नई दिल्ली: पाकिस्तान चुनाव के अंतिम नतीजे आने के साथ, पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग - नवाज (पीएमएल-एन) बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ गठबंधन सरकार बनाने के लिए बातचीत में लगी हुई है. बता दें कि बिलावल पूर्व प्रधान मंत्री बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के पुत्र.
पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवार 8 फरवरी को मतदान होने के बाद कई दिनों की देर से घोषित अंतिम परिणामों में सबसे बड़ी इकाई के रूप में उभरे हैं. पाकिस्तान के चुनाव आयोग के अनुसार, पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने नेशनल असेंबली की 266 सीधे निर्वाचित सीटों में से 92, पीएमएल-एन ने 75 और पीपीपी ने 54 सीटें जीतीं.
जैसी की आम चर्चा है इमरान खान अब पाकिस्तानी सेना की आंखों की किरकिरी बन गये हैं. उनकी पीटीआई को आंतरिक पार्टी चुनावों में अनियमितताओं का हवाला देते हुए पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने क्रिकेट बैट चुनाव चिन्ह देने से इनकार कर दिया था. इमरान खान को उनके खिलाफ तीन आपराधिक मामलों में जेल जाने के बाद चुनाव लड़ने से भी रोक दिया गया था.
यह देखते हुए कि पीटीआई समर्थित निर्दलीय अब पाकिस्तान चुनावों में सबसे बड़ी इकाई के रूप में उभरे हैं, यह पता चला है कि पार्टी अब फिर से आंतरिक पार्टी चुनाव कराएगी ताकि सत्ता का दावा करने में वैधता हो सके. पीटीआई के वरिष्ठ नेता गोहर अली खान ने दावा किया है कि उनकी पार्टी समर्थित उम्मीदवार अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में हैं और उन्हें पीएमएल-एन या पीपीपी के साथ गठबंधन सरकार बनाने की जरूरत नहीं होगी.
हालांकि, सोमवार देर शाम तक पीएमएल-एन और पीपीपी दोनों सत्ता-साझाकरण समझौते के लिए बातचीत में लगे हुए थे. पाकिस्तान के एक सूत्र ने ईटीवी भारत को बताया कि अगर कोई समझौता होता है, तो पूर्व प्रधान मंत्री और नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो जरदारी नई सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दो बराबर हिस्सों के लिए प्रधान मंत्री पद साझा करेंगे.
सूत्र ने कहा कि ऐसे में नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज को पंजाब प्रांत का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. जैसा कि ईटीवी भारत ने बताया था, नवाज शरीफ गठबंधन सरकार के प्रधान मंत्री बनने के इच्छुक नहीं हैं. यदि पीएमएल-एन और पीपीपी किसी समझौते पर पहुंचते हैं, तो पाकिस्तान में उसी तरह की गठबंधन सरकार बनेगी, जो इमरान खान के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद चुनाव से पहले सत्ता में थी. उस सरकार में शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री थे और बिलावल भुट्टो जरदारी विदेश मंत्री थे.
इस बीच, पीपीपी की केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक इस्लामाबाद में आसिफ अली जरदारी और बिलावल भुट्टो-जरदारी के नेतृत्व में हुई, डॉन ने पार्टी के एक बयान का हवाला देते हुए बताया. रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठक में भाग लेने वालों ने पार्टी के नेतृत्व में अपना विश्वास व्यक्त किया और आम चुनाव और आगे की राह सहित असंख्य विषयों पर चर्चा की. वहीं, इमरान खान की पीटीआई भी केंद्र के साथ-साथ पंजाब और खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में सरकार बनाने की रणनीति बनाकर आगे बढ़ रही है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीटीआई नेताओं ने सोमवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के साथ बैठक की और उन्हें हाल ही में हुए आम चुनावों के दौरान कथित अनियमितताओं के बारे में जानकारी दी. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान का हवाला देते हुए बताया कि अल्वी ने पीटीआई नेताओं रऊफ हसन और उमर नियाजी से मुलाकात की, जिन्होंने 8 फरवरी के चुनावों के दौरान स्पष्ट अनियमितताओं की ओर इशारा किया. विभिन्न दलों और हितधारकों के बीच बातचीत और बैठकें अभी भी जारी हैं, भारत के पश्चिमी पड़ोसी में सरकार गठन की प्रक्रिया अभी भी अस्थिर बनी हुई है.