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जम्मू कश्मीर: DGP का क्षेत्रीय पार्टियों पर गंभीर आरोप, पाक को लेकर भी दिया बयान - DGP R R Swain On Kashmir Society - DGP R R SWAIN ON KASHMIR SOCIETY

DGP R R Swain On Jammu Kashmir Society: हाल के दिनों में जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं की काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है. इस बीच जम्मू कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन ने कहा कि मुख्यधारा की क्षेत्रिय पार्टियों ने राजनीतिक लाभ के लिए आतंकी नेटवर्क के नेताओं को बढ़ावा दिया है. जिसकी वजह से पाकिस्तान ने नागरिक समाज के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं में सफलतापूर्वक घुसपैठ की है.

DGP R R Swain On Jammu Kashmir Society
जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन की फाइल फोटो. (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 16, 2024, 9:20 AM IST

जम्मू: पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नागरिक समाज के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं में घुसपैठ कर ली है. यह उस दौर में हुआ जब राज्य उग्रवाद की चपेट में था. उन्होंने कहा कि मुख्यधारा की क्षेत्रिय पार्टियों ने राजनीतिक लाभ के लिए आतंकी नेटवर्क के नेताओं को बढ़ावा दिया. स्वैन ने यहां भारतीय प्रबंधन संस्थान में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इन नेताओं के लिए मारे गए आतंकवादियों के घर जाना और उनके पीड़ितों के साथ सार्वजनिक रूप से सहानुभूति जताना आम बात हो गई थी.

उन्होंने कहा कि घाटी में तथाकथित मुख्यधारा या क्षेत्रीय राजनीति की बदौलत पाकिस्तान ने नागरिक समाज के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं में सफलतापूर्वक घुसपैठ की है. यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि कई लोगों ने खरगोश के साथ दौड़ने और शिकारी कुत्ते के साथ शिकार करने की कला में महारत हासिल कर ली थी, जिससे आम आदमी और सुरक्षा बल दोनों ही हैरान, भयभीत और भ्रमित हो गए थे.

स्वैन ने कहा कि आतंकवाद में भर्ती करने वालों को खत्म करने की अनुमति तो दी गई, लेकिन भर्ती करने और (आतंकवाद के) वित्त की व्यवस्था करने वालों की कभी जांच नहीं की गई. डीजीपी ने कहा कि जमीयत-ए-इस्लामी ने आतंकवादियों को धार्मिक और वैचारिक औचित्य प्रदान किया.

उन्होंने कहा कि यह एक खुला रहस्य था कि जमीयत नेटवर्क न केवल स्थिति को सामान्य करने के सरकारी प्रयासों को विफल करने में सक्षम था, बल्कि उसके पास एक आतंकी वित्तपोषण नेटवर्क भी था, जिसने सड़क पर विरोध प्रदर्शन को संगठित करने में बड़ी भूमिका निभाई.

उन्होंने कहा कि पार्टी ने भारतीय राज्य और उसके सशस्त्र बलों के बारे में सब कुछ बदनाम किया. जो 'झूठे आख्यानों, अर्ध-सत्य, तथ्यों की संदर्भ से बाहर प्रस्तुति' के आधार पर एक जानबूझकर और व्यवस्थित समीकरण का हिस्सा था.

उन्होंने कहा कि एसपी रैंक के अधिकारियों को उन अपराधों के लिए आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार किया गया और जेलों में डाल दिया गया, जो उन्होंने कभी नहीं किए थे. 2014 में शोपियां में दो लड़कियों, नीलोफर और आसिया की दुर्घटनावश डूबने की घटना को देश विरोधी ताकतों द्वारा इस्तेमाल किया गया. इस घटना ने घाटी को कई हफ्तों तक हड़ताल, आगजनी और दंगों के साथ बंधक बना रखा था.

अधिकारी ने दावा किया कि सीबीआई की ओर से की गई विस्तृत जांच ने संदेह से परे साबित कर दिया कि यह पूरी तरह से झूठ था. उन्होंने कहा कि एम्स के विशेषज्ञों की ओर से की गई फोरेंसिक जांच में भी इसकी पुष्टि की गई.

