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कावड़ यात्रा में दुकानदारों के नाम लिखने पर विवाद: मुजफ्फरनगर पुलिस ने तुगलकी फरमान पर लिया यू-टर्न, फिर ट्वीट किया डिलीट - Muzaffarnagar Police Uturn

मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेले आदि के दुकानों के मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का आदेश दिया था. इसको लेकर विवाद शुरू होते ही मुजफ्फरनगर पुलिस बैकफुट पर आ गयी और अपना ट्वीट डिलीट कर दिया.

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मुजफ्फरनगर पुलिस ने आदेश वापस लिया (फोटो क्रेडिट- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 18, 2024, 6:17 PM IST

Updated : Jul 19, 2024, 2:06 PM IST

मुजफ्फरनगर/सहारनपुर: मुजफ्फरनगर जिले के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेले आदि के दुकानों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का आदेश पुलिस की ओर से जारी किया गया था.

कावड़ यात्रा से पहले मुजफ्फरनगर पुलिस के इस फरमान से सियासी गलियारों में तहलका मच गया. गुरुवार को मुजफ्फरनगर पुलिस ने अपने पहले आदेश को रिवाइज करते हुए ट्वीट किया कि दुकानदारों को स्वेच्छा से नाम लिखने होंगे. हालांकि, बाद में ये ट्वीट डिलीट कर दिया गया.

Muzaffarnagar Police uturn after order to display shop owners name during kanwar yatra controversy bsp president mayawati
मुजफ्फरनगर पुलिस ने आदेश को लेकर लिया यू टर्न (Photo Credit- ETV Bharat)

कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर के एसएसपी ने कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर स्थित ठेले वालों, ढाबों और होटलों पर प्रोपराइटर व संचालकों के नाम लिखने के आदेश दिया है. पुलिस ने हाईवे और नगर में आदेशों का पालन कराना भी शुरू कर दिया था. इसे लेकर देशव्यापी बहस शुरू हो गई थी. इसे लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी एक्स पर पोस्ट की है.

कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर स्थित ठेले वालों, ढाबों और होटलों पर नाम लिखने के आदेश ने तूल पकड़ा तो बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी पोस्ट में लिखा था कि ऐसा आदेश तुरंत वापस लिया जाना चाहिए. मायावती ने कहा कि सरकारी आदेश यह गलत परंपरा है, जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है. जनहित में सरकार इसे तुरंत वापस ले.

वहीं सहारनपुर में सांसद इमरान मसूद ने कहा कि कांवड़ यात्रा सबके लिए आस्था का केंद्र हैं. सर्व समाज के लोग कांवड़ यात्रा का स्वागत करते हैं. हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि सभी की यात्रा के सकुशल संपन्न कराने में सहयोग करें. आस्था से किसी तरह का खिलवाड़ नहीं होना चाहिए, लेकिन पुलिस अधिकारी ने निर्देश देकर माहौल खराब करने की कोशिश की. ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. इस तरह के बयानों से आपसी सौहार्द खराब होता है.

ये भी पढ़ें- यूपी में बड़ा रेल हादसा; डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतरे, 4 की मौत, 20 घायल - DIBRUGARH EXPRESS DERAILED IN GONDA

मुजफ्फरनगर/सहारनपुर: मुजफ्फरनगर जिले के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेले आदि के दुकानों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का आदेश पुलिस की ओर से जारी किया गया था.

कावड़ यात्रा से पहले मुजफ्फरनगर पुलिस के इस फरमान से सियासी गलियारों में तहलका मच गया. गुरुवार को मुजफ्फरनगर पुलिस ने अपने पहले आदेश को रिवाइज करते हुए ट्वीट किया कि दुकानदारों को स्वेच्छा से नाम लिखने होंगे. हालांकि, बाद में ये ट्वीट डिलीट कर दिया गया.

Muzaffarnagar Police uturn after order to display shop owners name during kanwar yatra controversy bsp president mayawati
मुजफ्फरनगर पुलिस ने आदेश को लेकर लिया यू टर्न (Photo Credit- ETV Bharat)

कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर के एसएसपी ने कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर स्थित ठेले वालों, ढाबों और होटलों पर प्रोपराइटर व संचालकों के नाम लिखने के आदेश दिया है. पुलिस ने हाईवे और नगर में आदेशों का पालन कराना भी शुरू कर दिया था. इसे लेकर देशव्यापी बहस शुरू हो गई थी. इसे लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी एक्स पर पोस्ट की है.

कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर स्थित ठेले वालों, ढाबों और होटलों पर नाम लिखने के आदेश ने तूल पकड़ा तो बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी पोस्ट में लिखा था कि ऐसा आदेश तुरंत वापस लिया जाना चाहिए. मायावती ने कहा कि सरकारी आदेश यह गलत परंपरा है, जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है. जनहित में सरकार इसे तुरंत वापस ले.

वहीं सहारनपुर में सांसद इमरान मसूद ने कहा कि कांवड़ यात्रा सबके लिए आस्था का केंद्र हैं. सर्व समाज के लोग कांवड़ यात्रा का स्वागत करते हैं. हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि सभी की यात्रा के सकुशल संपन्न कराने में सहयोग करें. आस्था से किसी तरह का खिलवाड़ नहीं होना चाहिए, लेकिन पुलिस अधिकारी ने निर्देश देकर माहौल खराब करने की कोशिश की. ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. इस तरह के बयानों से आपसी सौहार्द खराब होता है.

ये भी पढ़ें- यूपी में बड़ा रेल हादसा; डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतरे, 4 की मौत, 20 घायल - DIBRUGARH EXPRESS DERAILED IN GONDA

Last Updated : Jul 19, 2024, 2:06 PM IST
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