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जम्मू-कश्मीर चुनाव: पहले चरण में 9 महिला उम्मीदवार, गुलशन से मीनाक्षी तक सभी की अलग-अलग पहचान - Jammu Kashmir Election 2024

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 1, 2024, 8:35 PM IST

Jammu Kashmir Assembly Elections Female Candidates : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कुल 219 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें नौ महिलाएं हैं. इनमें राजनीतिक दिग्गज से लेकर नए चेहरे भी शामिल हैं. निर्दलीय उम्मीदवार गुलशन अख्तर सबसे बुजुर्ग महिला उम्मीदवार हैं.

Jammu Kashmir Assembly Elections Female Candidates
जम्मू-कश्मीर चुनाव के पहले चरण में 9 महिला उम्मीदवार (ETV Bharat)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 24 सीटों पर 18 सितंबर को मतदान होना है. इस चरण में 219 उम्मीदवार मैदान में हैं. पहले चरण में नौ महिला उम्मीदवार भी दावेदारी पेश कर रही हैं, जो चर्चा में हैं. इन महिला उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि अलग-अलग है. राजनीतिक दिग्गज से लेकर नए चेहरे भी शामिल हैं. पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्र में लैंगिक विविधता की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव है. आइए इनके बारे में जानते हैं.

डेजी रैना
56 वर्षीय डेजी रैना पुलवामा जिले की राजपोरा सीट से रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. गवर्नमेंट वूमेन कॉलेज अनंतनाग से स्नातक रैना इस सीट से सबसे धनी उम्मीदवार हैं. उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में 2.3 करोड़ रुपये की आवासीय संपत्ति और एक करोड़ रुपये के सोने के आभूषणों का खुलासा हुआ है. उनकी संपत्ति में 5 लाख रुपये की कार शामिल है. रैना राजनीति में अपने विनम्र दृष्टिकोण के लिए जानी जाती हैं और वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में जमीनी स्तर पर विकास और महिला सशक्तिकरण पर जोर दे रही हैं. रैना ने स्थानीय मुद्दों की गहरी समझ रखने वाले एक नेता के रूप में स्थानीय लोगों के बीच मजबूत पकड़ बनाई है.

गुलशन अख्तर
अनंतनाग पश्चिम सीट से निर्दलीय उम्मीदवार 60 वर्षीय गुलशन अख्तर रिटायर्ड सरकारी शिक्षिका हैं. वह अर्थशास्त्र और अंग्रेजी में स्नातकोत्तर के साथ-साथ बीएडधारी है. उन्होंने बैंक जमा के रूप में केवल 3 लाख रुपये घोषित किए हैं और उनके पास कोई अन्य महत्वपूर्ण संपत्ति नहीं है. उनकी राजनीति सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और पार्टी राजनीति के प्रभाव के विपरीत है. गुलशन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा पहुंचकर लोगों की आवाज बनना चाहती हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 भी लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा.

इल्तिजा मुफ्ती
श्रीगुफवारा-बिजबेहरा से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की उम्मीदवार 37 वर्षीय इल्तिजा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर के बड़े राजनीतिक परिवार से आती हैं. उनकी मां महबूबा मुफ्ती वर्तमान में पीडीपी की अध्यक्ष हैं और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. लंदन के वारविक विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मास्टर डिग्री हासिल करने वालीं इल्तिजा मुफ्ती को स्थानीय मुद्दों की गहरी समझ के साथ वैश्विक परिदृश्य को भी अच्छी तरह समझती हैं. इल्तिजा की उम्मीदवारी मुफ्ती परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की ओर इशारा करती है. उनकी संपत्ति में 3 लाख रुपये नकद और 25 लाख रुपये के सोने के गहने शामिल हैं. अपने मुखर स्वभाव के लिए जानी जाने वाली इल्तिजा खुद को जम्मू-कश्मीर की राजनीति में आधुनिक और प्रगतिशील आवाज के रूप में पेश कर रही हैं. राजनीतिक क्षेत्र में उनके प्रवेश पर सबकी नजर है.

