कोलकाता: चुनाव आयोग ने बताया कि पश्चिम बंगाल में राज्य की तीन लोकसभा सीटों के लिए पहले चरण के मतदान में लगभग 82 प्रतिशत मतदान हुआ, हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बावजूद पहले चरण के चुनाव के लिए मतदान मुख्यतः शांतिपूर्ण रहा.
शुक्रवार शाम 6 बजे तक कूचबिहार में 82.17 फीसदी, जलपाईगुड़ी में 83.66 फीसदी और अलीपुरद्वार में 79.76 फीसदी मतदान हुआ. जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में कूचबिहार, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार में क्रमश: 84.08, 86.51 और 83.79 फीसदी मतदान हुआ था. इसलिए वीटीआर में मामूली गिरावट आई है. हालांकि यह लक्षद्वीप के बाद देश में दर्ज किया गया दूसरा सबसे बड़ा मतदान प्रतिशत है. लक्षद्वीप में 83 फीसदी वोटिंग हुई है.
कूच बिहार और जलपाईगुड़ी अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए और अलीपुरद्वार अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थे. भारत का विशाल चुनावी अभियान लोकसभा चुनाव के शुरुआती चरण में लगभग 63 प्रतिशत के शानदार मतदान के साथ शुरू हुआ, जिसमें 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 102 निर्वाचन क्षेत्र शामिल थे.
सीएपीएफ की तैनाती बढ़ाई जाएगी : पहले चरण में कूचबिहार सहित कई जिलों में छिटपुट हिंसा देखने को मिली थी. इससे सबक लेते हुए अब निर्वाचन आयोग ने दूसरे चरण के चुनाव के लिए राज्य में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती बढ़ाने का फैसला किया है. दूसरे चरण का चुनाव आगामी 26 अप्रैल को होगा.
पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) ने कहा, 'दूसरे चरण के अंतर्गत रायगंज, दार्जीलिंग और बालुरघाट जिलों में चुनाव होगा. इसके लिए निर्वाचन आयोग ने इन जिलों में सीएपीएफ की 303 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया है, ताकि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो और राज्य में किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा ना हो.'