जोधपुर : भारत में चल रहे पहले मल्टीनेशन एयर एक्सरसाइज 'तरंग शक्ति 2024' के दूसरे चरण का 29 अगस्त से जोधपुर एयरबेस पर आगाज होगा, जो 14 सितंबर तक चलेगा. इस युद्धाभ्यास में भारत सहित सात देशों की वायु सेना भाग ले रही है, जबकि 18 देश इसे देखने के लिए शामिल होंगे. इसका उद्देश्य भारत की रक्षा क्षमता का प्रदर्शन करना और भाग लेने वाली सेनाओं को अंतर-संचालन को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करना है. इसको लेकर तैयारियां जोरों पर हैं.
तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर पहला चरण संपन्न होने के बाद वहां से भागीदारों के जोधपुर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. वायु सेना की विज्ञप्ति के अनुसार 29 अगस्त को औपचारिक रूप से सभी देशों के वायु योद्धा एकत्र होंगे. संयुक्त युद्धाभ्यास की शुरुआत 30 अगस्त को होगी, जिसमें सात मित्र देशों के लड़ाकू विमान ताकत दिखाएंगे.
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विदेशी उड़ाएंगे तेजस : इस एक्सरसाइज के लिए 12 सितंबर को सभी देशों के एयर चीफ जोधपुर आएंगे. पहली बार जोधपुर के आसमान में दुनिया की सबसे शक्तिशाली अमेरिकी एयरफोर्स चीफ जनरल डेविड डब्ल्यू एल्विन हमारा तेजस उड़ाएंगे. उनके अलावा ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स चीफ एयर मार्शल स्टीफन चैपल, जापानी एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स के चीफ जनरल हिरोआकी उच्कुरा, यूएई डिफेंस फोर्स के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल इस्सा अल मजरूई और भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल वीआर चौधरी एक-दूसरे के लड़ाकू विमान उड़ाएंगे.
इसके लिए मल्टी नेशनल एयर एक्सरसाइज के लिए मित्र देशों के एयरक्राफ्ट जोधपुर आने शुरू हो गए हैं. जापानी एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स का कार्गो विमान जोधपुर आ गया है. जापान के अलावा यूएस, ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, यूएई, हंगरी की वायुसेना का दल पहुंचेगा. वहीं, बांग्लादेश वायुसेना की टीम के आने की संभावना कम है.
भारतीय हथियारों का होगा दुनिया के सामने प्रदर्शन : इस एक्सरसाइज के माध्यम से भारत में बने हथियारों और लड़ाकू हेलीकॉप्टर व जहाज का प्रदर्शन दुनिया के सामने होगा. सुलूर में प्रचंड और तेजस ने जलवा बिखेरा था. अब पश्चिमी राजस्थान जैसी आबोहवा में विश्व की शक्तिशाली एयरफोर्स के समक्ष स्वदेशी फाइटर तेजस और अटैक हेलिकॉप्टर प्रचंड की ताकत दिखाई जाएगी. एक्सरसाइज के दौरान विदिन विजयुल रेंज (वीवीआर) कॉम्बेट मिशन, बीवीआर (बियोंड विजयुल रेंज) मिशन, लार्ज फोर्स इंगेजमेंट, एयर मोबिलिटी ऑपरेशन्स, डायनेमिक टारगेटिंग, एयर टू एयर रिफ्यूलिंग मिशन, कॉम्बेट सर्च एंड रेस्क्यू जैसे कई मिशन का अभ्यास किया जाएगा.