अफरोजा बानो
37 वर्षीय अफरोजा बानो कुलगाम से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं. जमीनी स्तर की राजनीति से मजबूत जुड़ाव रखने वालीं अफरोजा ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (BDC) की पूर्व अध्यक्ष हैं. 10वीं पास बानो लोगों की समस्याओं का समाधान करने और स्थानीय विकास के प्रति समर्पण के लिए जानी जाती हैं. उनके पास मामूली संपत्ति है, जिसमें 50,000 रुपये नकद, एक लाख रुपये के सोने के गहने और 6 लाख रुपये की कार शामिल है. वह अपने चुनाव अभियान में विकास, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा पर जोर दे रही हैं. उनके पति रियाज अहमद शाह अपनी पारिवारिक संपत्ति से चुनाव में उनका समर्थन कर रहे हैं.

सकीना मसूद इटू
52 वर्षीय सकीना मसूद इटू अनुभवी राजनेता हैं और डीएच पोरा से नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की उम्मीदवार हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व नेता वली मोहम्मद इटू की बेटी सकीना ने 1994 में अपने पिता की हत्या के बाद राजनीति में प्रवेश करने के लिए मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी थी. वह विधायक, एमएलसी और मंत्री रह चुकी हैं. सकीना ने एक दृढ़ और समर्पित नेता के रूप में लोगों के बीच अपनी छवि बनाई है. उनकी संपत्ति में 1.2 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति, 54 लाख रुपये का सोना और 40 लाख रुपये से अधिक बैंक जमा शामिल हैं. सकीना का चुनाव अभियान अपने पिता की विरासत को जारी रखने पर आधारित है. साथ ही वह युवा बेरोजगारी और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे मुद्दों पर जोर दे रही हैं.

मीनाक्षी भगत
25 वर्षीय मीनाक्षी भगत पहले चरण में सबसे कम उम्र की उम्मीदवार हैं. वह भद्रवाह से बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. एनआईटी श्रीनगर से बीटेक स्नातक मीनाक्षी अपने चुनावी अभियान में नवाचार और प्रौद्योगिकी-संचालित विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं. उनके पास संपत्ति के रूप में केवल 6,000 रुपये नकद, 1.3 लाख रुपये जमा और 90,000 रुपये का निवेश है. सीमित वित्तीय संसाधनों के बावजूद मीनाक्षी भगत नए विचारों और नए दृष्टिकोण के साथ राजनीति में कदम रख रही हैं. वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में बेरोजगारी और बुनियादी ढांचे जैसे मुद्दों पर लोगों का ध्यान आकर्षित कर चुनावी लाभ उठाना चाहती हैं.

मीनाक्षी कालरा
डोडा पश्चिम से निर्दलीय उम्मीदवार 43 वर्षीय मीनाक्षी कालरा एक शिक्षिका हैं. उन्होंने जम्मू विश्वविद्यालय से शिक्षा में मास्टर डिग्री की है. उनके पास 50,000 रुपये नकद, 2,000 रुपये जमा और 70,000 रुपये का व्यक्तिगत ऋण है. इन बाधाओं के बावजूद कालरा शिक्षा और सामाजिक कल्याण को मुद्दा बनाकर लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं. उनके पास एक कार और चार तोला सोना है. कालरा अपने चुनाव अभियान में शैक्षिक सुधार, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास पर जोर दे रही हैं.

पूजा ठाकुर
पद्दार-नागसेनी से नेशनल कॉन्फ्रेंस की उम्मीदवार 40 वर्षीय पूजा ठाकुर मजबूत शैक्षिक पृष्ठभूमि से आती हैं. जम्मू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री और बीएड ठाकुर काफी सकारात्मक चुनाव प्रचार कर रही हैं. उनकी संपत्ति में 50,000 रुपये नकद, 6.17 लाख रुपये जमा और 20.10 लाख रुपये के आभूषण शामिल हैं. ठाकुर महिला अधिकारों को बढ़ावा देने और युवा की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के उनके प्रयासों के लिए जानी जाती हैं. उनका चुनावी अभियान बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित है.

शगुन परिहार
किश्तवाड़ से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार 29 वर्षीय शगुन परिहार पहली बार राजनीति में कदम रख रही हैं. उनके पिता अजीत परिहार और चाचा अनिल परिहार दोनों भाजपा से जुड़े थे, लेकिन 2018 में दोनों की हत्या कर दी गई थी. शगुन परिहार ने आईके गुजराल पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय से एमटेक किया हैं. उनके पास 18,000 रुपये नकद, 2.22 लाख रुपये जमा और 90 लाख रुपये की अचल संपत्ति है. उनका चुनावी अभियान में सुरक्षा और विकास पर केंद्रित है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने पहले चरण में दो महिला उम्मीदवार खड़े किए हैं. भाजपा, पीडीपी और बसपा ने एक-एक महिलाओं को टिकट दिया है. जबकि शेष चार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं. बसपा की मीनाक्षी भगत सबसे युवा उम्मीदवार हैं, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार गुलशन अख्तर सबसे बुजुर्ग हैं.

