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'शर्मा जी' बनकर भारत में रह रहा था पाकिस्तानी परिवार, पुलिस ने किया गिरफ्तार, मेहदी फाउंडेशन से है संबंध - Mehdi Foundation International

Pakistani Family Held: बेंगलुरु में शर्मा जी के फर्जी नाम से रह रहे चार पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है. सभी आरोपी मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल से जुड़े हैं.

'शर्मा जी' बनकर भारत में रह रहा था पाकिस्तानी परिवार
'शर्मा जी' बनकर भारत में रह रहा था पाकिस्तानी परिवार (सांकेतिक तस्वीर)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 1, 2024, 5:46 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक के बेंगलुरु में शर्मा जी के फर्जी नाम से रह रहे चार पाकिस्तानी नागरिकों को रविवार को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में राशिद अली सिद्दीकी, उनकी पत्नी आयशा और उनके माता-पिता हनीफ मोहम्मद और रुबीना शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक यह परिवार 2014 से अवैध रूप से भारत में रह रहा था.

जानकारी के मुताबिक गिरफ़्तारी के समय चारों लोग शंकर शर्मा, आशा रानी, ​राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा के नाम से राजापुरा गांव में रह रहे थे. हैरान करने वाली बात यह है कि उन्होंने फर्जी पासपोर्ट और आधार कार्ड भी बनवाए थे. सिद्दीकी ऑनलाइन फूड आउटलेट चलाता था और गैरेजों को इंजन ऑयल भी सप्लाई करता था.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वे मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल (MFI) से जुड़े हुए हैं, जिसके लिए उन्हें पाकिस्तान में उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था. रिपोर्ट के मुताबिक जब पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने पहुंची तो उस समय परिवार वहां से निकलने की फिराक में ता और सामान की पैकिंग कर रहा था.

क्या है मेहदी फाउंडेशन?
मेहदी फाउंडेशन को मसीहा फाउंडेशन के नाम से भी जाना जाता है. इसकी शुरुआत पाकिस्तान में 1970 के दशक में हुई थी. पहले इसे रियाज गौहर शाही इंटरनेशनल कहा जाता था, जो इसके संस्थापक रियाज अहमद गौहर शाही के नाम पर था, जो एक पाकिस्तानी आध्यात्मिक नेता थे. 2002 में इसे औपचारिक रूप से MFI नाम दिया गया. यह संगठन अंतरधार्मिक शांति, सद्भाव, धर्म से परे मानवता और सूफी परंपराओं का प्रचार करता है.

भारत और बांग्लादेश भाग आए थे MFI के सदस्य
आज, एमएफआई पाकिस्तान में काम नहीं करता है और इससे संबंधित किसी भी सूचना का प्रसार अपराध माना जाता है. सरकार ने एमएफआई के इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. इसके कई सदस्य 2007 में बांग्लादेश और भारत चले आए. 2007 में, 63 पाकिस्तानी एमएफआई सदस्यों ने भारत के लिए पर्यटक वीजा प्राप्त किया और नई दिल्ली पहुंचकर पाकिस्तानी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया.

उन्होंने अपने पाकिस्तानी पासपोर्ट और वीजा जला दिए थे. उन्हें भारत में अवैध रूप से रहने के कारण गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 2011 में भारत सरकार ने उन्हें शरणार्थी का दर्जा दे दिया और उन्हें कनाडा, अमेरिका और यूरोप के देशों में भेज दिया गया.

यह भी पढ़ें- 'करियर बदलने का समय आ गया है', व्लॉगर की चाय सेल देख बोला यूजर

बेंगलुरु: कर्नाटक के बेंगलुरु में शर्मा जी के फर्जी नाम से रह रहे चार पाकिस्तानी नागरिकों को रविवार को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में राशिद अली सिद्दीकी, उनकी पत्नी आयशा और उनके माता-पिता हनीफ मोहम्मद और रुबीना शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक यह परिवार 2014 से अवैध रूप से भारत में रह रहा था.

जानकारी के मुताबिक गिरफ़्तारी के समय चारों लोग शंकर शर्मा, आशा रानी, ​राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा के नाम से राजापुरा गांव में रह रहे थे. हैरान करने वाली बात यह है कि उन्होंने फर्जी पासपोर्ट और आधार कार्ड भी बनवाए थे. सिद्दीकी ऑनलाइन फूड आउटलेट चलाता था और गैरेजों को इंजन ऑयल भी सप्लाई करता था.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वे मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल (MFI) से जुड़े हुए हैं, जिसके लिए उन्हें पाकिस्तान में उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था. रिपोर्ट के मुताबिक जब पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने पहुंची तो उस समय परिवार वहां से निकलने की फिराक में ता और सामान की पैकिंग कर रहा था.

क्या है मेहदी फाउंडेशन?
मेहदी फाउंडेशन को मसीहा फाउंडेशन के नाम से भी जाना जाता है. इसकी शुरुआत पाकिस्तान में 1970 के दशक में हुई थी. पहले इसे रियाज गौहर शाही इंटरनेशनल कहा जाता था, जो इसके संस्थापक रियाज अहमद गौहर शाही के नाम पर था, जो एक पाकिस्तानी आध्यात्मिक नेता थे. 2002 में इसे औपचारिक रूप से MFI नाम दिया गया. यह संगठन अंतरधार्मिक शांति, सद्भाव, धर्म से परे मानवता और सूफी परंपराओं का प्रचार करता है.

भारत और बांग्लादेश भाग आए थे MFI के सदस्य
आज, एमएफआई पाकिस्तान में काम नहीं करता है और इससे संबंधित किसी भी सूचना का प्रसार अपराध माना जाता है. सरकार ने एमएफआई के इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. इसके कई सदस्य 2007 में बांग्लादेश और भारत चले आए. 2007 में, 63 पाकिस्तानी एमएफआई सदस्यों ने भारत के लिए पर्यटक वीजा प्राप्त किया और नई दिल्ली पहुंचकर पाकिस्तानी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया.

उन्होंने अपने पाकिस्तानी पासपोर्ट और वीजा जला दिए थे. उन्हें भारत में अवैध रूप से रहने के कारण गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 2011 में भारत सरकार ने उन्हें शरणार्थी का दर्जा दे दिया और उन्हें कनाडा, अमेरिका और यूरोप के देशों में भेज दिया गया.

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