गोरखपुर: भीषण गर्मी और तपिश में रेलवे की तमाम ट्रेनें लेट चल रही हैं. 10 से 24 घंटे तक विशेष श्रेणी की ट्रेन का लेट होना रेलवे के सिस्टम का हिस्सा हो गया है, लेकिन इससे भी बड़ी हैरानी की घटना तब हो गई, जब गुवाहाटी से कटरा को जाने वाली ट्रेन में एसी का टिकट लेने वाले यात्रियों को स्लीपर में बिठाकर गुवाहाटी से रवाना कर दिया गया.
यात्री ट्रेन के टीटी से अपनी बोगी बदलने को लेकर गुजारिश करते रहे. बड़े अधिकारियों से लेकर रेल मंत्री को उन्होंने ट्वीट करके, व्हाट्सएप से मैसेज करके भी जानकारी दी, लेकिन उनकी ट्रेन गुवाहाटी से चलकर बुधवार को गोरखपुर पहुंच गई और यात्रियों को एसी बोगी का सफर करना नसीब नहीं हुआ.
गर्मी में परिवार सहित परेशान होने वाले यात्री गोरखपुर में आकर अपना आपा खो बैठे. रेलवे प्लेटफार्म पर ट्रेन के रुकने के साथ ही महिला-पुरुष, बच्चे सभी ट्रेन के इंजन के आगे खड़े होकर हंगामा करने लगे. इसके बाद रेलवे प्रशासन से लेकर जीआरपी और आरपीएफ के अधिकारियों में हड़कंप मच गया. सभी प्लेटफार्म नंबर 6 पर पहुंचे, तो यात्रियों की दशा और उनकी पीड़ा को सुनकर पूर्वोत्तर रेलवे की अधिकारी भी हैरान रह गए. उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि 24 घंटे के अंदर आखिर गुवाहाटी, हाजीपुर, पटना जैसे बड़े स्थान के अधिकारियों ने इस मामले का संज्ञान क्यों नहीं लिया.
यात्रियों का हंगामा लगातार जारी था, उन्हें आश्वासन मिला कि गोरखपुर से एसी बोगी ट्रेन के साथ अटैच की जाएगी, जिसमें सवार होकर एसी के यात्री कटरा तक जाएंगे, लेकिन यात्रियों ने अपनी सुविधा के लिए उन जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. यात्रियों ने हैरानी जताई कि रेल मंत्री अक्सर ट्वीट पर जवाब देते हैं, वह भी खामोश रहे. यात्रियों ने कहा कि उन्हें यहां तक कहा जा रहा था कि बहुत जल्दी है, तो वह हवाई जहाज का टिकट ले लेते, ट्रेन से यात्रा करने की क्या जरूरत थी.
वहीं, स्लीपर के वह यात्री, जो एसी यात्रियों की वजह से अपनी आगे की यात्रा नहीं कर पा रहे थे, वह भी परेशान थे. उन्होंने कहा कि एसी की बोगी नहीं जुड़ने से उनकी भी यात्रा प्रभावित हो रही है. इस मामले में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा है कि यात्रियों के हंगामे के बाद, रेलवे प्रशासन से जुड़े हुए अधिकारी मौके पर पहुंचे. समस्या के समाधान का प्रयास किया जा रहा है. यात्रियों को एसी बोगी से ही रवाना किया जाएगा. इस मामले में जो भी दोषी होगा, उस पर रेलवे बोर्ड एक्शन लेगा.