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर चुनाव: कांग्रेस के गुलाम अहमद मीर सबसे धनी उम्मीदवार, जानें प्रमुख नेताओं की संपत्ति

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 24 सीटों पर 18 सितंबर को मतदान होना है. इस चरण में 219 उम्मीदवार मैदान में हैं. पहले चरण में नौ महिला उम्मीदवार भी दावेदारी पेश कर रही हैं, जो चर्चा में हैं. इन महिला उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि अलग-अलग है. राजनीतिक दिग्गज से लेकर नए चेहरे भी शामिल हैं. पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्र में लैंगिक विविधता की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव है. आइए इनके बारे में जानते हैं.

डेजी रैना
56 वर्षीय डेजी रैना पुलवामा जिले की राजपोरा सीट से रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. गवर्नमेंट वूमेन कॉलेज अनंतनाग से स्नातक रैना इस सीट से सबसे धनी उम्मीदवार हैं. उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में 2.3 करोड़ रुपये की आवासीय संपत्ति और एक करोड़ रुपये के सोने के आभूषणों का खुलासा हुआ है. उनकी संपत्ति में 5 लाख रुपये की कार शामिल है. रैना राजनीति में अपने विनम्र दृष्टिकोण के लिए जानी जाती हैं और वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में जमीनी स्तर पर विकास और महिला सशक्तिकरण पर जोर दे रही हैं. रैना ने स्थानीय मुद्दों की गहरी समझ रखने वाले एक नेता के रूप में स्थानीय लोगों के बीच मजबूत पकड़ बनाई है.

गुलशन अख्तर
अनंतनाग पश्चिम सीट से निर्दलीय उम्मीदवार 60 वर्षीय गुलशन अख्तर रिटायर्ड सरकारी शिक्षिका हैं. वह अर्थशास्त्र और अंग्रेजी में स्नातकोत्तर के साथ-साथ बीएडधारी है. उन्होंने बैंक जमा के रूप में केवल 3 लाख रुपये घोषित किए हैं और उनके पास कोई अन्य महत्वपूर्ण संपत्ति नहीं है. उनकी राजनीति सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और पार्टी राजनीति के प्रभाव के विपरीत है. गुलशन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा पहुंचकर लोगों की आवाज बनना चाहती हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 भी लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा.

इल्तिजा मुफ्ती
श्रीगुफवारा-बिजबेहरा से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की उम्मीदवार 37 वर्षीय इल्तिजा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर के बड़े राजनीतिक परिवार से आती हैं. उनकी मां महबूबा मुफ्ती वर्तमान में पीडीपी की अध्यक्ष हैं और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. लंदन के वारविक विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मास्टर डिग्री हासिल करने वालीं इल्तिजा मुफ्ती को स्थानीय मुद्दों की गहरी समझ के साथ वैश्विक परिदृश्य को भी अच्छी तरह समझती हैं. इल्तिजा की उम्मीदवारी मुफ्ती परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की ओर इशारा करती है. उनकी संपत्ति में 3 लाख रुपये नकद और 25 लाख रुपये के सोने के गहने शामिल हैं. अपने मुखर स्वभाव के लिए जानी जाने वाली इल्तिजा खुद को जम्मू-कश्मीर की राजनीति में आधुनिक और प्रगतिशील आवाज के रूप में पेश कर रही हैं. राजनीतिक क्षेत्र में उनके प्रवेश पर सबकी नजर है.

अफरोजा बानो
37 वर्षीय अफरोजा बानो कुलगाम से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं. जमीनी स्तर की राजनीति से मजबूत जुड़ाव रखने वालीं अफरोजा ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (BDC) की पूर्व अध्यक्ष हैं. 10वीं पास बानो लोगों की समस्याओं का समाधान करने और स्थानीय विकास के प्रति समर्पण के लिए जानी जाती हैं. उनके पास मामूली संपत्ति है, जिसमें 50,000 रुपये नकद, एक लाख रुपये के सोने के गहने और 6 लाख रुपये की कार शामिल है. वह अपने चुनाव अभियान में विकास, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा पर जोर दे रही हैं. उनके पति रियाज अहमद शाह अपनी पारिवारिक संपत्ति से चुनाव में उनका समर्थन कर रहे हैं.

