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ममता बनर्जी के वॉकआउट पर संजय राउत की प्रतिक्रिया, कहा- माइक म्यूट करना लोकतांत्रिक स्टैंडर्ड के अनुकूल नहीं - Mamata Banerjee walkout

Sanjay Raut on Mamata Banerjee walkout: शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का माइक म्यूट करने के मामले में प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि माइक्रोफोन म्यूट करना लोकतांत्रिक मानदंडों के अनुरूप नहीं है.

संजय राउत
संजय राउत (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 28, 2024, 2:37 PM IST

नई दिल्ली: शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने रविवार को नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का माइक म्यूट करने को लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का अपमान है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री का माइक्रोफोन म्यूट करने की यह प्रथा लोकतांत्रिक मानदंडों के अनुरूप नहीं है.

इस दौरान उन्होंने केंद्रीय बजट में महाराष्ट्र को आवंटित टैक्स डिस्ट्रिब्यूशन और फंड को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, "केंद्र द्वारा वितरित किया जाने वाला धन भारत के लोगों का है. इसे विभिन्न टैक्स के रूप में एकत्र किया जाता है. महाराष्ट्र को क्या मिला.. हमारे मुख्यमंत्री खाली हाथ वापस आ गए."

ममता बनर्जी का बयान
बता दें कि नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक से निकलने के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ने संवाददाताओं से कहा था, "यह अपमानजनक है. मैं आगे किसी भी बैठक में शामिल नहीं होऊंगी."

चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट का समय
ममता ने मीडिया से कहा, "मैंने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया. चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट का समय दिया गया और असम, गोवा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने 10-12 मिनट तक बात की. मुझे सिर्फ 5 मिनट के बाद ही रोक दिया गया। यह अनुचित है."

बैठक में ममता बनर्जी एकमात्र विपक्षी नेता
गौरतलब है कि नीति आयोग की बैठक में भाग लेने वाली ममता बनर्जी एकमात्र विपक्षी नेता थीं और उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाषण के पांच मिनट बाद ही उनका माइक बंद कर दिया गया, जबकि आंध्र प्रदेश, गोवा, असम और छत्तीसगढ़ के अन्य मुख्यमंत्रियों को लंबे समय तक बोलने की अनुमति दी गई. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार सहकारी संघवाद का समर्थन नहीं करती है. उन्होंने केंद्र पर पिछले तीन साल से बंगाल को मनरेगा फंड से वंचित करने का आरोप लगाया.

निर्मल सीतारमण ने बताया झूठा आरोप
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण ने कहा था कि ममता के दावे झूठे हैं और उन्हें झूठी कहानी बनाने के बजाय इसके पीछे की सच्चाई बताएं. वित्त मंत्री ने कहा कि वहां मौजूद सभी लोगों ने उनकी बात सुनी और पश्चिम बंगाल की सीएम को आवंटित समय दिया गया, जिसे हर टेबल के सामने मौजूद स्क्रीन पर दिखाया गया.

यह भी पढ़ें- 'ममता बनर्जी का आचरण अच्छा नहीं', नीति आयोग की बैठक में माइक बंद करने के आरोप पर चिराग पासवान

नई दिल्ली: शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने रविवार को नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का माइक म्यूट करने को लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का अपमान है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री का माइक्रोफोन म्यूट करने की यह प्रथा लोकतांत्रिक मानदंडों के अनुरूप नहीं है.

इस दौरान उन्होंने केंद्रीय बजट में महाराष्ट्र को आवंटित टैक्स डिस्ट्रिब्यूशन और फंड को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, "केंद्र द्वारा वितरित किया जाने वाला धन भारत के लोगों का है. इसे विभिन्न टैक्स के रूप में एकत्र किया जाता है. महाराष्ट्र को क्या मिला.. हमारे मुख्यमंत्री खाली हाथ वापस आ गए."

ममता बनर्जी का बयान
बता दें कि नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक से निकलने के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ने संवाददाताओं से कहा था, "यह अपमानजनक है. मैं आगे किसी भी बैठक में शामिल नहीं होऊंगी."

चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट का समय
ममता ने मीडिया से कहा, "मैंने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया. चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट का समय दिया गया और असम, गोवा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने 10-12 मिनट तक बात की. मुझे सिर्फ 5 मिनट के बाद ही रोक दिया गया। यह अनुचित है."

बैठक में ममता बनर्जी एकमात्र विपक्षी नेता
गौरतलब है कि नीति आयोग की बैठक में भाग लेने वाली ममता बनर्जी एकमात्र विपक्षी नेता थीं और उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाषण के पांच मिनट बाद ही उनका माइक बंद कर दिया गया, जबकि आंध्र प्रदेश, गोवा, असम और छत्तीसगढ़ के अन्य मुख्यमंत्रियों को लंबे समय तक बोलने की अनुमति दी गई. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार सहकारी संघवाद का समर्थन नहीं करती है. उन्होंने केंद्र पर पिछले तीन साल से बंगाल को मनरेगा फंड से वंचित करने का आरोप लगाया.

निर्मल सीतारमण ने बताया झूठा आरोप
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण ने कहा था कि ममता के दावे झूठे हैं और उन्हें झूठी कहानी बनाने के बजाय इसके पीछे की सच्चाई बताएं. वित्त मंत्री ने कहा कि वहां मौजूद सभी लोगों ने उनकी बात सुनी और पश्चिम बंगाल की सीएम को आवंटित समय दिया गया, जिसे हर टेबल के सामने मौजूद स्क्रीन पर दिखाया गया.

यह भी पढ़ें- 'ममता बनर्जी का आचरण अच्छा नहीं', नीति आयोग की बैठक में माइक बंद करने के आरोप पर चिराग पासवान

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