नई दिल्ली : स्ट्रेटिजिक फोर्स कमान (SFC) ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के साथ मिलकर नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम का सफल उड़ान परीक्षण किया. रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि उड़ान परीक्षण 3 अप्रैल को शाम करीब सात बजे ओडिशा तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया था.
परीक्षण ने अपने सभी लक्ष्यों को हासिल करते हुए विश्वसनीय प्रदर्शन किया. टर्मिनल बिंदु पर रखे गए दो डाउनरेंज जहाजों सहित विभिन्न स्थानों पर तैनात कई रेंज सेंसर द्वारा कैप्चर किए गए डेटा से इसकी पुष्टि हुई है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, स्ट्रेटिजिक फोर्सेज कमांड के प्रमुख और डीआरडीओ तथा भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी परीक्षण के मौके पर मौजूद थे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ, एसएफसी और सशस्त्र बलों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि मिसाइल के सफल विकास और सशस्त्र बलों में इसके शामिल होने से सेना की शक्ति कई गुना बढ़ जाएगी. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने सफल उड़ान परीक्षण के प्रयासों की सराहना की.
बता दें कि इससे पहले भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. भारत के रक्षा बलों की रूटीन ड्रिल के तहत नियमित अभ्यास के रूप में किया गया यह परीक्षण देश की रक्षा क्षमता के लिए एक मील का पत्थर है. आत्मनिर्भर भारत मिशन को बढ़ावा देने के लिए इस आकाश मिसाइल प्रणाली को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है.
ये भी पढ़ें - सेना की बढ़ी ताकत, आकाश मिसाइल प्रणाली का हुआ सफलतापूर्वक परीक्षण