सकीना मसूद इटू
52 वर्षीय सकीना मसूद इटू अनुभवी राजनेता हैं और डीएच पोरा से नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की उम्मीदवार हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व नेता वली मोहम्मद इटू की बेटी सकीना ने 1994 में अपने पिता की हत्या के बाद राजनीति में प्रवेश करने के लिए मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी थी. वह विधायक, एमएलसी और मंत्री रह चुकी हैं. सकीना ने एक दृढ़ और समर्पित नेता के रूप में लोगों के बीच अपनी छवि बनाई है. उनकी संपत्ति में 1.2 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति, 54 लाख रुपये का सोना और 40 लाख रुपये से अधिक बैंक जमा शामिल हैं. सकीना का चुनाव अभियान अपने पिता की विरासत को जारी रखने पर आधारित है. साथ ही वह युवा बेरोजगारी और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे मुद्दों पर जोर दे रही हैं.

मीनाक्षी भगत
25 वर्षीय मीनाक्षी भगत पहले चरण में सबसे कम उम्र की उम्मीदवार हैं. वह भद्रवाह से बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. एनआईटी श्रीनगर से बीटेक स्नातक मीनाक्षी अपने चुनावी अभियान में नवाचार और प्रौद्योगिकी-संचालित विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं. उनके पास संपत्ति के रूप में केवल 6,000 रुपये नकद, 1.3 लाख रुपये जमा और 90,000 रुपये का निवेश है. सीमित वित्तीय संसाधनों के बावजूद मीनाक्षी भगत नए विचारों और नए दृष्टिकोण के साथ राजनीति में कदम रख रही हैं. वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में बेरोजगारी और बुनियादी ढांचे जैसे मुद्दों पर लोगों का ध्यान आकर्षित कर चुनावी लाभ उठाना चाहती हैं.

मीनाक्षी कालरा
डोडा पश्चिम से निर्दलीय उम्मीदवार 43 वर्षीय मीनाक्षी कालरा एक शिक्षिका हैं. उन्होंने जम्मू विश्वविद्यालय से शिक्षा में मास्टर डिग्री की है. उनके पास 50,000 रुपये नकद, 2,000 रुपये जमा और 70,000 रुपये का व्यक्तिगत ऋण है. इन बाधाओं के बावजूद कालरा शिक्षा और सामाजिक कल्याण को मुद्दा बनाकर लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं. उनके पास एक कार और चार तोला सोना है. कालरा अपने चुनाव अभियान में शैक्षिक सुधार, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास पर जोर दे रही हैं.

पूजा ठाकुर
पद्दार-नागसेनी से नेशनल कॉन्फ्रेंस की उम्मीदवार 40 वर्षीय पूजा ठाकुर मजबूत शैक्षिक पृष्ठभूमि से आती हैं. जम्मू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री और बीएड ठाकुर काफी सकारात्मक चुनाव प्रचार कर रही हैं. उनकी संपत्ति में 50,000 रुपये नकद, 6.17 लाख रुपये जमा और 20.10 लाख रुपये के आभूषण शामिल हैं. ठाकुर महिला अधिकारों को बढ़ावा देने और युवा की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के उनके प्रयासों के लिए जानी जाती हैं. उनका चुनावी अभियान बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित है.

शगुन परिहार
किश्तवाड़ से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार 29 वर्षीय शगुन परिहार पहली बार राजनीति में कदम रख रही हैं. उनके पिता अजीत परिहार और चाचा अनिल परिहार दोनों भाजपा से जुड़े थे, लेकिन 2018 में दोनों की हत्या कर दी गई थी. शगुन परिहार ने आईके गुजराल पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय से एमटेक किया हैं. उनके पास 18,000 रुपये नकद, 2.22 लाख रुपये जमा और 90 लाख रुपये की अचल संपत्ति है. उनका चुनावी अभियान में सुरक्षा और विकास पर केंद्रित है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने पहले चरण में दो महिला उम्मीदवार खड़े किए हैं. भाजपा, पीडीपी और बसपा ने एक-एक महिलाओं को टिकट दिया है. जबकि शेष चार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं. बसपा की मीनाक्षी भगत सबसे युवा उम्मीदवार हैं, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार गुलशन अख्तर सबसे बुजुर्ग हैं.

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