रामपुर : जेल से छूटने के बाद सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान की पत्नी ताजीन फातिमा ने अपने और परिवार पर दर्ज मुकदमों के लिए एक अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही डूंगरपुर प्रकरण में पति को हुई 10 वर्ष की सजा और 14 लाख रुपये जुर्माने को नाइंसाफी की चरम सीमा कहा है. साथ ही कहा है कि वे आखिरी सांस तक लड़ेंगी.
8 माह 11 दिन रामपुर की जेल में बंद रहने के बाद जमानत पर छूटीं आजम खान की पत्नी ताजीन फातिमा मीडिया से रूबरू हुईं. पति आज़म व बेटे अब्दुल्लाह पर हुए मुकदमा को लेकर खुलकर अपनी बात रखी. हालांकि ताजीन चुनाव पर बयान देने से साफ मुकरती रहीं. ताजीन पर खुद पर और अपने परिवार पर मुकदमों के लिए एक अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया. ताजीन ने कहा कि अभी तो हमने चुनाव पर नजर डाली ही नहीं है, हम अपने मुकदमों में घिरे हुए हैं.
आजम को सजा पर कहा कि लड़ाई तो हम आखरी सांस तक लड़ते ही रहेंगे, जब तक हमें पूरे तौर पर इंसाफ मिल नहीं जाता. जो उन्हें सजा हुई है यह नाइंसाफी की चरम सीमा है. डूंगरपुर प्रकरण में किसी एफआईआर में आजम खान का नाम नहीं है, केवल चंद झूठे गवाहों का संज्ञान लेकर सजा कर दी गई है.
ताजीन ने पीएम की 45 घंटे की साधना पर कुछ भी कहने से इंकार किया. वहीं बर्थ सर्टिफिकेट मामले में कहा इसमें कोई भी चीज फर्जी नहीं है. एक गलती में सुधार करने की कोशिश की गई बल्कि सुधार करवाया भी गया है, जो जन्म प्रमाण पत्र यहां बना था, उसे निरस्त करवाया गया. उसके बाद ही असली लखनऊ से जारी किया गया.
ताजीन ने कहा कि मुकदमे तो सारे झूठे और फ़र्ज़ी लिखे गए हैं. एक अधिकारी के यहां रात में आधे आधे घंटे में एफआईआर लिखी गई है. जो बेचारे अनपढ़ लोग थे उनसे सादे पेपर पर सिग्नेचर कराए गए हैं. कहा लड़ाई जितनी भी लंबी हो या छोटी हो, लड़ना ही है.