नई दिल्ली: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए 9 जून को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचेंगे. नेपाली प्रधानमंत्री ने भी अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है. इसकी औपचारिक घोषणा जल्द ही होने की उम्मीद है. बुधवार शाम को दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया. नेपाल के प्रधानमंत्री ने भी अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है.
वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर न्यूज एजेंसी को बताया कि जल्द ही एक औपचारिक घोषणा की जाएगी. यह घटनाक्रम पीएम दहल द्वारा हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की चुनावी सफलता के लिए मंगलवार को पीएम मोदी को बधाई देने के बाद हुआ है. पीएम मोदी का लगातार तीसरा कार्यकाल है. पीएम दहल को आमतौर पर 'प्रचंड' के नाम से जाना जाता है.
प्रचंड ने भारतीय मतदाताओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी की भी सराहना की तथा विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के संपन्न होने की सराहना की. उसी दिन श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भी अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया. श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने फोन पर भाजपा नीत एनडीए की चुनावी जीत पर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी.
अपनी बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को अपने शपथ समारोह में आमंत्रित किया. इसे श्रीलंका के राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया. इस बीच, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए 8 जून को ढाका से रवाना होंगी. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के भाषण लेखक एम. नजरुल इस्लाम ने कहा, 'प्रधानमंत्री शेख हसीना शनिवार 8 जून को सुबह 11 बजे ढाका से दिल्ली के लिए रवाना होंगी.
वह 10 जून को दोपहर 12 बजे स्वदेश लौट आएंगी.' 18वीं लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने 293 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है, जबकि विपक्षी दल इंडिया ने 234 सीटें हासिल की हैं. इससे पहले शपथ ग्रहण समारोह 8 जून को होना था. 2024 के लोकसभा चुनाव की मतगणना मंगलवार को हुई. भारत के चुनाव आयोग के अनुसार भाजपा ने 240 सीटें जीतीं, जो 2019 की 303 सीटों की तुलना में बहुत कम है. दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने मजबूत वृद्धि दर्ज की, 2019 में 52 के मुकाबले 99 सीटें जीतीं.