पूर्णिया: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक पूर्णिया सीट पर दूसरे चरण (26 अप्रैल) में वोटिंग होगी. इसके लिए सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में लगी हैं. इस सीट पर आरजेडी ने बीमा भारती को तो एनडीए की तरफ से संतोष कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं पप्पू यादव निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी सीमांचल को साधने के लिए पहली बार भागलपुर में प्रचार करने पहुंचे. भागलपुर में भी दूसरे चरण में वोटिंग है और कांग्रेस ने अजीत शर्मा को प्रत्याशी बनाया है. वहीं तेजस्वी यादव द्वारा पप्पू यादव को बीजेपी की टीम बी बताए जाने के बाद से पूर्व सांसद हमलावर रुख अख्तियार किए हुए हैं.
पप्पू यादव का कांग्रेस और तेजस्वी पर हमला: बिहार के पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव ने कहा, आप बीजेपी से लड़ रहे है, कि आपकी लड़ाई पप्पू यादव से है. न तो आप बीजेपी के बारे में कभी चर्चा करते है और न ही एनडीए गठबंधन की बात करते है. आपका मकसद पप्पू यादव को हराना है और एनडीए को जिताना है और आपका मकसद क्या हो सकता है. जो बात आप करते है, इसका जवाब पूर्णिया की जनता देगी.
"मेरा मकसद सिर्फ पूर्णिया, सीमांचल, कोसी से है. उसके विकास से है. तेजस्वी यादव 2 बार उपमुख्यमंत्री रहे और उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने पूर्णिया, मधेरपुरा, सुपौल के लिए क्या किया? उनका विकास में योगदान है या नहीं?. पांच विभाग आपके पास था, आपको बताना चाहिए कि उन विभाग में आपने कितनी नौकरी दी."- पप्पू यादव, निर्दलीय उम्मीदवार, पूर्णिया
'पूर्णिया की जनता से इतना नफरत क्यों?': उन्होंने आगे कहा कि पिछले पांच साल में कोसी, सीमांचल में वे (तेजस्वी) कई बार आए. ना विकास पर उनका ध्यान रहा और न यहां के विकास पर. पूर्णिया की जनता से इतना नफरत क्यों? यहां का चुनाव पप्पू यादव नहीं लड़ रह, मेरी औकात भी नहीं, बल्कि यहां का चुनाव पूर्णिया की जनता लड़ रही है. हम ईडी, सीबीआई पर नहीं जाएंगे. हम शहाबुद्दीन की पत्नी के बारे में नहीं पूछेंगे.
बीजेपी की बी टीम कहने पर पप्पू यादव का करारा जवाब: पप्पू यादव ने कहा कि हम प्रभानाथ सिंह के बारे में नहीं पूछेंगे. अभी तक कांग्रेस के लिए एक जगह तक नहीं गए, उस पर भी हम बात नहीं करेंगे. राजबल्लभ यादव के भाई ने चुनाव लड़ लिया, उस पर भी नहीं सवाल करेंगे. लेकिन हम उनसे पूछेंगे कि कांग्रेस और ममता आमने सामने चुनाव लड़ रहे हैं तो बी टीम कौन है? इसलिए पूर्णिया के बेटे को मिट्टी में मिलाना संभव नहीं है.
सीमांचल में लोकसभा की 4 सीटें: सीमांचल में लोकसभा की चार सीटें पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज हैं. इसमें से पूर्णिया और कटिहार पर जदयू का कब्जा है. वहीं अररिया सीट पर बीजेपी का कब्जा है. जबकि एक सीट किशनगंज कांग्रेस के खाते में गई थी. सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका है. यहां कमल खिलाना आसान नहीं है. लेकिन कांग्रेस को सीमांचल से काफी उम्मीदें हैं. ऐसे में कांग्रेस का पूरा फोकस इन 4 सीटों पर है.
सेकेंड फेज में कांग्रेस की 3 सीटें : दूसरे चरण की पांच सीटों में से तीन पर कांग्रेस के उम्मीदवार मैदान में हैं. ऐसे में कांग्रेसी प्रत्याशियों के प्रचार के लिए कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व खुद बिहार आए हैं. खास बात ये कि राहुल गांधी ने पूर्णिया या फिर किशनगंज से रैली की शुरूआत नहीं कि बल्कि उन्होंने भागलपुर को चुना और वहीं से कांग्रेस की तीनों सीटों किशनगंज, भागलपुर और कटिहार को साधने की पूरी कोशिश की. किशनगंज से कांग्रेस ने वर्तमान सांसद डॉ. मो. जावेद आजाद को ही टिकट दिया है. भागलपुर से कांग्रेस के अजीत शर्मा और कटिहार से तारिक अनवर मैदान में हैं.
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