अमरावती: एक दुखद घटना में, विजयवाड़ा निवासी इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्र एम. वामशी कृष्णा ने आत्महत्या कर ली है. उसका शव कृष्णा नदी से बरामद किया गया है. बताया जा रहा है कि वह लोन ऐप के जाल में फंस गया था. एजेंटों के उत्पीड़न से परेशान होकर उसने ऐसा कदम उठाया.
वामशी की कैंपस प्लेसमेंट में बस कुछ ही महीने बचे थे. उसके पिता दिहाड़ी मजदूर हैं. वह अपने दो बेटों को शिक्षित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे. बड़े बेटे वामशी ने हमेशा अपनी पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन किया था. उसने इंजीनियरिंग कॉलेज में मुफ्त सीट हासिल की थी. चार साल की कड़ी मेहनत के बाद, वह अपना करियर शुरू करने की कगार पर था जब वह लोन ऐप के जाल में फंस गया. मूल रकम चुकाने के बावजूद ऐप संचालक उन पर लगातार अत्यधिक ब्याज भुगतान के लिए दबाव बनाते रहे. इस महीने की 25 तारीख को घर पर अपनी वित्तीय परेशानियों का खुलासा करने में असमर्थ वामशी ने अपना घर छोड़ दिया.
उसने अपने पिता के सेलफोन पर मैसेज भेजा, 'मां, पिताजी, कृपया मुझे माफ कर दें. मुझे क्षमा करें'. इस संदेश से सतर्क हुए उसके माता-पिता ने पुलिस को सूचना दी. दो दिन की तलाश के बाद नदी के किनारे उसकी बाइक मिल गई, लेकिन सोमवार सुबह तक वामशी का पता नहीं लग पाया. पुलिस को नदी में एक अज्ञात शव के बारे में सूचना मिली. जांच करने के बाद उसकी पहचान बाद में वामशी के रूप में हुई.
वामशी की मां सुभद्रा और उसके भाई योगीकुमार गमगीन हैं. इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि वामशी ने लोन ऐप के माध्यम से कितना पैसा उधार लिया और कितना चुकाया. पुलिस को संदेह है कि ये लोन क्रिकेट सट्टेबाजी के लिए लिया गया था. अधिकारियों ने जनता को ऑनलाइन लोन ऐप्स से सावधान रहने की चेतावनी दी है.
ताडेपल्ली सीआई कल्याण राजू के अनुसार, किसी कर्जदार की मृत्यु के बाद भी ऐप संचालक परिवार के सदस्यों को फोन कॉल से परेशान करना जारी रखते हैं. हाल ही में, एनटीआर जिले में एक युवक ने भी लोन ऐप संचालकों की प्रताड़ना के कारण अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी. जनता पुलिस से ऐसे संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रही है.
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