नारायणपुर : नक्सल प्रभावित नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच 21 घंटों से जारी मुठभेड़ खत्म हो गई है. आज यानी शुक्रवार को वापसी के दौरान भी नक्सलियों ने फायरिंग की थी, लेकिन सुरक्षाबल के जवानों उन्हें करारा जवाब दिया और 1 और नक्सली को मार गिराया. अब तक मुठभेड़ में जवानों ने 8 नक्सलियों के शव और हथियार बरामद किए है.
घटनास्थल से लौटने के दौरान आज दोबारा हुई मुठभेड़ : गुरूवार को सुबह 11 बजे के आसपास मुठभेड़ शुरू हुई, जो अब जाकर खत्म हुई है. 24 मई यानी आज सुरक्षाबलों की टीम के घटनास्थल से वापस को दौरान दोबारा मुठभेड़ हुई. इसी दौरान पहले से एम्बुश लगाए बैठे नक्सलियों ने STF की टीम पर गोलीबारी शुरू की. STF के जवानों ने भी मुस्तैदी से मोर्चा संभाला और सुरक्षित आड़ लेते हुए जवाबी फायरिंग की कार्रवाई की. फायरिंग खत्म होने के बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान एक वर्दीधारी नक्सली का शव बरामद किया गया है. मुठभेड़ में कई नक्सलियों के घायल होने की संभावना है. वहीं कुछ नक्सलियों के गिरफ्तारी होने की भी खबर है, जिसकी आधिकारिक पुष्टि होनी बाकी है.
गुरुवार को शुरु हुई थी गोलीबारी : गुरुवार 21 मई को नारायणपुर-बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र पल्लेवाया हांदावाडा में प्लाटून नंबर 16 और इंद्रावती एरिया कमिटी के नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना मिली थी. जिसके बाद नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बस्तर जिले के डीआरजी व बस्तर फाइटर्स के साथ एसटीएफ की संयुक्त टीमें सर्च अभियान पर निकली थी. गुरुवार 23 मई को नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी. जवानों ने भी मुस्तैदी से मोर्चा सम्भाला और दिन भर रुक रुक कर मुठभेड़ चलता रहा. गुरुवार को दिन भर चलते मुठभेड़ में जवानों ने 7 वर्दीधारी नक्सलियों के शव और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए थे. बीते कल नारायणपुर पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार और दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने नक्सल मुठभेड़ की पुष्टि की थी.
नए कैंप खुलने से बौखलाए नक्सली : नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने नया कैंप खोला है. सुरक्षाबलों के नक्सल विरोधी अभियान के चलते पूरे इस क्षेत्र में नक्सली बैकफुट पर हैं. यह कैंप मोहंदी गांव ओरछा ब्लॉक, कोहकामेटा तहसील व थाना कोहकामेटा क्षेत्र अंतर्गत स्थित है, जिससे नक्सलियों का मूवमेंट रूक गया है. इसी वजह से नक्सली बौखलाए हुए हैं और सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन उनके नापाक मंसूबों पर सुरक्षाबल के जवानों ने पानी फेर दिया है. इस साल के बीते 4-5 महीनों में अब तक 90 से अधिक नक्सली अलग अलग मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं.