देहरादून: हरिद्वार के पंडा तीर्थ पुरोहितों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. योगी आदित्यनाथ को लिखे इस पत्र में गंभीर मुद्दे को उठाया गया है. गंगा सभा के पूर्व अध्यक्ष रामकुमार मिश्र की तरफ से लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि हरिद्वार हर की पौड़ी को कुछ लोग बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. यह कोशिश उत्तर प्रदेश के मुरादनगर में छोटा हरिद्वार बनाकर की जा रही है. यहां यात्रियों को भ्रमित किया जा रहा है.
इस पत्र में लिखा गया है कि मुरादनगर में छोटा हरिद्वार बनाकर गंग नहर में ही अस्थि विसर्जन और कर्मकांड करवाया जा रहा है. यह हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ है. हरिद्वार के पंडा तीर्थ पुरोहितों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस पूरे मामले में हस्तक्षेप कर ऐसे करने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की है.
मुरादनगर की गंग नहर पर हो रहे कर्मकांड: मुरादनगर की गंगनहर पर कुछ साल पहले हूबहू हरकी पैड़ी की तरह ही मंदिर घंटाघर और इत्यादि बनाकर घाट बनाए गए. इसके बाद धीरे-धीरे उसे छोटा हरिद्वार के नाम से प्रचारित किया गया. धीरे-धीरे यहां वो सबकुछ होने लगा जो हरिद्वार, हर की पौड़ी और ब्रह्मकुंड पर होता है. यहां अस्थि विसर्जन और कर्मकांड भी करवाया जा रहा है. जिस पर हरिद्वार की तीर्थ पुरोहितों ने आपत्ति जताई है.
जो श्रद्धालु दूर दराज से आस्था के साथ हरिद्वार आता है उसे किसी तरह से मुरादनगर के छोटा हरिद्वार में ही बुलाकर पूजा पाठ और कर्मकांड करवाए जा रहे हैं, जो कि हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ है- हरिद्वार तीर्थ पुरोहित
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र: इसे लेकर अब योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा गया है, जिसमें ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की मांग की गई है. पत्र में लिखा गया है कि, भारत में ही नहीं अपितु विश्व में 'हरिद्वार हर की पैड़ी' नाम से एक ही तीर्थ उत्तराखंड में है. ब्रिटिश सरकार ने हरकी पैड़ी पर अविरल गंगा की धारा को बांध बनाकर रोकने का कुत्सित प्रयास किया. हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों एवं महंतों के आग्रह पर 'भारत रत्न' महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने हरिद्वार आकर आंदोलन शुरू किया. मालवीय जी के आह्वान पर तत्कालीन राजा महाराजाओं के शामिल होने पर यह एक विशाल आंदोलन बना. परिणामस्वरूप ब्रिटिश सरकार ने हरिद्वार हरकी पौड़ी की महत्ता को स्वीकार करते हुए बांध बनाने की अपनी योजना को रद्द की. गंगा की निर्बाध अविरलता बनाये रखने का एक लिखित समझौता किया गया. उसी समय (109 वर्ष पूर्व) महामना मालवीय के सुझाव पर श्री गंगा सभा की स्थापना की गई, जो आज भी तीर्थ पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सफलता पूर्वक सेवा कार्य कर रही है.
विवादों में कथित छोटा हरिद्वार: गंगा सभा के पूर्व अध्यक्ष रामकुमार मिश्र की ओर से लिखा गया है कि कुछ अराजक एवं अवांछित तत्वों द्वारा अपने निजी लाभ के कारण 'मुरादनगर गंगनहर' को छोटा हरिद्वार के नाम से प्रचलित कर श्रद्धालुओं को भ्रमित करने का काम किया है. यहां 'अस्थि प्रवाह' आदि धार्मिक कार्य करवाने शुरू कर दिये गये. मुरादनगर गंगनहर (कथित छोटा हरिद्वार) में जल के अंदर अवांछित तत्वों द्वारा महिलाओं से अभद्रता, मुरादनगर स्थित घाट चेंजिंग रूम में गुप्त कैमरे लगाकर महिलाओं के अश्लील वीडियो बनाने के समाचार भी आने शुरू हो गए हैं.
जल्द बुलाई जाएगी कार्यकारिणी की बैठक: हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित और गंगा सभा पहले भी इस मामले को लेकर मुखर होती रही है. अब इस मामले को और जोर-जोर से उठाने की कोशिश की जा रही है. हरिद्वार हरकी पैड़ी गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ का कहना है कि यह बेहद गंभीर मामला है. इसको किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कुछ अराजक तत्व अगर श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं तो उनके ऊपर कार्रवाई करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. वशिष्ठ कहते हैं इसे लेकर जल्द ही कार्यकारिणी की बैठक बुलाने जा रहे हैं. इसमें सर्वसम्मति पर जो भी फैसला लिया जाएगा उसके बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों के साथ पत्राचार किए जाएंगे. हरिद्वार हरकी पैड़ी और ब्रह्म कुंड दुनिया में एक ही है. अगर इसके नाम से या गंगा के नाम से कोई भी किसी को भी भ्रमित करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.