पानीपत: कहावत है कि नर सेवा ही नारायण सेवा है. इसी कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं पानीपत के कपिल मल्होत्रा. जो लावारिस लाशों को फ्री में पोस्टमार्टम हाउस तक पहुंचाते हैं. जब उसकी शिनाख्त नहीं होती, तो 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान से करते हैं. इसके बाद अस्थियों को चुनकर गंगा नदी में प्रवाहित कर उनकी आत्मा की शांति के लिए हवन भी करते हैं. कपिल मल्होत्रा पानीपत में ढाबा चलाते हैं.
समाजसेवी कपिल मल्होत्रा: इसके अलावा वो मानव सेवा के लिए हर वक्त तैयार रहते हैं. जैसे ही उन्हें किसी लावारिस शव की सूचना मिलती है. वो अपने काम पर निकल पड़ते हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में कपिल ने बताया कि वो अभी तक करीब सवा लाख लावारिस डेड बॉडी का अंतिम संस्कार कर चुके हैं. पिछले 22 सालों से वो इसी काम में लगा है. जिन शवों में कीड़े रेंग रहे होते हैं. उन्हें भी कपिल बिना संकोच के उठाकर. पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाते हैं.
निस्वार्थ भाव से करते हैं सेवा: इसके बाद 72 घंटे तक इंतजार करते हैं कि शव की शिनाख्त हो सके. कुछ शवों की मौके पर ही शिनाख्त हो जाती है. पर शव की हालत ऐसी होती है कि उन्हें अपने भी हाथ लगाने से कतराते हैं, लेकिन कपिल ये सेवा निस्वार्थ भाव से करते हैं. कपिल ने बताया कि दिल्ली से लेकर सोनीपत, रोहतक और चंडीगढ़ के सभी गोताखोर उन्हें नदी, नहरों में मिलने वाले शवों की जानकारी देते हैं. वो मौके पर पहुंचकर उन शवों को अस्पताल पहुंचाते हैं.
विधि विधान से करते हैं लावारिस शवों का अंतिम संस्कार: कपिल शव को पोस्टमार्टम हाउस लाकर 72 घंटे का इंतज़ार करते हैं. जिसके बाद विधि विधान से शव के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी करते हैं. कपिल लगभग 22 साल पहले इस जन सेवा में आए थे. जन सेवा दल की एक टीम के साथ वो जुड़कर इस कार्य में लग गए. पहले पहले तो उन्हें इस काम में दिक्कत हुई. धीरे-धीरे उन्हें आदत पड़ती चली गई.
कोरोना काल में भी कपिल मल्होत्रा ने जिले में कोरोना से मारे गए लोगों का संस्कार अपनी जान की परवाह ना करते हुए किया. सरकार द्वारा कपिल मल्होत्रा को कई बार प्रोत्साहित भी किया गया, लेकिन मदद किसी प्रकार की नहीं की गई.