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ओडिशा : कांग्रेस ने सीएम मोहन माझी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस किया पेश - privilege notice against CM - PRIVILEGE NOTICE AGAINST CM

Odisha Assembly,ओडिशा विधानसभा का सत्र जारी रहने के दौरान मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा सदन के बाहर अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा किए जाने पर कांग्रेस ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया. वहीं इसको लेकर कांग्रेस और बीजद ने हंगामा भी किया.

Congress MLA Taraprasad Bahinipati (L) moves breach of privilege notice against CM Mohan Charan Majhi in Odisha assembly
कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बाहिनीपति (बाएं) ने ओडिशा विधानसभा में सीएम मोहन चरण माझी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 29, 2024, 7:58 PM IST

भुवनेश्वर: ओडिशा विधानसभा का सत्र जारी रहने के दौरान मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा सदन के बाहर अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा किए जाने पर सोमवार को कांग्रेस और विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) ने आपत्ति जताई. साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति ने मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया और उन पर विधानसभा का अनादर करने तथा 26 जुलाई को सदन के बाहर नीतिगत निर्णय की घोषणा करने का आरोप लगाया.

बीजद और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा सदन के सत्र के दौरान अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा करने पर हंगामा किया. इस वजह से ओडिशा विधानसभा सोमवार को शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. वरिष्ठ कांग्रेस विधायक तारा बहिनीपति ने विधानसभा के बाहर अग्निवीरों के लिए की गई घोषणा की आलोचना करते हुए कहा कि विधानसभा के इतिहास में एक शर्मनाक अध्याय जुड़ गया है. उन्होंने कहा कि एक नई परंपरा बन गई है.

सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा सदन के बाहर घोषणा करना कहां तक ​​उचित है. मैं इस मामले में अध्यक्ष से निर्णय लेने की मांग करता हूं. वहीं बीजद की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने कहा कि यह असामान्य बात नहीं है कि नई सरकार के पास किसी तरह का अनुभव नहीं है और वह गलतियां कर देती है. हालांकि, मुख्यमंत्री को सदन के समक्ष इस बात के लिए माफी मांगनी चाहिए कि उन्होंने सदन की अनदेखी की और सदन के बाहर नीतिगत निर्णय की घोषणा की.

उन्होंने भी अध्यक्ष से इस पर निर्णय लेने की मांग की. इससे पहले, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रक्षा सेवाओं में शामिल न हो पाने वाले ओडिशा के अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सैनिक हमारा गौरव हैं. हमारे रक्षा बलों द्वारा प्रशिक्षित अग्निवीर विभिन्न सुरक्षा संबंधी क्षेत्रों में राष्ट्र की सेवा करने के लिए योग्य हैं. उन्होंने आगे कहा कि अग्निवीर योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक ऐतिहासिक पहल है. इस पहल ने हमारे युवाओं को सक्षम और निडर बनाया है, जिससे वे जीवन में आने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामना कर सकते हैं. ओडिशा सरकार ने राज्य की वर्दीधारी सेवाओं में अग्निवीरों की भर्ती करने का निर्णय लिया है.

उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार राज्य के उन अग्निवीरों के लिए अपनी वर्दीधारी सेवाओं में 10 प्रतिशत तक आरक्षण प्रदान करेगी, जो रक्षा बलों में शामिल नहीं हैं. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उन्हें आयु में पांच वर्ष की छूट भी दी जाएगी.

ये भी पढ़ें - 'वीके पांडियन की भाजपा के साथ डील', जानें रिपोर्ट पर ओडिशा के पूर्व सीएम पटनायक ने क्या कहा

भुवनेश्वर: ओडिशा विधानसभा का सत्र जारी रहने के दौरान मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा सदन के बाहर अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा किए जाने पर सोमवार को कांग्रेस और विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) ने आपत्ति जताई. साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति ने मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया और उन पर विधानसभा का अनादर करने तथा 26 जुलाई को सदन के बाहर नीतिगत निर्णय की घोषणा करने का आरोप लगाया.

बीजद और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा सदन के सत्र के दौरान अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा करने पर हंगामा किया. इस वजह से ओडिशा विधानसभा सोमवार को शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. वरिष्ठ कांग्रेस विधायक तारा बहिनीपति ने विधानसभा के बाहर अग्निवीरों के लिए की गई घोषणा की आलोचना करते हुए कहा कि विधानसभा के इतिहास में एक शर्मनाक अध्याय जुड़ गया है. उन्होंने कहा कि एक नई परंपरा बन गई है.

सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा सदन के बाहर घोषणा करना कहां तक ​​उचित है. मैं इस मामले में अध्यक्ष से निर्णय लेने की मांग करता हूं. वहीं बीजद की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने कहा कि यह असामान्य बात नहीं है कि नई सरकार के पास किसी तरह का अनुभव नहीं है और वह गलतियां कर देती है. हालांकि, मुख्यमंत्री को सदन के समक्ष इस बात के लिए माफी मांगनी चाहिए कि उन्होंने सदन की अनदेखी की और सदन के बाहर नीतिगत निर्णय की घोषणा की.

उन्होंने भी अध्यक्ष से इस पर निर्णय लेने की मांग की. इससे पहले, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रक्षा सेवाओं में शामिल न हो पाने वाले ओडिशा के अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सैनिक हमारा गौरव हैं. हमारे रक्षा बलों द्वारा प्रशिक्षित अग्निवीर विभिन्न सुरक्षा संबंधी क्षेत्रों में राष्ट्र की सेवा करने के लिए योग्य हैं. उन्होंने आगे कहा कि अग्निवीर योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक ऐतिहासिक पहल है. इस पहल ने हमारे युवाओं को सक्षम और निडर बनाया है, जिससे वे जीवन में आने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामना कर सकते हैं. ओडिशा सरकार ने राज्य की वर्दीधारी सेवाओं में अग्निवीरों की भर्ती करने का निर्णय लिया है.

उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार राज्य के उन अग्निवीरों के लिए अपनी वर्दीधारी सेवाओं में 10 प्रतिशत तक आरक्षण प्रदान करेगी, जो रक्षा बलों में शामिल नहीं हैं. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उन्हें आयु में पांच वर्ष की छूट भी दी जाएगी.

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