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अफजाल अंसारी बोले, 20 साल बाद भी मुख्तार के शव के नाखून-बाल से जहर की जांच हो सकेगी, ऐसे दफन किया - mukhtar ansari death

सांसद अफजाल अंसारी का कहना है कि भाई मुख्तार अंसारी के शव की 20 साल बाद भी जांच हो सकेगी. उसे खास तकनीक के साथ दफन किया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 2, 2024, 10:36 AM IST

यह बोले अफजाल अंसारी.

गाजीपुरः सांसद अफजाल अंसारी ने भाई मुख्तार अंसारी को जेल में जहर देकर मारने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा है कि भाई के शव की 20 साल बाद भी जांच हो सकेगी. उसे खास तकनीक के साथ दफन किया गया है.

उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी ने जहर खिलाकर मारने के प्रयास को न्यायालय में भी लिखित तौर से बताया था. आरोप लगाया कि जेल में मुख्तार अंसारी के बैरक इंचार्ज ने मुख्तार अंसारी के खाने को खाकर चेक किया तो वो भी बीमार हो गया था. अफ़ज़ाल अंसारी ने कहा कि जहर देने का आरोप स्पष्ट है. बिसरा सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि मुख्तार की डेड बॉडी ऐसी दफन की गई है कि पांच, दस, 20 साल बाद भी जहर की जांच की जा सकेगी. शव के नाखून और बाल से जहर का परीक्षण हो सकेगा और मौत के कारण सामने आ जाएगा. अब तो दुनिया में कई बेहतर तकनीकें आ गईं हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग समझ रहे है कि मुख्तार अंसारी का द एंड हो गया है ऐसा नहीं है कहानी तो अब शुरू हुई है.

उन्होंने आरोप लगाया कि भाई को बदनाम करने का प्रयास किया गया. सांसद अफ़ज़ाल अंसारी ने कहा कि दुर्भाग्य है अब्बास अंसारी कांसगंज की जेल में बंद है. मऊ चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन में दो चार मुकदमे दर्ज किए गए हैं. कई मुकदमों में जमानत मिल चुकी है. उन्होंने कहा कि दो मामले है जिसमें हाईकोर्ट में एप्लिकेशन पेंडिंग है. वहीं मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब्बास अंसारी को पेरोल पर मिट्टी में शामिल होने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था लेकिन उसदिन एमपी एमएलए कोर्ट के जज बैठे ही नहीं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एप्लिकेशन दिया गया था लेकिन इस तरह के मामलों की सुनवाई का तत्काल कोई प्रावधान नहीं है जिसकी वजह से समय से पेरोल नहीं मिल सका. उन्होंने कहा कि अब्बास अंसारी को 40वां में शामिल होने के लिए 40 दिन का इतंजार नहीं करेंगे. हो सकता है कि अब्बास अंसारी को एक दो हफ्ते में जमानत पर लाएंगे.

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यह बोले अफजाल अंसारी.

गाजीपुरः सांसद अफजाल अंसारी ने भाई मुख्तार अंसारी को जेल में जहर देकर मारने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा है कि भाई के शव की 20 साल बाद भी जांच हो सकेगी. उसे खास तकनीक के साथ दफन किया गया है.

उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी ने जहर खिलाकर मारने के प्रयास को न्यायालय में भी लिखित तौर से बताया था. आरोप लगाया कि जेल में मुख्तार अंसारी के बैरक इंचार्ज ने मुख्तार अंसारी के खाने को खाकर चेक किया तो वो भी बीमार हो गया था. अफ़ज़ाल अंसारी ने कहा कि जहर देने का आरोप स्पष्ट है. बिसरा सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि मुख्तार की डेड बॉडी ऐसी दफन की गई है कि पांच, दस, 20 साल बाद भी जहर की जांच की जा सकेगी. शव के नाखून और बाल से जहर का परीक्षण हो सकेगा और मौत के कारण सामने आ जाएगा. अब तो दुनिया में कई बेहतर तकनीकें आ गईं हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग समझ रहे है कि मुख्तार अंसारी का द एंड हो गया है ऐसा नहीं है कहानी तो अब शुरू हुई है.

उन्होंने आरोप लगाया कि भाई को बदनाम करने का प्रयास किया गया. सांसद अफ़ज़ाल अंसारी ने कहा कि दुर्भाग्य है अब्बास अंसारी कांसगंज की जेल में बंद है. मऊ चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन में दो चार मुकदमे दर्ज किए गए हैं. कई मुकदमों में जमानत मिल चुकी है. उन्होंने कहा कि दो मामले है जिसमें हाईकोर्ट में एप्लिकेशन पेंडिंग है. वहीं मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब्बास अंसारी को पेरोल पर मिट्टी में शामिल होने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था लेकिन उसदिन एमपी एमएलए कोर्ट के जज बैठे ही नहीं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एप्लिकेशन दिया गया था लेकिन इस तरह के मामलों की सुनवाई का तत्काल कोई प्रावधान नहीं है जिसकी वजह से समय से पेरोल नहीं मिल सका. उन्होंने कहा कि अब्बास अंसारी को 40वां में शामिल होने के लिए 40 दिन का इतंजार नहीं करेंगे. हो सकता है कि अब्बास अंसारी को एक दो हफ्ते में जमानत पर लाएंगे.

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