कोटा. ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन (JEE MAIN 2024) का रिजल्ट हाल ही में घोषित हुआ है. इस परीक्षा परिणाम में ओडिशा के अंगुल जिले के राहुल कुमार साहू 99 पर्सेंटाइल स्कोर के साथ ऑल इंडिया रैंक 17873 और ओबीसी कैटेगरी रैंक 4459 लाएं हैं. अब राहुल जेईई एडवांस्ड की तैयारी कर रहे हैं. एक समय ऐसा आया था, जब आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते कोटा छोड़ने को मजबूर हो गया था. तब कोटा की फैकल्टी ने उसे विश्वास दिलाया और उसकी मेहनत को देखते हुए कोटा में रहने का खर्च भी उठाया. इसकी बदौलत ही आज वह जेईई परीक्षा के लिए तैयारी कर सका और नतीजतन जेईई मेन में अच्छा कर पाया.
फैकल्टी ने दिया साथ : राहुल का कहना है कि वह निर्धन बीपीएल परिवार से ताल्लुक रखता है. इंजीनियर बनने के लिए वो कोटा आया और एडमिशन लिया. आर्थिक स्थिति के चलते फीस में 50 प्रतिशत की रियायत मिली, लेकिन टेस्ट में लगातार नंबर कम आ रहे थे. ऐसे में वापस लौटने का मन बना लिया था. एक वक्त ऐसा लगा कि लक्ष्य हासिल नहीं हो पाएगा और पापा के गाढ़ी कमाई भी खराब हो जाएगी. उसने पापा से बात की और वापस लौटने का फैसला ले लिया. हालांकि, फैकल्टी को जानकारी मिली तब उन्होंने काउंसलिंग की और रहने का खर्च उठाने की बात कही. उन्होंने राहुल के पिता से भी बातचीत की. सबकी रजामंदी के बाद राहुल कोटा में रुका और एग्जाम की तैयारी में जुट गया और आखिरकार उसे सफलता मिली.
मैथ्स ओलंपियाड में जीता था गोल्ड : राहुल ने बताया कि मेरी मैथ्स शुरू से अच्छी है. इंजीनियर बनना चाहता था, लेकिन पता नहीं था कि इसके लिए क्या करना होता है. इंटरनेट से ही पता चला कि इसके लिए जेईई परीक्षा देनी होती है. पिता सरोज कुमार साहू की अंगुल में ही छोटी सी थड़ी है. मां ज्योत्सना मयी साहू गृहिणी हैं. कोटा में रहने-खाने का खर्च का पैसा भी कुछ रिश्तेदारों ने मुहैया कराया है.
राहुल ने 10वीं कक्षा में इंटरनेशनल मैथ्स ओलंपियाड में गोल्ड मेडल भी जीता था. निजी कोचिंग के निदेशक नवीन माहेश्वरी का कहना है कि राहुल जैसे कई विद्यार्थी हैं, जो प्रयास करते हैं और सफल होकर कोटा से जाते हैं. कोटा भविष्य बनाता है. यहां आकर विद्यार्थी को शिक्षा ही नहीं संघर्ष करने का हौसला भी सिखाया जाता है. यही कारण है कि इसे करियर और केयर सिटी कहते हैं.