कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी 5 मई को देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम (NEET UG 2024) का आयोजन करने वाली है. यह परीक्षा पेन पेपर मोड पर 'वन नेशन वन एग्जाम' की तर्ज पर की जाती है. परीक्षा में सुरक्षा को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी खास इंतजाम करती है. इस बार भी एनटीए ने बैंक में पेपर रखने से लेकर हर रूम में सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. इस सीसीटीवी फुटेज की भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए मॉनिटरिंग की जाती है. अनफेयर मीन्स के मामले में कार्रवाई करते हुए एनटीए ने इस बार 39 अभ्यर्थियों को जेईई मेन से 3 साल के लिए निष्कासित कर दिया है.
बैंक में स्पेशल लॉकर, रेडियो फ्रीक्वेंसी वाली चाबी : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के कोऑर्डिनेटर, राजस्थान प्रदीप सिंह गौड़ का कहना है कि NTA नीट यूजी के पेपर को परीक्षा तारीख के 2 दिन पहले परीक्षा शहरों के बैंक में भेज देती है. कैश रखने के चेस्ट रूम में यह पेपर रखा जाता है. यह पेपर जिस लॉकर में होते हैं, उन्हें रेडियो फ्रीक्वेंसी वाली चाबी से ही खोला जाता है. इन रेडियो फ्रीक्वेंसी वाली चाबियों को भी परीक्षा के एक दिन पहले ही एनटीए कोड के जरिए दिल्ली से एक्टिवेट करती है. इसकी दो चाबियां मिलती हैं. पहली सेंटर सुपरिटेंडेंट यानी जिस स्कूल में परीक्षा हो रही है उसके प्रिंसिपल को मिलती है. वहीं, दूसरी चाबी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से परीक्षा केंद्र पर लगाए गए ऑब्जर्वर को मिलती है. दोनों चाबियों को लगाने से ही लॉक खुलता है. यह अकेला लॉक ही करीब डेढ़ लाख रुपए का होता है.
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एग्जाम शुरू होने के आधे घंटे पहले पहुंचते हैं केंद्र पर : एनटीए ने ऐसी व्यवस्था की हुई है कि यह लॉक तय समय पर ही खोले जाते हैं. इससे पहले खोले जाने या कुछ हरकत होने पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को पता चल जाता है. परीक्षा 2 बजे शुरू होनी है, ऐसे में परीक्षा केंद्र पर एक-डेढ़ बजे यह प्रश्न पत्र पहुंचेंगे. इस हिसाब से व्यवस्था होती है कि परीक्षा सेंटर की दूरी के हिसाब से बैंक को परीक्षा पत्र जारी कर दिया जाता है.
दिल्ली स्थित कंट्रोल रूम से सीधी मॉनिटरिंग : प्रदीप सिंह गौड़ का कहना है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी हर बार सीसीटीवी कैमरे की मदद से मॉनिटरिंग करती है. इन कैमरे को आईपी के जरिए दिल्ली स्थित कंट्रोल रूम से सीधा देखा जा सकता है, लेकिन इस बार व्यवस्था में और बदलाव कर दिया गया है. इस बार हर परीक्षा कक्ष में कैमरा स्थापित किया गया है, जिनकी मॉनिटरिंग भी दिल्ली से हो रही है. किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी होने पर उन्हें पकड़ा जा सकता है. इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अनेबल टूल भी लगाए गए हैं, जिसके जरिए अगर किसी कैंडिडेट पर शक होता है तो उसकी तुरंत जांच की जा सकती है.
एआई बेस्ड टूल से होगी रिकॉर्डिंग की जांच : उन्होंने बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड रियल टाइम एनालिटिकल टूल्स एंड टेक्नोलॉजी अनफेयर मीन्स और नकल के मामले को पकड़ने के लिए स्थापित की गई है. इसमें सीसीटीवी रिकॉर्डिंग का एनालिसिस और मॉनिटरिंग भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी से किया जाएगा. किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर इन्हें सबूत के तौर पर भी उपयोग में लिया जाएगा.
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बायोमेट्रिक भी एआई बेस्ड : परीक्षा केंद्र में प्रवेश के पहले सभी की सघन तलाशी होती है और बायोमेट्रिक व फ्रिस्किंग के जरिए ही प्रवेश दिया जाता है. यह बायोमेट्रिक भी एआई बेस्ड है, ताकि किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हो. यहां तक कि अभ्यर्थी के टॉयलेट जाने के बाद दोबारा उसकी बायोमेट्रिक और तलाशी होती है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ऑब्जर्वर प्रोफेसर लेवल की फैकल्टी को बनाती है. इसके अलावा डिप्टी ऑब्जर्वर भी लगाए जा रहे हैं. परीक्षा केंद्रों के आसपास पुलिस की तैनाती भी रहेगी. साथ ही आकस्मिक चेकिंग के लिए भी टीम तैनात रहेगी. पेन से लेकर कोई भी अनाधिकृत वस्तु केंद्र में अभ्यर्थियों को नहीं ले जाने दी जाती है. कोई मेटल उपकरण भी नहीं ले जा सकते हैं. परीक्षा केंद्र पर ही पेन उपलब्ध कराया जाता है.
मोबाइल की अनुमति नहीं, नेटवर्क तोड़ने के लिए 5G जैमर : परीक्षा के दौरान किसी भी स्टाफ को मोबाइल की अनुमति नहीं होती है. दूसरी तरफ परीक्षा के दौरान नकल रोकने के लिए नेटवर्क को तोड़ने के लिए जैमर का उपयोग होता है. इस बार 5G जैमर लगाए गए हैं, जिन्हें परीक्षा शुरू होने के पहले ही शुरू कर दिया जाएगा. केंद्र पर किसी भी तरह की निगरानी के लिए वॉकी टॉकी का इस्तेमाल किया जाएगा. इन सैटलाइट फोन के जरिए ही स्टाफ एक दूसरे से संपर्क साध सकता है.