रोपड़: जिला रोपड़ की तहसील श्री आनंदपुर साहिब के अंतर्गत आने वाले गांव हीरपुर के सेना के जवान सुखविंदर सिंह (23) की मौत के मामले में परिवार ने अधिकारियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं. परिजनों का कहना है कि 24 मार्च को उन्हें आर्मी यूनिट से फोन आया कि उनके बेटे ने आत्महत्या कर ली है.
'आत्महत्या का कोई सबूत नहीं': परिवार के मुताबिक, उनके बेटे ने फोन कॉल से एक दिन पहले ही परिवार के सदस्यों से बात की थी. बेटा बिल्कुल खुश था, लेकिन रात में सेना से आए एक फोन कॉल ने उन पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया. परिवार का कहना है कि उनका बेटा कभी आत्महत्या नहीं कर सकता. उनका कहना है कि बार-बार अनुरोध के बावजूद सेना के अधिकारियों ने आत्महत्या के संबंध में कोई सबूत नहीं दिया.
परिजनों का आरोप है कि अधिकारी जानबूझकर मौत का असली सच छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. परिजनों का कहना है कि किसी साजिश के तहत उनके बेटे की हत्या की गई है. माता-पिता ने कहा कि उन्हें सेना से पैसे की जरूरत नहीं है लेकिन अधिकारियों ने उनके बेटे पर जो कलंक लगाया है उसे धोना चाहिए और इस मामले में सच्चाई सामने लानी चाहिए.
परिवार से दुख बांटने पहुंचे स्थानीय लोगों ने भी मांग की कि स्थानीय प्रशासन, पंजाब सरकार, सेना के अधिकारी और केंद्र सरकार जल्द हस्तक्षेप कर परिवार को न्याय दे ताकि शहीद जवान सुखविंदर सिंह का अंतिम संस्कार किया जा सके.
सुखविंदर सिंह का शव उनके पैतृक गांव लाया गया, लेकिन परिवार के मुताबिक इस मामले में कई बातें छिपाई जा रही हैं, इसलिए परिवार ने सुखविंदर का शव लेने से इनकार कर दिया. जिसके चलते उनके शव को वापस चंडीमंदर कमांड हॉस्पिटल भेज दिया गया. इस मामले में परिवार और स्थानीय लोगों द्वारा धरना भी दिया गया.