बीजापुर: सुकमा और बीजापुर के बॉर्डर एरिया पर जवानों का कैंप है धर्मावरम. 16 जनवरी को नक्सलियों ने इसी कैंप पर जोरदार हमला बोला था. 100 से ज्यादा नक्सलियों ने कैंप पर धावा बोलकर इसे लूटने की कोशिश की थी. सूत्रों की मानें तो नक्सलियों की ये कोशिश नाकाम रही और उनके तीन साथी भी मौके पर ही मारे गए. नक्सलियों ने अपने तीन साथियों के मारे जाने की बात स्वीकार की है. नक्सलियों की ओर से ये दावा भी किया गया कि हमले में जवानों को भी गोली लगी है. हालाकि धर्मावरम कैंप पर हुए हमले की पुष्टि सुरक्षाबलों और अफसरों की ओर से अभी तक नहीं की गई है.
नक्सलियों ने दागे थे 1 हजार बीजीएल रॉकेट: सूत्रों के हवाले से ये खबर है कि कैंप को लूटने के इरादे से आए नक्सलियों ने हमले के दौरान एक हजार के करीब बीजीएल रॉकेट दागे थे. बीजीएल दागे गए थे उनमें से 300 से ज्यादा तो फटे ही नहीं. बीजीएल के जिंदा सेल को जवानों ने मौके से बरामद किया. घटना के ठीक एक दिन बाद 17 जनवरी को कोंडगांव इलाके में भी नक्सलियों के लगाए एक आईईडी को पुलिस ने समय रहते खोजकर डिफ्यूज कर दिया था.
घास की ड्रेस पहनकर आए थे नक्सली: 16 जनवरी को जब नक्सलियों ने कैंप पर हमला किया था तब वो घास से बनी ड्रेस पहनकर आए थे. जंगल में नक्सली कैंप तक आने के दौरान खुद को छिपाए रखना चाहते थे. इसी मकसद से वो घास की ड्रेस पहनकर आए थे. मौके से घास की बनी ड्रेस भी बरामद की गई है, हालाकि इसकी भी पुष्टि फोर्स की ओर से नहीं गई है. मगर जो तस्वीरें सामने आई है उसे देखकर ये साफ लगता है कि नक्सली बड़ी योजना को अंजाम देने की फिराक में थे साथ ही लंबे वक्त से इस वारदात को अंजाम देने की तैयारी में थे.