, वहां कभी शिव मंदिर था. मंदिर को तोड़कर वहां पर दरगाह बनाई गई है.

याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज मोहम्मद गौरी के साथ अजमेर आए थे. मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान के साथ लड़ाई लड़ी और बाद में धोखे से सम्राट पृथ्वीराज चौहान की हत्या कर दी. मोहम्मद गौरी के समय कई हिंदू मंदिर तोड़े गए उनमें से संकट मोचन शिव मंदिर भी शामिल है. गुप्ता का दावा है कि मंदिर के गर्भ गृह में चिश्ती की मृत्यु के बाद वहां कब्र बनाई गई थी.

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पुस्तक है बड़ा साक्ष्य : याचिकाकर्ता है विष्णु गुप्ता ने बताया कि दरगाह में शिव मंदिर होने का सबसे बड़ा प्रमाण अजमेर के ही हरबिलास शारदा की पुस्तक है. हरविलास म्युनिसिपालिटी में कमिश्नर रहे हैं और उसके बाद शारदा जिला जज भी रहे हैं. गुप्ता ने दावा किया कि दरगाह में जो भी स्ट्रक्चर बने हैं वह हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर उनके अवशेषों से बने हैं. दरगाह में बुलंद दरवाजे पर भी ऐसे कई प्रतीक हैं. उन्होंने कहा कि मुगल अपना इतिहास लिखवाया करते थे. मसलन अकबर ने अकबरनामा, शाहजहां ने शाहजहांनामा लिखवाया. इन दस्तावेजों में उनके अजमेर आने का कोई प्रमाण नहीं है. एएसआई सर्वे में हिन्दू मंदिर होंने का खुलासा हो जाएगा. सर्वे को लेकर किसी को आपत्ति भी नही होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सन 1912 की लिखी हुई हर बिलास की पुस्तक में दरगाह में शिव मंदिर होने का उल्लेख है. पुस्तक में यह भी उल्लेख है कि यहां मंदिर में ब्राह्मण परिवार की ओर से पूजा-अर्चना और सेवा की जाती थी.

याचिका में की गई यह तीन मांगें

  1. दरगाह को संकट मोचन मंदिर घोषित किया जाए.
  2. हिंदुओं को पूजा-पाठ का अधिकार दिया जाए.
  3. एएसआई सर्वे किया जाए, जिससे स्थिति स्पष्ट हो जाए.

ढाई दिन का झोपड़ा थी संस्कृत पाठशाला : हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा कि अगली याचिका ढाई दिन के झोपड़े को लेकर कोर्ट में दायर की जाएगी. ढाई दिन का झोपड़ा हिंदू संस्कृत पाठशाला को तोड़कर बनाया गया था. उन्होंने कहा कि मुगलों के शासन में कई हिंदू मंदिरों को तोड़ा गया. मुगलों का इतिहास देश का बच्चा-बच्चा जानता है. उन्होंने कहा कि हम हिंसा में विश्वास नहीं रखते, इसलिए हमने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा.

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