भुवनेश्वर: ओडिशा के मुख्यमंत्री पद के लिए मनोनीत मोहन चरण माझी ने कई भूमिकाएं निभाई हैं. वह आरएसएस संचालित स्कूल में शिक्षक रहे और फिर सरपंच बने. इसके बाद उन्होंने आदिवासियों के अधिकारों के पैरोकारी की और खनन माफिया के खिलाफ मौर्चा खोला और अब वह ओडिशा के सीएम बनने जा रहे हैं.
चार बार के क्योंझर विधायक चरण माझी को मुख्यमंत्री के पद के लिए मनोनीत करना भारतीय जनता पार्टी (BJP) की रणनीति मानी जा रही है. दरअसल, वह आदिवासी समुदाय से आते हैं और झारखंड में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. क्योंझर सदर क्षेत्र के रायकला में पले-बढ़े माझी ने एक छात्र के रूप में ही अपनी प्रतिभा का परिचय दिया और अपने समुदाय के लिए काम करने के लिए हमेशा तत्पर रहे.
उन्होंने कानून की पढ़ाई की और कुछ समय तक आरएसएस संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में पढ़ाया. उसके बाद 1997 से 2000 तक वे एक निर्वाचित सरपंच के रूप में राजनीति में आए और फिर पहली बार विधायक बने.इसके बाद उन्होंने बीजेपी के आदिवासी मोर्चा के सचिव के रूप में काम किया और पार्टी में अपनी जगह बनाई.
फुटपाथ पर गुजारी कई रातें
वह 2019 में बीजेपी मुख्य सचेतक बन गए. इससे पहले, जब बीजेपी 2005 से 2009 तक बीजेडी के साथ गठबंधन का हिस्सा थी, तब उन्होंने उप मुख्य सचेतक के रूप में भी कार्य किया था. 2019 में वह क्योंझर सीट से चुनाव लड़े और विधायक बने. इस दौरान माझी ने उस समय सुर्खियां बटोरीं, जब उन्होंने विधानसभा में सरकारी क्वार्टर के आवंटन में देरी के कारण फुटपाथ पर कई रातें बिताने की बात की.
माझी ने तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष एस एन पात्रो से कहा कि वह इतने कम समय में घर किराए पर नहीं ले सकते थे और जब वह खुले में सो रहे थे, तब उनका मोबाइल फोन चोरी हो गया था.
सीएम के लिए घर तलाश रहा प्रशासन
गौरतलब है कि अब जबकि वह राज्य के सीएम बनने जा रहे हैं, तो एक बार फिर उनके पास घर नहीं है और प्रशासन उनके लिए घर की तलाश कर रहा है. चूंकि निवर्तमान सीएम नवीन पटनायक पिछले 24 साल से भुवनेश्वर में अपने निजी आवास में रहते थे, इसलिए नामित मुख्यमंत्री बंगले की आवश्यकता कभी महसूस नहीं हुई.
बता दें कि माझी एक बार ही विवादों में रहे हैं. उन्हें पिछले साल सितंबर में पूर्व स्पीकर प्रमिला मलिक ने दलित विधायक मुकेश महालिंग के साथ निलंबित कर दिया था, क्योंकि उन पर मिड-डे स्कूल मील के लिए कथित दाल खरीद घोटाले के विरोध में कथित तौर पर मुट्ठी भर दाल फेंकने का आरोप था. उन्होंने इस आरोप का विरोध किया था.