नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने शुक्रवार को भारत के चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को पत्र लिखा है. उन्होंने पश्चिम बंगाल में महिलाओं को कथित तौर पर उनके मामले वापस लेने के लिए धमकाए जाने का जिक्र किया है. उनका कहना है कि इससे संदेशखाली की महिलाओं में डर है, माहौल खराब हो रहा है.
पत्र में शर्मा ने कहा, 'आयोग के संज्ञान में आया है कि संदेशखाली की महिलाओं को टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी शिकायतें वापस लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है क्योंकि वे आम चुनाव, 2024 के दौरान पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी हैं. टीएमसी पार्टी के कार्यकर्ता महिलाओं में डर पैदा कर रहे हैं. उन्होंने संदेशखाली ने पीड़ितों को अपनी शिकायतों के साथ आगे आने से रोका, जिससे क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर असर पड़ सकता है.'
आयोग ने ईसीआई से इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर देखने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं की धमकी के कारण महिलाओं को अपनी शिकायतें वापस लेने के लिए मजबूर नहीं होना पड़े. इसने ईसीआई से अधिकारियों को उचित उपाय करने का निर्देश देने का आग्रह किया.
एनसीडब्ल्यू ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, 'संदेशखाली मामले के आसपास के हालिया घटनाक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने नोट किया है कि कुछ महिलाओं ने अचानक शेख शाहजहां के संबंध में अपनी शिकायतें वापस ले ली हैं.'
एनसीडब्ल्यू को बयान का यह मोड़ बेहद चिंताजनक लगता है, खासकर 2024 के आम चुनावों की पृष्ठभूमि के बीच. एनसीडब्ल्यू ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बरकरार रखा जाए और प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्र रूप से और बिना किसी डर के भाग लेने का अधिकार दिया जाए.
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने आज कहा कि वह पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार के आरोपों को लेकर एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा के खिलाफ चुनाव आयोग में औपचारिक शिकायत दर्ज करेगी. एनसीडब्ल्यू ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सिफारिश की है कि संदेशखाली में महिलाओं पर कथित हिंसा और अत्याचार को लेकर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.