मुजफ्फरनगर/सहारनपुर: मुजफ्फरनगर जिले के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेले आदि के दुकानों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का आदेश पुलिस की ओर से जारी किया गया था.
कावड़ यात्रा से पहले मुजफ्फरनगर पुलिस के इस फरमान से सियासी गलियारों में तहलका मच गया. गुरुवार को मुजफ्फरनगर पुलिस ने अपने पहले आदेश को रिवाइज करते हुए ट्वीट किया कि दुकानदारों को स्वेच्छा से नाम लिखने होंगे. हालांकि, बाद में ये ट्वीट डिलीट कर दिया गया.
कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर के एसएसपी ने कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर स्थित ठेले वालों, ढाबों और होटलों पर प्रोपराइटर व संचालकों के नाम लिखने के आदेश दिया है. पुलिस ने हाईवे और नगर में आदेशों का पालन कराना भी शुरू कर दिया था. इसे लेकर देशव्यापी बहस शुरू हो गई थी. इसे लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी एक्स पर पोस्ट की है.
1. पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर जिला के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश यह गलत परम्परा है जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है। जनहित में सरकार इसे तुरन्त वापस ले। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) July 18, 2024
कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर स्थित ठेले वालों, ढाबों और होटलों पर नाम लिखने के आदेश ने तूल पकड़ा तो बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी पोस्ट में लिखा था कि ऐसा आदेश तुरंत वापस लिया जाना चाहिए. मायावती ने कहा कि सरकारी आदेश यह गलत परंपरा है, जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है. जनहित में सरकार इसे तुरंत वापस ले.
मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने जनता के भाईचारे और विपक्ष के दबाव में आकर आख़िरकार होटल, फल, ठेलोंवालों को अपना नाम लिखकर प्रदर्शित करने के प्रशासनिक आदेश को स्वैच्छिक बनाकर जो अपनी पीठ थपथपायी है, उतने से ही अमन-औ-चैन पसंद करनेवाली जनता माननेवाली नहीं है। ऐसे आदेश पूरी तरह से ख़ारिज होने…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 18, 2024
वहीं सहारनपुर में सांसद इमरान मसूद ने कहा कि कांवड़ यात्रा सबके लिए आस्था का केंद्र हैं. सर्व समाज के लोग कांवड़ यात्रा का स्वागत करते हैं. हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि सभी की यात्रा के सकुशल संपन्न कराने में सहयोग करें. आस्था से किसी तरह का खिलवाड़ नहीं होना चाहिए, लेकिन पुलिस अधिकारी ने निर्देश देकर माहौल खराब करने की कोशिश की. ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. इस तरह के बयानों से आपसी सौहार्द खराब होता है.