नई दिल्ली: रामलिंगम हत्या मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को तमिलनाडु में 15 स्थानों और पुडुचेरी के कराईकल में एक स्थान पर छापेमारी की. इस बारे में एनआईए ने रामलिंगम हत्या मामले के संबंध में पांच फरार घोषित अपराधियोंसे निकटता से जुड़े संदिग्ध व्यक्तियों के परिसरों में छापेमारी की. एनआईए ने तंजावुर, त्रिची, नागपट्टिनम, मयिलादुथुराई, तिरुवरुर और कराईकल जिलों में की गई तलाशी में मामले से जुड़े कई डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज जब्त किए गए.
NIA Conducts Multiple Searches in Tamil Nadu and Puducherry in Ramalingam Murder Case pic.twitter.com/OE84e0q3O1
— NIA India (@NIA_India) August 1, 2024
बता दें कि एनआईए ने 2 अगस्त, 2019 को चेन्नई स्थित एनआईए विशेष अदालत के समक्ष पांच फरार आरोपियों सहित 18 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. एनआईए की विशेष अदालत, चेन्नई ने इन पांचों फरार आरोपियों मोहम्मद अली जिन्ना, अब्दुल मजीठ, भुरकानुदीन, शाहुल हमीद और नफील हसन को घोषित अपराधी घोषित किया था. साथ ही एनआईए ने लोगों से इन पांचों फरार लोगों की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 5 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है.
#WATCH | National Investigation Agency (NIA) is conducting searches in Tamil Nadu at various locations in the Ramalingam Murder case
— ANI (@ANI) August 1, 2024
(Visuals from Tiruchirappalli) pic.twitter.com/iGtvAKkJfO
गौरतलब है कि रामलिंगम की हत्या 5 फरवरी, 2019 को तंजावुर के पाकु विनायकम थोप्पू में पीएफआई के सदस्यों और पदाधिकारियों द्वारा की गई थी. उनकी हत्या की साजिश रची गई थी क्योंकि पीड़ित ने अरीवागाम, थेनी से भेजी गई पीएफआई दावा टीम द्वारा पाकु विनायकम थोप्पू में वंचित व्यक्तियों के जबरन धर्मांतरण करने के लिए किए गए दावा कार्य और धर्मांतरण में हस्तक्षेप किया था. जांच में पाया गया कि पीएफआई संगठन के द्वारा विरोधियों में डर पैदा करने के लिए हिंसा की गई थी. पीएफआई को 28 सितंबर 2022 को भारत सरकार द्वारा यूएपीए के तहत एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया था.
ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र में आतंकवाद फैलाने वाले ISIS का बढ़ रहा नेटवर्क, NIA का सनसनीखेज खुलासा