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टिकट न मिलने पर बृजभूषण शरण सिंह बोले- यह हमारी चिंता का विषय नहीं, हम भाजपा से बड़े नहीं हैं - Brij Bhushan Sharan Singh

कैसरगंज सीट से सांसद बृजभूषण शरण सिंह को अभी तक इस सीट से टिकट नहीं मिला है. हालांकि भाजपा ने अभी यहां पर किसी के नाम पर मुहर भी नहीं लगाई है. बृजभूषण पर पहलवानों के आरोपों के बाद से ही यह सीट सुर्खियों में है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 23, 2024, 7:47 AM IST

गोंडा : सांसद बृजभूषण शरण सिंह सोमवार को मनकापुर राजघराने के कुंवर विक्रम के निधन पर उनके परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना देने पहुंचे. इस दौरान मंगल भवन में उन्होंने मीडिया से बातचीत में टिकट पर कहा कि हम भाजपा से बड़े नहीं हैं. हो सकता है पार्टी की इसके पीछे कोई रणनीति हो. यह हमारी चिंता का विषय नहीं है.

सपा से करीबी होने पर सांसद ने कहा कि मैंने मजहब की राजनीति कभी नहीं की. 1989 में सपा प्रदेश में सत्ता में थी. उस दौरान मुलायम सिंह सीएम थे. अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने के बाद सबसे पहले मुझे पकड़ा गया था. इन सबके बावजूद मुलायम जब तक जीवित रहे उनसे अच्छे संबंध रहे. हमारा मुस्लिम समाज से भी हमेशा अच्छा संबंध रहा है.

ऐसे में हर बात को राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. वहीं राहुल गांधी व अखिलेश यादव पर बोलने से सांसद बचते नजर आए. वहीं सांसद ने मजाक वाले लहजे में टिकट न मिलने का ठीकरा मीडिया पर फोड़ा. कहा की आप लोगों की वजह से ही टिकट नहीं मिल रहा है.

बता दें कि महिला पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उनके खिलाफ कई दिनों तक प्रदर्शन भी किया था. यह मामला कोर्ट में है. पिछले दिनों भी टिकट के सवाल पर सांसद ने रामचरितमानस की एक चौपाई को दोहराया था. कहा था कि होइए हैं सोइ जो राम रचि राखा.

यह भी पढ़ें : अखिलेश नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव; कन्नौज से भतीजे तेज प्रताप यादव को दिया टिकट, बलिया से सनातन पांडेय सपा प्रत्याशी घोषित

गोंडा : सांसद बृजभूषण शरण सिंह सोमवार को मनकापुर राजघराने के कुंवर विक्रम के निधन पर उनके परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना देने पहुंचे. इस दौरान मंगल भवन में उन्होंने मीडिया से बातचीत में टिकट पर कहा कि हम भाजपा से बड़े नहीं हैं. हो सकता है पार्टी की इसके पीछे कोई रणनीति हो. यह हमारी चिंता का विषय नहीं है.

सपा से करीबी होने पर सांसद ने कहा कि मैंने मजहब की राजनीति कभी नहीं की. 1989 में सपा प्रदेश में सत्ता में थी. उस दौरान मुलायम सिंह सीएम थे. अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने के बाद सबसे पहले मुझे पकड़ा गया था. इन सबके बावजूद मुलायम जब तक जीवित रहे उनसे अच्छे संबंध रहे. हमारा मुस्लिम समाज से भी हमेशा अच्छा संबंध रहा है.

ऐसे में हर बात को राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. वहीं राहुल गांधी व अखिलेश यादव पर बोलने से सांसद बचते नजर आए. वहीं सांसद ने मजाक वाले लहजे में टिकट न मिलने का ठीकरा मीडिया पर फोड़ा. कहा की आप लोगों की वजह से ही टिकट नहीं मिल रहा है.

बता दें कि महिला पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उनके खिलाफ कई दिनों तक प्रदर्शन भी किया था. यह मामला कोर्ट में है. पिछले दिनों भी टिकट के सवाल पर सांसद ने रामचरितमानस की एक चौपाई को दोहराया था. कहा था कि होइए हैं सोइ जो राम रचि राखा.

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