अमरावती: केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा जारी अंतिम मतदाता सूची को लेकर राजनीतिक दलों में कई तरह की शंकाएं हैं. तकरीबन एक वर्ष की अवधि के दौरान (6 जनवरी, 2023 से 22 जनवरी, 2024 के बीच) 30 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए. इनमें से लगभग आधे यानी 14.26 लाख वोट दूसरी जगहों पर रहने वालों के थे. अगले 2-3 महीनों में आम चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में चुनाव आयोग का यह कदम मत्वपूर्ण है.
पिछली बार 1.11 लाख, इस बार 14.26 लाख?: 6 जनवरी 2022 से 5 जनवरी 2023 के बीच सभी श्रेणियों में कुल 11,23,829 वोट हटाए गए थे. उसमें से 1,11,578 लाख वोट (9.92 प्रतिशत) पलायन के नाम पर हटा दिए गए. इस बार (जनवरी 2023 से जनवरी 2024 के बीच) माइग्रेशन के नाम पर सिर्फ 14.26 लाख वोट हटाए गए. यह वर्ष के दौरान सभी संभागों में पड़े कुल मतों का 47.53 प्रतिशत है. क्या वे सभी हटाए गए वोटरों के नाम बाहर रहने वालों के हैं, या क्या वे पात्र हैं? इन सवालों का कोई जवाब नहीं है.
विपक्षी दलों का आरोप है कि वाईएसआरसीपी (YSRCP) ने विपक्षी पार्टी समर्थकों और सहानुभूति रखने वालों के वोटों को खत्म करने के लिए गलत विवरण के साथ फॉर्म -7 आवेदन दाखिल करने के लिए एक राज्यव्यापी आपराधिक साजिश रची. इन आवेदनों के आधार पर विपक्ष चिंता जता रहा है कि बिना जांच पड़ताल के वोटरों के नाम डिलीट किये जा रहे हैं. इसकी शिकायत समय-समय पर चुनाव आयोग से की जाती रही है.
विपक्ष का आरोप है कि परचुर निर्वाचन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर गलत जानकारी के साथ फॉर्म-7 आवेदन दाखिल करके विपक्षी समर्थकों के वोटों को खत्म करने की आपराधिक साजिश को अंजाम दिया गया. वहां कुल 13,588 वोट डिलीट किए गए. किसी भी नाम को मतदाता सूची से हटाने के लिए अधिकारियों को संबंधित व्यक्ति या उनके परिवार के सदस्यों को पूर्व सूचना देनी चाहिए.
उनसे पूछताछ की जानी चाहिए और जवाब उचित नहीं होने पर हटा दिया जाना चाहिए. हालाँकि, ऐसी शिकायतें हैं कि नेताओं, स्वयंसेवकों और कुछ बीएलओ ने मिलीभगत कर कई निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं को नोटिस दिए बिना उनके नाम हटा दिए. जो लोग मुख्य रूप से शिक्षा और रोजगार के लिए अस्थायी रूप से विभिन्न क्षेत्रों में चले गए थे.
अंतिम सूची में भी अनियमितता का आरोप: विपक्ष इस बात पर आपत्ति जताता रहा है कि सूची में कई अनियमितताएँ और त्रुटियाँ हैं, लेकिन चुनाव आयोग का रवैया नहीं बदला है. पलायन के नाम पर बड़ी संख्या में वोट डिलीट करने वाले चुनाव आयोग ने अंतिम सूची में भी सुधार नहीं किया.