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रतन टाटा ने जमशेदपुर से शुरू की थी करियर, निधन के बाद झारखंड में एक दिवसीय शोक की घोषणा - RATAN TATA PASSED AWAY

रतन टाटा ने निधन के बाद झारखंड में शोक की लहर है. सीएम हेमंत सोरेन ने एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की है.

RATAN TATA PASSED AWAY
उद्योगपति रतन टाटा (File Photo - ETV Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 10, 2024, 7:49 AM IST

रांची: भारत के महान उद्योगपति और पद्म विभूषण रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनके निधन की खबर जैसे ही झारखंड के लोगों को मिली, जमशेदपुर सहित पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने शोक व्यक्त किया है इसके साथ ही उन्होंने झारखंड में एक दिन का राजकीय शोक की घोषणा की है.

रतन टाटा का जन्म 1937 में हुआ था. उनके पिता का नाम नवल टाटा और मां का नाम सुनू था. सिर्फ 17 साल की उम्र में रतन टाटा अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित कार्नेल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई शुरू की और यहां से वास्तुकला और इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. 1962 में ग्रेजुएट होने के बाद उन्होंने पहला बार टाटा कंपनी में बतौर असिस्टेंट शामिल हुए. रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत जमशेदपुर से की थी. उन्होंने टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी जो अब टाटा मोटर्स के नाम से जानी जाती है में 6 महीने की ट्रेनिंग ली थी. इसके बाद उन्होंने टाटा स्टील में काम किया. 1965 में वे टिस्को के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में भेजे गए. यहां उन्होंने टेक्निकल ऑफिसर के रूप में काम किया.

आखिरी बार 2021 में जमशेदपुर पहुंचे थे रतन टाटा

रतन टाटा आखिरी बार 2021 में 3 मार्च को स्थापना दिवस के मौके पर जमशेदपुर पहुंचे थे. उनके साथ टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी थे. यहां उनका स्वागत टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने स्वागत किया था. रतन टाटा ने इस दिन जुबली पार्क में होने वाले लाइट शो और टाटा स्टील कंपनी के मुख्य समारोह में शामिल हुए थे.

रांची में कैंसर अस्पताल की रखी नींव

रतन टाटा का झारखंड से गहरा लगाव था. यही वजह है कि उन्होंने झारखंड के लोगों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए यहां 2018 में कैंसर अस्पताल की नींव रखी. इस अस्पताल का काम फिलहाल चल रहा है और यह जल्द ही शुरू हो जाएगा. जिसके बाद यह पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा कैंसर अस्पताल बनेगा.

राज्यपाल संतोष गंगवार ने जताया शोक

रतन टाटा के निधन के बाद झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने शोक जताया है. उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा 'उनकी विनम्रता और परोपकार की भावना सदियों तक प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी. उनका जाना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. ईश्वर से प्रार्थना है कि उनके परिवारजनों और प्रशंसकों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. मेरी विनम्र श्रद्धांजलि. ॐ शांति!

झारखंड में एक दिन का राजकीय शोक

रतन टाटा के निधन की खबर जैसे ही झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को लगी उन्होंने शोक व्यक्त किया. इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एक दिन का राजकीय शोक का भी ऐलान किया उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा 'झारखंड जैसे देश के पिछड़े राज्य को विश्व में पहचान दिलाने वाले टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन एवं पद्म विभूषण श्री रतन टाटा जी के देहावसान पर एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की जाती है.'

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रांची: भारत के महान उद्योगपति और पद्म विभूषण रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनके निधन की खबर जैसे ही झारखंड के लोगों को मिली, जमशेदपुर सहित पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने शोक व्यक्त किया है इसके साथ ही उन्होंने झारखंड में एक दिन का राजकीय शोक की घोषणा की है.

रतन टाटा का जन्म 1937 में हुआ था. उनके पिता का नाम नवल टाटा और मां का नाम सुनू था. सिर्फ 17 साल की उम्र में रतन टाटा अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित कार्नेल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई शुरू की और यहां से वास्तुकला और इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. 1962 में ग्रेजुएट होने के बाद उन्होंने पहला बार टाटा कंपनी में बतौर असिस्टेंट शामिल हुए. रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत जमशेदपुर से की थी. उन्होंने टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी जो अब टाटा मोटर्स के नाम से जानी जाती है में 6 महीने की ट्रेनिंग ली थी. इसके बाद उन्होंने टाटा स्टील में काम किया. 1965 में वे टिस्को के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में भेजे गए. यहां उन्होंने टेक्निकल ऑफिसर के रूप में काम किया.

आखिरी बार 2021 में जमशेदपुर पहुंचे थे रतन टाटा

रतन टाटा आखिरी बार 2021 में 3 मार्च को स्थापना दिवस के मौके पर जमशेदपुर पहुंचे थे. उनके साथ टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी थे. यहां उनका स्वागत टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने स्वागत किया था. रतन टाटा ने इस दिन जुबली पार्क में होने वाले लाइट शो और टाटा स्टील कंपनी के मुख्य समारोह में शामिल हुए थे.

रांची में कैंसर अस्पताल की रखी नींव

रतन टाटा का झारखंड से गहरा लगाव था. यही वजह है कि उन्होंने झारखंड के लोगों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए यहां 2018 में कैंसर अस्पताल की नींव रखी. इस अस्पताल का काम फिलहाल चल रहा है और यह जल्द ही शुरू हो जाएगा. जिसके बाद यह पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा कैंसर अस्पताल बनेगा.

राज्यपाल संतोष गंगवार ने जताया शोक

रतन टाटा के निधन के बाद झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने शोक जताया है. उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा 'उनकी विनम्रता और परोपकार की भावना सदियों तक प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी. उनका जाना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. ईश्वर से प्रार्थना है कि उनके परिवारजनों और प्रशंसकों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. मेरी विनम्र श्रद्धांजलि. ॐ शांति!

झारखंड में एक दिन का राजकीय शोक

रतन टाटा के निधन की खबर जैसे ही झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को लगी उन्होंने शोक व्यक्त किया. इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एक दिन का राजकीय शोक का भी ऐलान किया उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा 'झारखंड जैसे देश के पिछड़े राज्य को विश्व में पहचान दिलाने वाले टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन एवं पद्म विभूषण श्री रतन टाटा जी के देहावसान पर एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की जाती है.'

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