पाकुड़: जिला मुख्यालय के भगत धर्मशाला में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम) कार्यकर्ताओं की बैठक हुई. इस बैठक में मुख्य रूप से पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने हिस्सा लिया. उन्होंने यहां मौजूद कार्यकर्ताओं को संगठन विस्तार करने, नये लोगों को पार्टी से जोड़ने की बात कही.
इस बैठक के बाद वन नेशन वन इलेक्शन को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा दी गयी मंजूरी को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा कि सीपीआईएम ने इसका सख्त विरोध किया है. जब कमेटी का गठन हुआ उसी वक्त हमने कहा था कि ये हमारी संसदीय प्रणाली और संविधान पर हमला है.
Oppose #OneNationOneElection drive of #modigovernment pic.twitter.com/JBTMetjeZa
— CPI (M) (@cpimspeak) September 19, 2024
सीपीआई नेता वृंदा करात ने कहा कि हमारे संविधान में हर पांच साल में जनता को सरकार बनाने का अधिकार है और ये संसदीय प्रणाली का बुनियाद है. लेकिन वन नेशन वन इलेक्शन करेंगे तो जिस राज्य में विधानसभा चुनाव का पांच साल पूरा नहीं हुआ है वहां विधानसभा को भंग कर चुनाव कराएंगे ये एक तरह का संविधान पर हमला है. वृंदा करात ने कहा कि बिना किसी से बात किये वक्फ संशोधन बिल लाये हैं ये भी संविधान पर हमला है और ये बिल जबरन मोदी सरकार थोपना चाहती है जिसका हम विरोध करते हैं.
झारखंड में भारतीय जनता पार्टी द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठ उठाये गए मुद्दे को वृंदा करात ने भाजपा का चुनावी घुसपैठ करार दिया है. उन्होंने कहा कि ज़ब न्यायालय ने सबूत मांगा तो भाजपा के लोग कोई सबूत नहीं दिखा पाए और बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर हंगामा खड़ा कर रहे हैं. हाल में चुनाव है और सांप्रदायिक रंग देकर लोगो को विभाजन करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा सिर्फ जहर उगलने का काम करते हैं ऐसे मामले में चुनाव आयोग को संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
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