बस्तर: बस्तर में नक्सलियों की तरफ से साल 2023 में रोड ब्लॉकेज की घटनाओं को अंजाम दिया गया था. इस केस में एनआईए ने जांच शुरू कर दी है. तीन सितंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने कहा कि उसने छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सीपीआई (माओवादी) कैडरों से जुड़े स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. कई नक्सल समर्थकों से जुड़े कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया.
रोड ब्लॉकेज और हिंसा में शामिल थे नक्सली: एनआईए ने यह भी कहा कि साल 2023 मे पुलिस कर्मियों की हत्या करने और उनके हथियार लूटने के इरादे से सड़क नाकेबंदी के लिए ये नक्सली जिम्मेदार था.
"2023 की घटना से संबंधित मामले में कुल 35 आरोपियों के नाम हैं. जिसमें प्रतिबंधित संगठन के कैडरों और समर्थकों ने रायनार के पास नारायणपुर ओरछा मुख्य मार्ग को ब्लॉक किया था. कई हिस्सों में खुदाई करके पेड़ों को काटकर और कई जगहों पर छोटे-बड़े पत्थर रखकर रोड को ब्लॉक किया गया.नाकेबंदी का उद्देश्य पुलिस दलों के जवानों को मारना और उनके हथियार लूटना था. हमारी जांच के दौरान कुछ सीपीआई (माओवादी) समर्थकों/ओवरग्राउंड वर्करों के नाम सामने आए हैं": एनआईए की तरफ से दी गई जानकारी
माड़ बचाओ मंच के सदस्यों पर शक: एनआईए ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं को लेकर माड़ बचाओ मंच के सदस्यों पर शक है. जो सीपीआई माओवादी विंग का एक प्रमुख संगठन है. ऐसा माना जाता है कि इस तरह की घटनाओं को करने में उन्होंने माओवादियों की सहायता की है. लखमा राम उर्फ लखमा कोरम, जो ओरछा के नादीपारा विरोध स्थल पर माड बचाओ मंच का नेता था. NIA की तरफ से यह जानकारी दी गई कि इस मामले में माओवादी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है.
एनआईए ने किए कई चौंकाने वाले खुलासे: इस मामले में एनआईए ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. जिसमें एक खुलासा यह कि माड बचाओ मंच मुठभेड़ों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करता है. इसके अलावा प्रतिबंधित संगठन के लिए नए शिविर स्थापित करने में मदद करता है. नक्सलियों को राशन पहुंचाने का खुलासा भी एनआईए ने किया है. NIA की कार्रवाई नारायणपुर के कस्तूरमेटा, मदाली और मलकाल गांव में हुई. इस दौरान नक्सलियों से जुड़े फ्रंटल संगछन के चार संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई की गई.
सोर्स: पीटीआई