नई दिल्ली: भारत ने अपनी परमाणु शक्ति को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है. खबर है कि नौसेना ने विशाखापत्तनम के तट पर देश की पहली परमाणु क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन 4 (SSBN) का अनावरण किया है. जानकारी के मुताबिक इसके लिए विशाखापत्तनम के शिप बिल्डिंग सेंटर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
रिपोर्ट्स में सामने आया है कि यह कार्यक्रम तेलंगाना के विकाराबाद जिले के दामागुंडम में वीएलएफ रडार स्टेशन की आधारशिला रखे जाने के अगले दिन आयोजित किया गया था. इस साल अगस्त में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एसएसबीएन अरिघात को नौसेना को सौंपा था.
दुश्मनों से निपटने में पनडुब्बियां बेहतर भूमिका
नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि इस सीरीज की चौथी पनडुब्बी आईएनएस अरिधमन अगले साल तक बनकर तैयार हो जाएगी. अधिकारियों ने यह भी बताया कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में दुश्मनों से निपटने में पनडुब्बियां बेहतर भूमिका निभाएंगी.
जल्द मिलेगा आधिकारिक नाम
सुरक्षा कारणों से इन्हें आमतौर पर इनके शुरुआती कोड नामों से ही पुकारा जाता है. इसी क्रम में INS चक्र को 'S1', अरिहंत को S2, अरिघात को S3 और अरिधमान को S4 नाम दिया गया है. हाल ही में लॉन्च की गई पनडुब्बी को कोड नाम S4 दिया गया है. जल्द ही इसे आधिकारिक नाम दिया जाएगा.
यह परमाणु पनडुब्बी करीब 75 फीसदी स्वदेशी तकनीक से बनी है. यह 3,500 किलोमीटर की रेंज वाली K-4 परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों को तैनात करने में सक्षम हैं. इन मिसाइलों को लंबवत रूप से लॉन्च किया जा सकता है.
वहीं, SSBN सीरीज की पहली पीढ़ी की परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत 750 किलोमीटर की रेंज वाली K-15 परमाणु मिसाइलों को माउंट करने में सक्षम है, बाद में अपग्रेड की गई पनडुब्बियां K-4 मिसाइलों को माउंट करने में सक्षम हैं.