नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मानव तस्करी के मामले में बांग्लादेश के दो नागरिकों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. एनआईए द्वारा मानव तस्करी के मामलों की जांच से पता चला है कि बांग्लादेशी मानव तस्कर असम, त्रिपुरा और बांग्लादेश को शामिल करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी नेटवर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.
यह खुलासा भारत की प्रमुख आतंकवाद निरोधी एजेंसी द्वारा मुहम्मद सहजलाल हलदर और मुहम्मद इदरीस उर्फ एर्दिश खान के खिलाफ दायर आरोपपत्र में किया गया है, जिन पर 10 साल पहले अवैध रूप से भारत में घुसने और बांग्लादेशी नागरिकों को जबरन मजदूरी कराने का आरोप है. एनआईए के आरोपपत्र में कहा गया है कि हलदर और इदरीस, जो भारत-बांग्लादेश सीमा पर बेनापोल के माध्यम से भारत में आए थे, शुरू में कचरा अलग करने का काम करते थे. वे अपने लिंकमैन की मदद से नकली भारतीय पहचान पत्र बनाने में सक्षम थे. दिलचस्प बात यह है कि बाद में दोनों ने कर्नाटक में क्रमशः सीगेहल्ली और मार्गोंडानहल्ली में जमीन किराए पर ली. उन्होंने गोदाम और अस्थायी शेड बनाकर अपना कचरा अलग करने वाली इकाइयां शुरू कीं.
आरोपपत्र में कहा गया है, 'वे तस्करी करके लाए गए बांग्लादेशी नागरिकों को काम पर रखते थे. उन्हें भारतीय पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए जाने की धमकी देकर कम मज़दूरी पर कठोर श्रम करने के लिए मज़बूर करते थे'. हलदर और इदरीस दोनों को इस साल फरवरी में कर्नाटक के आंतरिक सुरक्षा प्रभाग की मदद से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद वे कई महीनों तक फरार रहे. एनआईए ने 7 नवंबर, 2023 को आरसी-01/2023/एनआईए/डीएलआई के तहत मामला दर्ज किया था, जब उन्हें विश्वसनीय जानकारी मिली थी कि कर्नाटक की कुछ संस्थाएं असम, त्रिपुरा और बांग्लादेश में मानव तस्करी के लिए मददगारों और तस्करों के साथ मिलकर काम कर रही हैं.
तस्कर भारत में प्रवेश करने के लिए असम और त्रिपुरा गलियारे का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि गलियारे का एक बड़ा हिस्सा अभी भी खुला हुआ है. एनआईए द्वारा देश भर में की गई तलाशी में मामले में कई आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी. एजेंसी ने पहले आईपीसी, विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम के तहत 12 बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था. एनआईए की जांच में हुआ खुलासा कि विस्तृत मानव तस्करी नेटवर्क के हिस्से के रूप में, वैध भारतीय पहचान दस्तावेजों के साथ सुरक्षित नौकरियों के झूठे वादे पर बांग्लादेशी नागरिकों को भारत-बांग्लादेश सीमा के माध्यम से भारत में तस्करी की जा रही थी. एनआईए ने कहा कि छतरी सीमा का फायदा उठाते हुए तस्कर पीड़ितों को नौकरी देने और जबरन मजदूरी कराने के बहाने भारत में लाते थे.
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