आजमगढ़: आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद और भाजपा उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ का एक विवादित वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. हालांकी वह इसको फेक बता रहे हैं. लेकिन वीडियो में दिए गए बयान पर सियासत भी शुरू हो गई है. विपक्षी पार्टी इस पर जमकर निशाना साध रहे हैं.
वायरल वीडियो में सांसद दिनेश लाल की ओर से बेरोजगारों को लेकर यह कहा जा रहा है कि, जब आप बेरोजगार हैं तो फिर बच्चे क्यों पैदा कर रहे हैं. सीएम योगी और पीएम मोदी की ओर से इस बात को ध्यान में रखते हुए बच्चे पैदा नहीं किया गया. निरहुआ यह भी बता रहे हैं कि रोजगार की संख्या सीमित है और जब बच्चे अधिक पैदा होंगे तो वे बेरोजगार ही होंगे.
दरअसल सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ एक कार्यक्रम करने के बाद आजमगढ़ शहर लौट रहे थे तभी कुछ यूट्यूबरों ने उन्हें घेर लिया गया और उनसे रोजगार के विषय में सवाल पूछने लगे. इस पर सांसद निरहुआ भड़क गए और उन्होंने कहा कि, पूरे देश में केवल 80 लाख सरकारी नौकरी है. आपको क्या लगता है कि 140 करोड़ की जनता में सिर्फ 80 लाख लोगों की नौकरी देने से क्या रोजगार सबको मिल जाएगा.
आगे निरहुआ ने कहा कि रोजगार वह होता है कि जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी रोजागार दे रहे हैं. सरकार अनुरोध कर रही है कि केवल दो बच्चे पैदा करो लेकिन आप बेरोजगार हो और आठ बच्चे पैदा करके 8 बच्चों को भी बेरोजगार बना रहे हो.
वहीं इस फेक वीडियो का हवाला देते हुए समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अशोक यादव ने कहा कि सांसद निरहुआ की ओर से यह बयान देना कि सीएम योगी और पीएम मोदी जी ने बच्चे पैदा नहीं किये हैं. बच्चे पैदा करने से बेरोजगारी बढ़ती है. इस तरह अपमानजनक और बेतुका बयान उनको कम से कम एक सन्यासी मुख्यमंत्री के प्रति नहीं देना चाहिए. वहीं युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने वीडियो शेयर करते हुए एक्स पर लिखा कि "मोदी जी-योगी जी ने एक भी बच्चा पैदा नहीं किया ताकि देश में बेरोजगारी न बढ़े'.
वहीं बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने एक्स पर बयान दिया है कि 'ये वीडियो फर्जी है. मध्य प्रदेश की तरह कांग्रेस भी लोगों को गुमराह करने, अशांति पैदा करने और समाज में विभाजन पैदा करने के लिए डीपफेक का इस्तेमाल कर रही है. उनपर FIR दर्ज करवाया जा रहा है. यह एक डीपफेक वीडियो है.
सांसद निरहुआ ने भी वायरल वीडियो को लेकर एक्स के माध्यम से बताया कि यह फर्जी वीडियो है. जो विपक्षियों की ओर से षड्यंत्र के तहत वायरल किया जा रहा है.