नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके सहयोगियों को दिल्ली के जंतर-मंतर या किसी दूसरे उपयुक्त स्थान पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अनुमति देने की मांग पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. जस्टिस प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली पुलिस को एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी.
याचिका एपेक्स बॉडी लेह ने दायर की है. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने दिल्ली पुलिस से जंतर-मंतर पर 8 अक्टूबर से लेकर 23 अक्टूबर के बीच शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की इजाजत मांगी थी. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने 5 अक्टूबर को उनकी प्रदर्शन करने की मांग को अस्वीकार कर दिया था.
याचिका में कहा गया है कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) और 19(1)(बी) का उल्लंघन है. ऐसा करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का भी उल्लंघन है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस की ओर से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने की कोई ठोस वजह नहीं बताई गई. याचिकाकर्ता अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं. वे लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं.
बता दें, हाल में हाईकोर्ट ने सोनम वांगचुक को रिहा करने की मांग करने वाली तीन याचिकाओं का निस्तारण किया था. दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट से कहा था कि सोनम वांगचुक को रिहा कर दिया गया है. दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि 30 सितंबर से 5 अक्टूबर तक दिल्ली में लगाई गई निषेधाज्ञा वापस ले ली गई और सोनम वांगचुक समेत उनके सहयोगियों को छोड़ दिया है. अब सोनम वांगचुक और उनके सहयोगी अपनी मर्जी के मुताबिक कहीं भी जा सकते हैं.
दरअसल, सोनम वांगचुक और उनके सहयोगियों को 30 सितंबर को दिल्ली की सीमा पर हिरासत में ले लिया गया था. वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. वांगचुक ने 1 सितंबर से लेह से यात्रा शुरू की थी. ये यात्रा करीब एक हजार किलोमीटर की थी.
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