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पश्चिम बंगाल के शख्स ने साड़ी पर उकेरी रामायण, दान करने के लिए अयोध्या रवाना - साड़ी पर उकेरी रामायण

man weaves saree depicting Ramayana on it : 22 जनवरी को होने वाली राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में उत्साह है. वह मंदिर के लिए कुछ खास करना चाहते हैं. ऐसे ही एक राम भक्त पश्चिम बंगाल के हैं, जिन्होंने साड़ी पर पूरी रामायण उकेरी है. वह इसे लेकर अयोध्या गए हैं.

man weaves saree depicting Ramayana on it
साड़ी पर उकेरी रामायण
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 20, 2024, 5:32 PM IST

Updated : Jan 20, 2024, 5:52 PM IST

नादिया: एक साल के अथक परिश्रम के बाद नादिया के राणाघाट के हबीबपुर के बुनकर पिकुल रॉय ने रामायण की कहानी को दर्शाती एक साड़ी बुनी है. अयोध्या में राम मंदिर अभिषेक के लिए पिकुल रॉय रवाना हुए हैं. पिकुल को साड़ी बेचने के लिए बहुत सारे पैसे की पेशकश की गई, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

साड़ी लेकर अयोध्या गए हैं पिकुल रॉय और उनके भाई
साड़ी लेकर अयोध्या गए हैं पिकुल रॉय और उनके भाई

पिकुल रॉय लंबे समय से हथकरघा उद्योग से जुड़े हुए हैं. उनकी अपनी साड़ी की दुकान है. उन्होंने एक साल पहले साड़ी बनाना शुरू किया था. साड़ी पर किसी प्रिंट या पेंट से नहीं बल्कि अपने हुनर ​​से रामायण की कहानी को दर्शाया गया है.

इसमें राम और सीता के साथ-साथ उनके वनवास की कहानी भी दर्शाई गई है. गौरतलब है कि दो दिन बाद अयोध्या के राम मंदिर का उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. इस बीच, पूरे देश में राम मंदिर के अभिषेक को लेकर जश्न शुरू हो गया है. पिकुल रॉय और उनके बड़े भाई अनंत रॉय नादिया से अयोध्या के लिए रवाना हुए. पिकुल रॉय ने कहा, अयोध्या पहुंचने पर वे हाथ से बुनी साड़ी समर्पित करना चाहते हैं.

पिकुल रॉय ने बताया कि 'मुझे यह विचार लगभग एक वर्ष पहले आया कि साड़ी पर रामायण की कहानी दर्शायी जा सकती है. इसी इरादे से मैंने एक साल पहले यह साड़ी बनाना शुरू किया था. जब ये बनकर तैयार हो गई तो कई लोग अतिरिक्त कीमत पर इसे खरीदना चाहते थे. लेकिन, मैं यह साड़ी देवी सीता के नाम पर अयोध्या में राम मंदिर को दान करना चाहती हूं.'

पिकुल रॉय के बड़े भाई अनंत रॉय ने कहा, 'मेरे भाई ने जब इस बारे में बताया उसके बाद से मैं खुश हूं. उन्होंने अपने हाथों से रामायण की कथा बुनी है. वह राम मंदिर के लिए साड़ी दान करेंगे. इसलिए मैं भी अपने भाई के साथ जा रहा हूं. पिकुल रॉय की इस पहल से उनके पड़ोसी भी खुश हैं. मैंने इस पहल की सराहना की और प्रार्थना की कि वह सफलतापूर्वक साड़ी दान करने के लिए अयोध्या में राम मंदिर पहुंचे.' पिकुल और अनंत शुक्रवार की रात हबीबपुर रेलवे स्टेशन से अयोध्या के लिए निकले.

हालांकि, सिर्फ पिकुल ही नहीं देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसे कई श्रद्धालु राम मंदिर और भगवान राम के लिए अलग-अलग चीजें लेकर अयोध्या पहुंच रहे हैं. ऐसी ही तस्वीरें वाराणसी में देखने को मिली हैं.

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साड़ी लेकर अयोध्या गए हैं पिकुल रॉय और उनके भाई
साड़ी लेकर अयोध्या गए हैं पिकुल रॉय और उनके भाई

पिकुल रॉय लंबे समय से हथकरघा उद्योग से जुड़े हुए हैं. उनकी अपनी साड़ी की दुकान है. उन्होंने एक साल पहले साड़ी बनाना शुरू किया था. साड़ी पर किसी प्रिंट या पेंट से नहीं बल्कि अपने हुनर ​​से रामायण की कहानी को दर्शाया गया है.

इसमें राम और सीता के साथ-साथ उनके वनवास की कहानी भी दर्शाई गई है. गौरतलब है कि दो दिन बाद अयोध्या के राम मंदिर का उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. इस बीच, पूरे देश में राम मंदिर के अभिषेक को लेकर जश्न शुरू हो गया है. पिकुल रॉय और उनके बड़े भाई अनंत रॉय नादिया से अयोध्या के लिए रवाना हुए. पिकुल रॉय ने कहा, अयोध्या पहुंचने पर वे हाथ से बुनी साड़ी समर्पित करना चाहते हैं.

पिकुल रॉय ने बताया कि 'मुझे यह विचार लगभग एक वर्ष पहले आया कि साड़ी पर रामायण की कहानी दर्शायी जा सकती है. इसी इरादे से मैंने एक साल पहले यह साड़ी बनाना शुरू किया था. जब ये बनकर तैयार हो गई तो कई लोग अतिरिक्त कीमत पर इसे खरीदना चाहते थे. लेकिन, मैं यह साड़ी देवी सीता के नाम पर अयोध्या में राम मंदिर को दान करना चाहती हूं.'

पिकुल रॉय के बड़े भाई अनंत रॉय ने कहा, 'मेरे भाई ने जब इस बारे में बताया उसके बाद से मैं खुश हूं. उन्होंने अपने हाथों से रामायण की कथा बुनी है. वह राम मंदिर के लिए साड़ी दान करेंगे. इसलिए मैं भी अपने भाई के साथ जा रहा हूं. पिकुल रॉय की इस पहल से उनके पड़ोसी भी खुश हैं. मैंने इस पहल की सराहना की और प्रार्थना की कि वह सफलतापूर्वक साड़ी दान करने के लिए अयोध्या में राम मंदिर पहुंचे.' पिकुल और अनंत शुक्रवार की रात हबीबपुर रेलवे स्टेशन से अयोध्या के लिए निकले.

हालांकि, सिर्फ पिकुल ही नहीं देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसे कई श्रद्धालु राम मंदिर और भगवान राम के लिए अलग-अलग चीजें लेकर अयोध्या पहुंच रहे हैं. ऐसी ही तस्वीरें वाराणसी में देखने को मिली हैं.

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Last Updated : Jan 20, 2024, 5:52 PM IST
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