नांदेड़: भारत का स्वतंत्रता दिवस नजदीक आ रहा है. इस अवसर पर महाराष्ट्र में नांदेड़ के खादी ग्रामोद्योग भवन में बड़ी संख्या में राष्ट्रीय ध्वज बनाए जा रहे हैं. ये राष्ट्रीय ध्वज देश के 16 राज्यों में भेजे जाते हैं. इसलिए नांदेड़ में राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण अद्वितीय महत्व रखता है.
मराठवाड़ा खादी ग्रामोद्योग समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक ईश्वर राव भोसीकर ने बताया कि "खादी सिर्फ कपड़ा नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय विचार है. इसी विचार के साथ खादी से बना राष्ट्रीय ध्वज पूरे देश में फहराया जाता है. नांदेड़ में खादी से बना राष्ट्रीय ध्वज 16 राज्यों में जाता है."
उन्होंने बताया कि "महाराष्ट्र में राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण दो खादी ग्रामोद्योग मंडलों मुंबई और नांदेड़ में किया जाता है. इसके अलावा, राज्य में कहीं भी खादी ध्वज का उत्पादन नहीं किया जाता है. खादी ध्वज की मांग कम होने से उत्पादन में कमी नहीं आई. हमें गर्व है कि खादी ग्रामोद्योग मंडल में निर्मित राष्ट्रीय ध्वज लगभग 16 राज्यों में भेजा जा रहा है."
महाराष्ट्र में मुंबई और नांदेड़ में बनता है राष्ट्रीय ध्वज: नांदेड़ के ग्राम उद्योग केंद्र में राष्ट्रीय ध्वज बनाने का काम जोरों पर चल रहा है. ग्राम उद्योग बोर्ड के अध्यक्ष ईश्वर राव भोसीकर ने ईटीवी भारत को इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में राष्ट्रीय ध्वज दो खादी ग्राम उद्योग मंडलों मुंबई और नांदेड़ में बनता है.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, राज्य में कहीं भी खादी ध्वज का उत्पादन नहीं होता है. खादी ध्वज की मांग कम होने से उत्पादन में कमी नहीं आई. हमें गर्व है कि खादी ग्रामोद्योग मंडल द्वारा निर्मित राष्ट्रीय ध्वज लगभग 16 राज्यों में भेजा जा रहा है. तिरंगा राष्ट्रीय ध्वज 100 से अधिक कारीगरों के हाथों से बनाया जाता है.
खादी ग्रामोद्योग मंडल 26 जनवरी, 15 अगस्त और 1 मई जैसे महत्वपूर्ण दिनों के लिए तिरंगे झंडों की बड़े पैमाने पर बिक्री करता है. इसके लिए पूरे साल राष्ट्रीय ध्वज बनाने का काम चलता रहता है. यही वजह है कि खादी ग्रामोद्योग समिति को हर साल आठ से नौ करोड़ तक की अधिक आय होती है.