उन्होंने कहा कि यह एक दुर्घटना थी. हालात ऐसे हो गए थे कि तथाकथित मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी संभावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए आतंकी नेटवर्क के नेताओं और कभी-कभी सीधे तौर पर उन्हें बढ़ावा देना शुरू कर दिया था. हालांकि, उन्होंने हालात के बदलने की ओर भी संकेत दिया, उन्होंने कहा कि शीर्ष-स्तरीय नीति-निर्माण में बदलाव के कारण लोगों को अब विश्वास हो रहा है कि 'राजनीतिक और आर्थिक अवसर' अब कुछ विशेषाधिकार प्राप्त लोगों का विशेषाधिकार नहीं रहेंगे. स्वैन ने कहा कि यह एक कारण है कि जिले शांत दिख रहे हैं.

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जम्मू: पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नागरिक समाज के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं में घुसपैठ कर ली है. यह उस दौर में हुआ जब राज्य उग्रवाद की चपेट में था. उन्होंने कहा कि मुख्यधारा की क्षेत्रिय पार्टियों ने राजनीतिक लाभ के लिए आतंकी नेटवर्क के नेताओं को बढ़ावा दिया. स्वैन ने यहां भारतीय प्रबंधन संस्थान में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इन नेताओं के लिए मारे गए आतंकवादियों के घर जाना और उनके पीड़ितों के साथ सार्वजनिक रूप से सहानुभूति जताना आम बात हो गई थी.

उन्होंने कहा कि घाटी में तथाकथित मुख्यधारा या क्षेत्रीय राजनीति की बदौलत पाकिस्तान ने नागरिक समाज के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं में सफलतापूर्वक घुसपैठ की है. यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि कई लोगों ने खरगोश के साथ दौड़ने और शिकारी कुत्ते के साथ शिकार करने की कला में महारत हासिल कर ली थी, जिससे आम आदमी और सुरक्षा बल दोनों ही हैरान, भयभीत और भ्रमित हो गए थे.

स्वैन ने कहा कि आतंकवाद में भर्ती करने वालों को खत्म करने की अनुमति तो दी गई, लेकिन भर्ती करने और (आतंकवाद के) वित्त की व्यवस्था करने वालों की कभी जांच नहीं की गई. डीजीपी ने कहा कि जमीयत-ए-इस्लामी ने आतंकवादियों को धार्मिक और वैचारिक औचित्य प्रदान किया.

उन्होंने कहा कि यह एक खुला रहस्य था कि जमीयत नेटवर्क न केवल स्थिति को सामान्य करने के सरकारी प्रयासों को विफल करने में सक्षम था, बल्कि उसके पास एक आतंकी वित्तपोषण नेटवर्क भी था, जिसने सड़क पर विरोध प्रदर्शन को संगठित करने में बड़ी भूमिका निभाई.

उन्होंने कहा कि पार्टी ने भारतीय राज्य और उसके सशस्त्र बलों के बारे में सब कुछ बदनाम किया. जो 'झूठे आख्यानों, अर्ध-सत्य, तथ्यों की संदर्भ से बाहर प्रस्तुति' के आधार पर एक जानबूझकर और व्यवस्थित समीकरण का हिस्सा था.

उन्होंने कहा कि एसपी रैंक के अधिकारियों को उन अपराधों के लिए आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार किया गया और जेलों में डाल दिया गया, जो उन्होंने कभी नहीं किए थे. 2014 में शोपियां में दो लड़कियों, नीलोफर और आसिया की दुर्घटनावश डूबने की घटना को देश विरोधी ताकतों द्वारा इस्तेमाल किया गया. इस घटना ने घाटी को कई हफ्तों तक हड़ताल, आगजनी और दंगों के साथ बंधक बना रखा था.

अधिकारी ने दावा किया कि सीबीआई की ओर से की गई विस्तृत जांच ने संदेह से परे साबित कर दिया कि यह पूरी तरह से झूठ था. उन्होंने कहा कि एम्स के विशेषज्ञों की ओर से की गई फोरेंसिक जांच में भी इसकी पुष्टि की गई.

उन्होंने कहा कि यह एक दुर्घटना थी. हालात ऐसे हो गए थे कि तथाकथित मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी संभावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए आतंकी नेटवर्क के नेताओं और कभी-कभी सीधे तौर पर उन्हें बढ़ावा देना शुरू कर दिया था. हालांकि, उन्होंने हालात के बदलने की ओर भी संकेत दिया, उन्होंने कहा कि शीर्ष-स्तरीय नीति-निर्माण में बदलाव के कारण लोगों को अब विश्वास हो रहा है कि 'राजनीतिक और आर्थिक अवसर' अब कुछ विशेषाधिकार प्राप्त लोगों का विशेषाधिकार नहीं रहेंगे. स्वैन ने कहा कि यह एक कारण है कि जिले शांत दिख रहे हैं.

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