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बढ़ सकती हैं एल्विश यादव की मुश्किलें, सांपों का जहर सप्लाई करने के मामले में पुलिस ने दाखिल की 1200 पेज की चार्जशीट - snake venom case

Snake venom case: एल्विश यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शुक्रवार को पुलिस ने मामले में 1200 पन्नों चार्जशीट दाखिल कर दी. डीसीपी नोएडा ने इसकी पुष्टि की है. पढ़ें पूरी खबर..

snake venom case
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 5, 2024, 9:18 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: रेव पार्टी आयोजित करने और उसमें सांपों का जहर सप्लाई करने के मामले में फंसे यूट्यूबर एल्विश यादव के खिलाफ नोएडा पुलिस ने शुक्रवार को संबंधित न्यायालय में 12 सौ पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. इसमें 24 गवाहों के बयान अटैच किए गए हैं. चार्जशीट में नोएडा पुलिस ने बताया है कि एल्विश का जेल भेजे गए सपेरों से संपर्क था. पुलिस ने उसके खिलाफ लगी एनडीपीएस की धाराओं का आधार भी बताया है.

नोएडा पुलिस द्वारा चार्जशीट में एल्विश और उसके सहयोगियों पर लगे आरोपों की पुष्टि की गई है. इसमें मुंबई स्थित डिपार्टमेंट ऑफ फारेंसिक मेडिसीन टॉक्सिकोलॉजी के विशेषज्ञ की सलाह भी शामिल की गई है. दरअसल पिछले साल पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था के पदाधिकारी ने एल्विश यादव और उसके साथियों पर सांपों के जहर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए सेक्टर-49 थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.

यह भी पढ़ें-सांप के जहर की तस्करी मामले में यूट्यूबर एल्विश यादव को मिली जमानत, लेकिन अभी रहना होगा जेल में, जानें क्यों

संस्था के सदस्य ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था. इसमें कोबरा सहित नौ सांप और 20 एमएल सांपों का जहर पांच सपेरों के पास मिला था. इसके बाद सभी को जेल भेज दिया गया था. संस्था के पदाधिकारी का एक ऑडियो बाद में वायरल हुआ था, जिसमें मुख्य आरोपी राहुल संस्था के पदाधिकारी से बात कर रहा था.

इसमें राहुल कह रहा था कि वह एल्विश की ओर से आयोजित होने वाली पार्टियों में शामिल हो चुका है. राहुल पार्टियों में अपने अन्य सपेरे दोस्तों के साथ गया था. हालांकि बाद में सभी को जमानत मिल गई. इसके बाद एल्विश की गिरफ्तारी लिए पुलिस ने ऑपरेशन चक्रव्यूह तैयार किया. देभभर में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमों को नोएडा पुलिस ने देखा और एक अन्य टीम ने जयपुर से आई फारेंसिक रिपोर्ट का अध्ययन भी किया. रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई थी, कि सांपों का जो जहर सपेरों के पास से मिला था, वह करैत प्रजाति के कोबरा का है. टीम ने एल्विश के कॉल डिटेल और सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला. जब उसके खिलाफ नोएडा पुलिस को पर्याप्त सबूत मिल गए तो पुलिस ने उसे नोटिस देकर पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया गया था. हालांकि उसे इस मामले में जमानत मिल गई थी.

पुलिस ने चार्जशीट में एल्विश के ऊपर लगे सभी आरोपों का जिक्र किया है. एल्विश की गिरफ्तारी के बाद ही मामले में चार्जशीट दाखिल होने की बात कही जा रही थी. जांच अधिकारी सहित अन्य अधिकारी चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया में लगे हुए थे. इसपर शीर्ष अधिकारियों की भी पैनी नजर रही. चार्जशीट दाखिल किए जाने की पुष्टि डीसीपी नोएडा विद्या सागर मिश्रा ने की.

यह भी पढ़ें-मनीषा रानी ने बिग बॉस OTT 2 विनर एल्विश यादव को क्यों किया था अनफॉलो, खुद बताई वजह

नई दिल्ली/नोएडा: रेव पार्टी आयोजित करने और उसमें सांपों का जहर सप्लाई करने के मामले में फंसे यूट्यूबर एल्विश यादव के खिलाफ नोएडा पुलिस ने शुक्रवार को संबंधित न्यायालय में 12 सौ पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. इसमें 24 गवाहों के बयान अटैच किए गए हैं. चार्जशीट में नोएडा पुलिस ने बताया है कि एल्विश का जेल भेजे गए सपेरों से संपर्क था. पुलिस ने उसके खिलाफ लगी एनडीपीएस की धाराओं का आधार भी बताया है.

नोएडा पुलिस द्वारा चार्जशीट में एल्विश और उसके सहयोगियों पर लगे आरोपों की पुष्टि की गई है. इसमें मुंबई स्थित डिपार्टमेंट ऑफ फारेंसिक मेडिसीन टॉक्सिकोलॉजी के विशेषज्ञ की सलाह भी शामिल की गई है. दरअसल पिछले साल पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था के पदाधिकारी ने एल्विश यादव और उसके साथियों पर सांपों के जहर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए सेक्टर-49 थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.

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संस्था के सदस्य ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था. इसमें कोबरा सहित नौ सांप और 20 एमएल सांपों का जहर पांच सपेरों के पास मिला था. इसके बाद सभी को जेल भेज दिया गया था. संस्था के पदाधिकारी का एक ऑडियो बाद में वायरल हुआ था, जिसमें मुख्य आरोपी राहुल संस्था के पदाधिकारी से बात कर रहा था.

इसमें राहुल कह रहा था कि वह एल्विश की ओर से आयोजित होने वाली पार्टियों में शामिल हो चुका है. राहुल पार्टियों में अपने अन्य सपेरे दोस्तों के साथ गया था. हालांकि बाद में सभी को जमानत मिल गई. इसके बाद एल्विश की गिरफ्तारी लिए पुलिस ने ऑपरेशन चक्रव्यूह तैयार किया. देभभर में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमों को नोएडा पुलिस ने देखा और एक अन्य टीम ने जयपुर से आई फारेंसिक रिपोर्ट का अध्ययन भी किया. रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई थी, कि सांपों का जो जहर सपेरों के पास से मिला था, वह करैत प्रजाति के कोबरा का है. टीम ने एल्विश के कॉल डिटेल और सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला. जब उसके खिलाफ नोएडा पुलिस को पर्याप्त सबूत मिल गए तो पुलिस ने उसे नोटिस देकर पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया गया था. हालांकि उसे इस मामले में जमानत मिल गई थी.

पुलिस ने चार्जशीट में एल्विश के ऊपर लगे सभी आरोपों का जिक्र किया है. एल्विश की गिरफ्तारी के बाद ही मामले में चार्जशीट दाखिल होने की बात कही जा रही थी. जांच अधिकारी सहित अन्य अधिकारी चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया में लगे हुए थे. इसपर शीर्ष अधिकारियों की भी पैनी नजर रही. चार्जशीट दाखिल किए जाने की पुष्टि डीसीपी नोएडा विद्या सागर मिश्रा ने की.

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