हैदराबाद: वारिस पंजाब दे के मुखिया और खडूर साहिब से नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह और उनके नौ साथियों की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत हिरासत की अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी गई है. अमृतपाल सिंह और उनके तीन साथियों की मूल एनएसए हिरासत अवधि 24 जुलाई को समाप्त होने वाली थी, जबकि छह अन्य साथियों की एनएसए हिरासत अवधि 18 जून को समाप्त होने वाली थी.
वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह को एक महीने से अधिक समय तक चली तलाशी के बाद 23 अप्रैल, 2023 को मोगा के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद उनके खिलाफ एनएसए लगाया गया और उन्हें असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया. और नौ अन्य की असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत बुधवार को एक साल के लिए बढ़ा दी गई. ये सभी पिछले साल मार्च से जेल में हैं.
बीते साल 23 फरवरी को अजनाला की घटना के बाद पंजाब पुलिस ने उनके और उनके साथियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. इस घटना के दौरान, अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों ने तलवारों और बंदूकों से लैस होकर बैरिकेड्स तोड़ दिए और अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में एक पुलिस स्टेशन में घुस गए. वे अपने सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई के लिए पुलिस से भिड़ गए.
अमृतपाल सिंह और उनके साथियों पर सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने, हत्या का प्रयास करने, पुलिस कर्मियों पर हमला करने और सरकारी कर्मचारियों को उनके कर्तव्यों के वैध निर्वहन में बाधा डालने सहित कई आपराधिक मामलों में आरोप लगाए गए हैं.
बता दें, हाल ही में हुए आम चुनाव में, सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 मतों से हराया. अमृतपाल सिंह के समर्थक व उससे सहानुभूति रखने वाले उसे 1984 में भारतीय सेना के ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए सिख अलगाववादी जनरैल सिंह भिंडरावाले की परंपरा का एक नया नेता मानते हैं. अमृतपाल खुद भी भिंडरावाले को अपने लिए प्रेरणा मानता है.
खालिस्तान समर्थक प्रचारक और स्वयंभू उपदेशक अमृतपाल सिंह जेल जाने से पहले अलगाववादी दुष्प्रचार कर रहा था. शक्ल और नेवी ब्लू पगड़ी, सफेद चोला व तलवार के आकार की कृपाण धारण करने के कारण उसकी तुलना भिंडरावाले से की जाने लगी थी.
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