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झारखंड एनडीए में सीट शेयरिंग फाइनल! पितृ पक्ष के बाद होगी सीटों की घोषणा - NDA Seat Sharing in Jharkhand

NDA Seat Sharing in Jharkhand. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए एनडीए में सीट शेयरिंग लगभग फाइनल हो गई है. पितृ पक्ष के बाद सीटों की घोषणा कर दी जाएगी. झारखंड में बीजेपी के साथ आजसू और जदयू मिलकर चुनाव लड़ेंगे.

NDA SEAT SHARING IN JHARKHAND
हिमंता बिस्वा सरमा (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 28, 2024, 1:30 PM IST

रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले एनडीए और इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर मंथन लगातार जारी है. इस बीच भाजपा के विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने स्पष्ट कर दिया है कि झारखंड चुनाव में भाजपा का आजसू और जदयू के साथ गठबंधन होगा. जहां तक सीट शेयरिंग की बात है तो 99 प्रतिशत सीटों को लेकर बातचीत पूरी चुकी है. एक-दो सीटों को लेकर चर्चा बाकी है. पितृ पक्ष समाप्त होते ही इसकी घोषणा हो जाएगी.

असम के चाय बागानों में काम कर रहे जनजातीय समाज के लोगों को ओबीसी के बजाए एसटी का दर्जा दिए जाने को लेकर सीएम हेमंत द्वारा प्रेषित पत्र के जवाब में असम के सीएम ने कहा कि वह इसका लिखित में जवाब देंगे. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीएम हेमंत उस पत्र का जवाब खुद जानते हैं. हेमंत सोरेन से पूछा जाना चाहिए कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन झारखंड के किसी भी आदिवासी सीट से चुनाव क्यों नहीं लड़ सकती हैं. उत्तर तो उनके घर में ही है.

झारखंड एनडीए में सीट शेयरिंग पर बोले हिमंता बिस्वा सरमा (ETV Bharat)

दरअसल, सीएम हेमंत ने पिछले दिनों असम के सीएम को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि असम के चाय बागानों में 70 लाख से ज्यादा लोगों को अभी भी ओबीसी का दर्जा मिला है. जबकि एसटी का दर्जा मिलना चाहिए. इसकी वजह से टी-ट्राइब को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. यह तय करने में अगर असम सरकार को दिक्कत हो रही है तो हाई लेबल फैक्ट फाइंडिंग मिशन गठित करने के लिए झारखंड तैयार है.

मंत्री इरफान अंसारी द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठ की बात को नकारने के सवाल पर असम के सीएम हिमंता ने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट भी मान रहा है कि घुसपैठियों ने राज्य को हाईजैक कर रखा है. ऐसे में यहां के इरफान अंसारी को उन इरफान के बारे में सोचना चाहिए जिन्होंने पूरे झारखंड को हाईजैक कर रखा है. उत्पाद सिपाही बहाली के लिए दौड़ प्रतियोगिता के दौरान अभ्यर्थियों की मौत के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराना झारखंड सरकार का दायित्व है. अगर झारखंड सरकार को लगता है कि बड़े स्तर पर जांच होनी चाहिए तो उन्हें झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को न्यायिक आयोग से जांच के लिए पत्र लिखना चाहिए. अगर झारखंड सरकार ऐसा करती है तो भाजपा इसका स्वागत करेगी.

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असम के चाय बागानों में काम कर रहे जनजातीय समाज के लोगों को ओबीसी के बजाए एसटी का दर्जा दिए जाने को लेकर सीएम हेमंत द्वारा प्रेषित पत्र के जवाब में असम के सीएम ने कहा कि वह इसका लिखित में जवाब देंगे. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीएम हेमंत उस पत्र का जवाब खुद जानते हैं. हेमंत सोरेन से पूछा जाना चाहिए कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन झारखंड के किसी भी आदिवासी सीट से चुनाव क्यों नहीं लड़ सकती हैं. उत्तर तो उनके घर में ही है.

झारखंड एनडीए में सीट शेयरिंग पर बोले हिमंता बिस्वा सरमा (ETV Bharat)

दरअसल, सीएम हेमंत ने पिछले दिनों असम के सीएम को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि असम के चाय बागानों में 70 लाख से ज्यादा लोगों को अभी भी ओबीसी का दर्जा मिला है. जबकि एसटी का दर्जा मिलना चाहिए. इसकी वजह से टी-ट्राइब को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. यह तय करने में अगर असम सरकार को दिक्कत हो रही है तो हाई लेबल फैक्ट फाइंडिंग मिशन गठित करने के लिए झारखंड तैयार है.

मंत्री इरफान अंसारी द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठ की बात को नकारने के सवाल पर असम के सीएम हिमंता ने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट भी मान रहा है कि घुसपैठियों ने राज्य को हाईजैक कर रखा है. ऐसे में यहां के इरफान अंसारी को उन इरफान के बारे में सोचना चाहिए जिन्होंने पूरे झारखंड को हाईजैक कर रखा है. उत्पाद सिपाही बहाली के लिए दौड़ प्रतियोगिता के दौरान अभ्यर्थियों की मौत के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराना झारखंड सरकार का दायित्व है. अगर झारखंड सरकार को लगता है कि बड़े स्तर पर जांच होनी चाहिए तो उन्हें झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को न्यायिक आयोग से जांच के लिए पत्र लिखना चाहिए. अगर झारखंड सरकार ऐसा करती है तो भाजपा इसका स्वागत करेगी.

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