कटक: ओडिशा के कटक में रविवार को एक और सिम बॉक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ. यह मधुपटना इलाके में चलाया जा रहा था. कमिश्नरेट पुलिस ने पश्चिम बंगाल के राजू मंडल की सूचना के आधार पर रैकेट का भंडाफोड़ किया. राजू मंडल भुवनेश्वर के लक्ष्मीसागर इलाके में पकड़े गए सिम बॉक्स रैकेट का मुख्य आरोपी है. राजू मंडल को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे पांच दिन की रिमांड पर लिया है. पूछताछ के दौरान उसने कटक में सिम बॉक्स रैकेट का खुलासा किया.
भुवनेश्वर के डीसीपी प्रतीक सिंह ने कहा, हमने राजू मंडल के लिए 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने पांच दिन की रिमांड मंजूर की. पूछताछ के दौरान मंडल ने कथित तौर पर खुलासा किया कि वह कटक में एक अन्य साइट सहित शहर में कई स्थानों से सिम बॉक्स संचालित कर रहा था. हम इसकी जांच कर रहे हैं. हम उसके परिवार से उसकी पृष्ठभूमि के बारे में और अधिक जानने के लिए भी संपर्क कर रहे हैं और यह पता लगाया जा रहा है कि इस रैकेट में उसका कोई साथी शामिल था या नहीं.
उन्होंने कहा कि हम अपनी जांच में इस बात पर जोर दे रहे हैं कि क्या सिम बॉक्स का उपयोग साइबर अपराध, आतंकवादी गतिविधियों या नकली टेलीफोन एक्सचेंज बनाने के लिए किया जा रहा था.
सिम कार्ड की जांच के लिए विशेष टीम गठित
भुवनेश्वर-कटक कमिश्नरेट के पुलिस आयुक्त संजीव पांडा ने कहा, राजू मंडल द्वारा इस्तेमाल किए गए सिम कार्ड की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है. ओडिशा पुलिस पश्चिम बंगाल पुलिस के साथ समन्वय करने और अधिक जानकारी के लिए मंडल के गृहनगर में एक टीम भेजने की योजना बना रही है. मंडल भुवनेश्वर में लीज पर ली गई संपत्ति से असदुर जमान नाम के एक बांग्लादेशी नागरिक की ओर से यह काम करता था, जिससे यूपीएस, इंटरनेट और अन्य सेवाओं की कार्यक्षमता सुनिश्चित होती थी.
गौरतलब है कि भुवनेश्वर-कटक कमिश्नरेट पुलिस ने कुछ दिन पहले लक्ष्मीसागर क्षेत्र के अंतर्गत महादेवनगर में एक घर से सात सिम बॉक्स जब्त किए थे. घर की तलाशी के दौरान पश्चिम बंगाल से पहले से एक्टिवेट किए गए 1000 सिम कार्ड, पुराने सिम, राउटर और अन्य उपकरण भी जब्त किए गए थे. पुलिस कमिश्नर संजीव पांडा ने शनिवार को बताया था कि गिरफ्तार आरोपी राजू मंडल का हैंडलर एक बांग्लादेशी नागरिक है, जिसकी पहचान असदुर जमान के रूप में हुई है.
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