पटना: बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं ने प्रतिरोध मार्च निकाला. राजधानी पटना के इनकम टैक्स चौराहा से लेकर डीएम कार्यालय तक इंडिया गठबंधन के सभी कार्यकर्ता पार्टी का झंडा लिए पहुंचे और सरकार के खिलाफ हल्ला बोला. इनकम टैक्स चौराहे पर पुलिस बल प्रतिरोध मार्च को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की थी लेकिन नेता इसे तोड़ते हुए आगे बढ़ते गए. इस दौरान पुलिस बल के साथ नोकझोंक भी हुई.
'आपराधिक घटनाओं पर सरकार मौन': बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह का कहना है कि बिहार बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर सरकार मौन है. सरकार हाई लेवल मीटिंग करती है लेकिन इसके बावजूद भी आपराधिक घटनाएं नहीं थम रही है. सरकार को इसका जवाब देना होगा. इसका जवाब हम लोग बिहार विधानसभा सत्र में भी लेंगे.
"जब बिहार के नेता के परिवार ही सुरक्षित नहीं है, जनता सुरक्षित नहीं है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गद्दी पर क्यों बैठे हैं. ऐसे मुख्यमंत्री से बिहार नहीं संभल रहा है. मुख्यमंत्री को एक्शन लेने के बजाय अपना वोट दिख रहा है. आने वाला विधानसभा चुनाव 2025 में इसका अंजाम नीतीश कुमार को भुगतना पड़ेगा." -अखिलेश सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
'बिहार की जनता चिंतित': अखिलेश सिंह ने कहा कि यह प्रतिरोध मार्च बिहार की जनता की आवाज है. बिहार के जनता बढ़ते अपराध को लेकर के काफी चिंतित है. जनता की आवाज इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ता बने हुए हैं. अखिलेश सिंह ने कहा कि हमलोग पटना ही नहीं बल्कि पूरे बिहार के सभी जिलों में जिला मुख्यालय पर प्रतिरोध मार्च निकालकर डीएम को ज्ञापन सौंपा गया है.
'जनता को इग्नोर कर सकते नीतीश कुमार': इंडिया गठबंधन के प्रदर्शन में कांग्रेस, राजद, वामदल सहित सभी घटक दल शामिल रहे. इस दौरान कांग्रेस विधायक मंडल के नेता शकील अहमद ने पुलिस प्रशासन पर प्रदर्शन पर रोक लगाने का आरोप लगाया. कहा कि पुलिस प्रशासन हमलोगों को रोकने की कोशिश कर रही है लेकिन हम लोग रुकेंगे नहीं बल्कि नीतीश कुमार को यह दिखाएंगे और बताएंगे कि आप विपक्ष को और जनता को इग्नोर नहीं कर सकते हैं.
"इसका खामियाजा नीतीश कुमार को भुगतना पड़ेगा. सुशासन के राज्य में बिहार में आपराधिक घटनाएं घट रही है. बीजेपी भी उनके साथ है. पुलिस अपराध रोकने के बजाय दारू पकड़ने में जुटी हुई है. एक केस लिखने के लिए भी रुपए की डिमांड करते हैं. लेकिन आज उनके राज में इस तरह की अपराधी घटनाएं घट रही है जिससे बिहार की जनता काफी चिंतित है." -शकील अहमद, कांग्रेस विधायक मंडल के नेता
जीतन सहनी की हत्या को बनाया मुद्दाः बता दें कि बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या के बाद से विपक्ष अक्रामक दिख रहे हैं. बिहार में लॉ एंड ऑर्डर के बिगड़ने का हवाला देते हुए लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं. विपक्ष का आरोप है कि नीतीश सरकार बिहार में आपराधिक घटना को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. इसी के खिलाफ शुक्रवार को पटना सहित पूरे प्रदेश में विपक्ष ने प्रदर्शन किया.