रांची: झारखंड की 14 में से 5 लोकसभा सीटें अनुसूचित जनजाति यानी एसटी वर्ग के लिए रिजर्व हैं. पिछले चुनाव में तीन सीटों पर भाजपा तो एक-एक सीट पर झामुमों और कांग्रेस की जीत हुई थी. लेकिन एसटी के लिए रिजर्व 5 सीटों में से चार सीटों पर इस बार का समीकरण बदल गया है. वजह है महिला वोटरों की पुरुष वोटरों से ज्यादा संख्या. जाहिर है, महिलाएं निर्णायक भूमिका अदा करेंगी. 16 मार्च 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार राज्य के सभी 14 लोकसभा क्षेत्र में 2 करोड़ 55 लाख 18 हजार 642 मतदाता हैं.
चार सीटें जहां महिला वोटर होंगी निर्णायक
राज्य के 14 में से 4 लोकसभा क्षेत्र में पुरुषों की तुलना में महिला वोटर की संख्या अधिक हैं. जिन चार सीटों पर इस बार महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों की अपेक्षा अधिक है, वो है राजमहल, खूंटी, सिंहभूम और लोहरदगा. खास बात यह है कि ये चारों सीटें जनजाति के लिए रिजर्व हैं. हालांकि अधिसूचना जारी होने से पहले तक वोटर बनने की प्रक्रिया जारी है.
चुनाव आयोग का मानना है कि 18+ का कोई भी व्यक्ति वोटर बनने से ना चूके. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार के अनुसार पिछले चुनावों में यह देखा गया है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं मतदान के प्रति काफी रुचि रखती हैं और मतदान केन्द्रों पर खासकर ग्रामीण क्षेत्र में मतदान करने के लिए महिलाओं की लंबी लाइन बनी रहती है. महिलाओं को कोई परेशानी ना हो इसके लिए मतदान केन्द्र पर चुनाव आयोग के निर्देशानुसार व्यापक व्यवस्था की गई है.
सिंहभूम में महिला वोटरों की संख्या 7.27 लाख से ज्यादा है जबकि पुरुष वोटरों की संख्या 7.05 लाख से थोड़ा ज्यादा है. लोहरदगा में 7.07 लाख पुरुष वोटरों की तुलना में महिला वोटरों की संख्या 7.19 लाख है. राजमहल में 8.40 लाख पुरुष वोटरों की तुलना में महिला वोटरों की संख्या 8.41 लाख है. वही खूंटी में 6.4 लाख पुरुष वोटरों की तुलना में 6.67 लाख से ज्यादा महिला वोटर हैं.
खास बात है कि इस बार जिन चार सीटों पर महिला वोटरों की संख्या ज्यादा है, उनमें खूंटी और लोहरदगा सीट भाजपा के खाते में है जबकि राजमहल पर झामुमो और सिंहभूम सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. फर्क इतना भर है कि भाजपा ने सिंहभूम से कांग्रेस की इकलौती सांसद गीता कोड़ा को अपने पाले में मिलाकर अपना प्रत्याशी बना दिया है. इसकी वजह से इस सीट पर कांग्रेस की दावेदारी कमजोर हो गई है और झामुमो ने चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है.
थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या बढ़ी
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 2019 में 230 थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या थी जो बढकर 2024 में 407 हो गयी है. सर्वाधिक थर्ड जेंडर मतदाता जमशेदपुर में 128 हैं, वहीं धनबाद लोकसभा क्षेत्र में 78, राजमहल में 7, दुमका में 7, गोड्डा में 15, चतरा में 2, कोडरमा में 22, गिरिडीह 7, रांची 68, सिंहभूम 33, खूंटी 4, लोहरदगा 4, पलामू 01 और हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में 31 थर्ड जेंडर मतदाता हैं.
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