नई दिल्ली: दिल्ली एम्स में मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मरीज भर्ती कराया गया है. एम्स से मिली जानकारी के मुताबिक यह मरीज विदेश यात्रा से लौटा है. व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर उसे एम्स के एबी 7 वार्ड में आइसोलेट किया गया है. हालांकि, मरीज में मंकीपॉक्स की पुष्टि नहीं हुई है. उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है. लेकिन अभी ये व्यक्ति डॉक्टरों की निगरानी में है.
बता दें कि दिल्ली एम्स में साल 2022 में मंकीपॉक्स के कुछ मामले मिले थे तभी से एम्स में इसकी जांच की सुविधा शुरू हो गई थी. हालांकि, अगर एम्स में किसी मरीज में मंकीपॉक्स की पुष्टि होती है तो उसे सफदरजंग अस्पताल में रेफर किया जाएगा. केंद्र सरकार की ओर से मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए रेफरल अस्पताल घोषित किया गया है. एबी सात वार्ड में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए 5 बेड आरक्षित किए गए हैं.
एबी-7 वार्ड में बेड नंबर 33, 34, 35, 36 और 37 को मंकीपॉक्स रोगियों को अलग करने के लिए निर्धारित किया गया है. ये बेड आपातकालीन सीएमओ की संस्तुति पर मंकीपॉक्स रोगियों को आवंटित किए जाएंगे और उनका उपचार मेडिसिन विभाग द्वारा किया जाएगा.
मरीज के लिए ये है सुविधा
एबी-7 रोगी के लिए तब तक अस्थायी होल्डिंग एरिया रहेगा, जब तक कि उसे अंतिम देखभाल के लिए निर्धारित सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित नहीं कर दिया जाता. मंकीपॉक्स रोगियों को सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए एक एम्बुलेंस आवंटित की गई है. आपातकालीन कर्मचारियों को संदिग्ध मंकीपॉक्स रोगी को सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए मोबाइल नंबर 8929683898 पर एम्बुलेंस को सूचित करना होगा. इसके अलावा लेडी हार्डिंग, आरएमएल अस्पताल व दिल्ली सरकार के लोकनायक, जीटीबी व अंबेडकर अस्पताल को भी मंकीपॉक्स के मरीजों के इलाज के लिए नोडल अस्पताल बनाया गया है.
बता दें, साल 2022 में भारत में मंकीपाक्स के 23 मामले आए थे. तब दिल्ली में भी इसका मामला आया था. इसका संक्रमण होने पर बुखार, त्वचा पर लाल चकत्ते, फफोले बन जाते हें. फफोले के कारण शरीर में दर्द होता है और त्वचा पर खुजली होती है.
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