हल्द्वानी (उत्तराखंड): राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की टीम पिछले 48 घंटे से हिंसाग्रस्त बनभूलपूरा क्षेत्र में मौजूद है. इस दौरान टीम ने जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के साथ मिलकर घटनास्थल का मुआयना भी किया और यहां लोगों से बात करने की कोशिश भी की. हालांकि, जानकार बताते हैं कि लोगों ने आयोग की टीम से खुलकर अपनी बात नहीं रखी. शायद यही कारण है कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने तमाम प्रतिनिधियों और लोगों को अलग से भी अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित किया. इसी कड़ी में हिंसा वाले क्षेत्र और आसपास के जनप्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की टीम से मुलाकात की और उनके सामने हिंसा के दौरान हुई तमाम गतिविधियों से जुड़े विषय रखें.
आयोग के सामने आई पुलिस और प्रशासन की कई शिकायतें: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की टीम ने जब लोगों से घटना को लेकर जानकारी ली और मौजूदा हालात के बारे में पूछा तो कई लोगों ने जहां तमाम समस्याओं को उनके सामने रखा तो कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने एक के बाद एक कई शिकायतें भी नैनीताल प्रशासन और पुलिस के सामने रख दी. वह आरोप लगाते रहे कि पुलिस ने घटना होने के बाद कई लोगों को गलत तरीके से गिरफ्तार किया और मारपीट भी की. जाहिर है कि इन्हीं शिकायतों को संज्ञान में लाया गया और इस मामले में उचित कार्रवाई की भी मांग की गई.
ईटीवी भारत ने बंद कमरे में हुई इस बातचीत के बारे में जब अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब से बात की तो उन्होंने भी लोगों द्वारा की गई शिकायतों की बात को कबूल किया. उन्होंने कहा कि ऐसी कई शिकायत आयोग को मिली है और जांच के बाद ही इन शिकायतों पर उचित कार्रवाई के दिशा निर्देश दिए जाएंगे.
उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग से भी रिपोर्ट हुई तलब: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने जहां एक तरफ पुलिस और प्रशासन से हिंसा के दिन वाले वीडियो और तमाम दूसरे दस्तावेज मांगने की तैयारी कर ली है तो वहीं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग को भी तीन दिन के भीतर जांच की रिपोर्ट देने के आदेश दिए. माना जा रहा है कि जांच से जुड़ा यह पुलिंदा जब राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग तक पहुंच जाएगा, उसके बाद राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग इस पूरे मामले को लेकर कोई ठोस निर्णय ले सकता है.
लिखित या ईमेल के जरिए भी लोग कर सकते हैं शिकायत: बताया यह भी जा रहा है कि फिलहाल घटना के बाद लोग अपनी बात खुलकर रखने से भी गुरेज कर रहे हैं. ऐसे में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने इन स्थितियों को देखते हुए लिखित रूप से अपनी शिकायत या राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की ईमेल आईडी पर भी शिकायत भेजने का विकल्प दिया है. यानी यदि किसी व्यक्ति को हिंसा की घटना के दौरान खुद की बात को गोपनीय रूप से राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सामने रखना है तो भी वह ईमेल के जरिए अपनी शिकायत को रख सकता है. इसके बाद इन सभी बातों और शिकायतों के साथ सुझावों को जांच में शामिल किया जाएगा.
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