बीजापुर: नक्सल प्रभावित बस्तर की तस्वीर तेजी से बदलने लगी है. माओवादियों के खौफ से अब लोग घरों में दुबककर नहीं बैठ रहे हैं. गांव के लोग अब अपनी सुविधाओं को लेकर सजग हो गए हैं. ग्रामीण अब गांव से निकलकर सरकार दफ्तरों में मिलने वाली योजनाओं की चर्चा कर रहे हैं. गांव में स्कूल, कॉलेज, पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. ये पूरी तस्वीर बदल रही है सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ''नियद नेल्लानार'' से. नियद नेल्लानार योजना आज ग्रामीणों के लिए बड़ा संबल बन चुका है. योजना के तहत गांव में पीने के साफ पानी के लिए हैंडपंप लगाए जा रहे हैं. जिन गांव में लोग झिरिया और नाले का पानी पीते थे वहां के लोग अब हैंडपंप से पानी ले रहे हैं.
''नियद नेल्लानार'' योजना से बदल रही बस्तर की तस्वीर: नियद नेल्लानार योजना के जरिए गांव में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र खोले जा रहे हैं. बुनियादी सुविधाओं से वंचित किसान और ग्रामीण अफसरों से सुविधाओं की मांग कर रहे हैं. अफसर भी नियद नेल्लानार योजना के तहत गांव तक सुविधाओं का जाल बिछा रहे हैं. गाांव गांव में सड़कों का निर्माण शुरु हो चुका है. जिन गांव में पानी और राशन की दिक्कत थी वहां पर पानी और राशन की सुविधा बहाल की जा रही है. बच्चों का भविष्य बेहतर हो इसके लिए गांव में ही स्कूल और आंगनबाड़ी खोले जा रहे हैं. स्वास्थ्य की सुविधाओं में भी इजाफा किया जा रहा है.
''मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरे गांव पालनार में स्कूल बन रहा है. अब बच्चों को पढ़ने के लिए दूर नहीं जाना होगा. मैं खुद जवांगा में रहकर पढ़ी हूं. आंगनबाड़ी और राशन के लिए पीडीएस भी यहां मिले तो और बेहतर होगा. गांव में सभी सुविधाएं बढ़ रही है. सीएम को इसके लिए धन्यवाद है''. - सीता, निवासी पालनार
''बारिश के समय में पानी झिल्ली के जरिए नीचे लाते थे. गर्मी में तो पानी की और दिक्कत होती है. अब हैंडपंप लग गया है. इससे बड़ा फायदा होने लगा है. अब पानी की कोई दिक्कत नहीं है. और पानी की सुविधा बढ़ेगी तो और अच्छा होगा''. - स्थानीय निवासी
''राशन कार्ड और आधार कार्ड की सुविधा भी हमको मिले. स्कूल, राशन दुकान और सोसायटी भी यहां खुले तो और बेहतर होगा. बच्चों का स्कूल भी खुलना चाहिए. बच्चों पढ़ने के लिए दूर जाते हैं''. - स्थानीय निवासी
''शासन की जितनी भी योजनाएं हैं उनको सही तरीके से पूरा किया जा रहा है. जिन लोगों के राशन कार्ड, आधार कार्ड और आयुष्मान कार्ड नहीं बने हैं उनको कार्ड बनाए जा रहे हैं. सरकार की कोशिश है कि जो भी सरकार सुविधाएं हैं इनतक पहुंचे. दूर दराज के गांवों में स्कूल खोले जा रहे हैं. बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र भी खोले जा रहे हैं. जिन इलाकों में राशन पानी की दिक्कत है उनकी समस्याओं को भी दूर किया जा रहा है''. - अनुराग पांडेय, कलेक्टर, बीजापुर
नक्सलवाद की कमर तोड़ने में सरकार सफल: सरकार ने नियद नेल्लनार योजना के तहत नक्सल प्रभावित इलाकों में सुविधाओं को इजाफा करना शुरु कर दिया है. सरकार की कोशिश है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को भी तमाम सुविधाएं मिले. बीजापुर के डुमरीपालनार में जहां लोग साफ पानी, मेडिकल सुविधाएं और स्कूल के लिए तरस रहे थे. उन गांवों में भी अब बिजली, पानी और सड़कें पहुंचने लगी हैं. गांव के लोग जो कभी बैलाडिला से निकलने वाले लाल पानी को पीने के लिए मजबूर थे वो अब साफ पानी हैंडपंप से पी रहे हैं.
पुलिस कैंप बनने से बढ़ा विकास: साय सरकार की कोशिश है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस कैंप के जरिए विकास को पहुंचाया जाए. केंद्र और राज्य की ये योजना अब सफल साबित हो रही है. पुलिस कैंप के चलते नक्सलियों का उत्पात घटा है. नक्सली कैंप स्थापित होने से सरकार सुविधाओं को गांव गांव तक पहुंचाने में भी मदद मिल रही है.