ETV Bharat / bharat

वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट में पेश हुआ मुख्तार अंसारी, दो मामलों की हुई सुनवाई

वाराणसी कोर्ट में सोमवार को मुख्तार अंसारी की वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी हुई. चलिए जानते हैं इस बारे में.

Etv bharat
Etv bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 13, 2024, 7:54 AM IST

वाराणसी: विशेष न्यायाधीश (एमपी/ एमएलए ) अवनीश गौतम की कोर्ट में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी दो मामलो में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बांदा जेल से पेश किए गए. वहीं, पहला मामला जनपद गाजीपुर में फर्जी तरीके से असलहा लाइसेंस लेने से संबधित है. इसमें मुख्तार अंसारी की तरफ से उसके अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया है कि इस मामले में मुख्तार अंसारी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं का आरोप नहीं बनता घटना के समय यह अधिनियम नहीं होने की बात कही गई. कहा गया इस धारा में सिर्फ लोक सेवक ही आरोपी हो सकते है.ऐसे में सिर्फ आईपीसी के तहत आरोप बनता है जिसका विचारण जिले की ही कोर्ट में हो सकता है. ऐसे में सक्षम न्यायालय में विचारण हेतु जनपद गाजीपुर वापस भेजा जाए.

वहीं, इस संबंध में अभियोजन की ओर से अपनी आपत्ति प्रस्तुत करते हुए जेष्ठ अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ला व एडीजीसी क्रिमिनल विनय सिंह ने बहस किया कि इस मामले में दो आरोपियों क्रमशः गौरी शंकर लाल असलहा क्लर्क व मुख्तार अंसारी पर आरोप पत्र प्रेषित किया गया और दोनों का विचारण साथ-साथ चल रहा है. इस दौरान विचारण असलहा क्लर्क गौरी शंकर लाल की मृत्यु हो जाने के कारण उसके विरुद्ध मुकदमा समाप्त कर दिया गया. ऐसी सूरत में इस मामले का विचारण विशेष न्यायालय को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के मामले को सुनने का क्षेत्राधिकार है और यह मुकदमा स्थानांतरित नहीं किया जा सकता. वहीं, दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद उक्त प्रार्थना पत्र पर आदेश हेतु न्यायालय द्वारा अगली तारीख 14 फरवरी 2024 नियत किया गया है.

बता दें मुख्तार अंसारी पर आरोप है कि दस जून 1987 को दोनाली कारतूसी बंदूक के लाइसेंस के लिए जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था. जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया गया था. इस फर्जीवाड़ा का उजागर होने पर सीबीसीआईडी द्वारा चार दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया था. वहीं, मामले में साजिश में शामिल आर्म बाबू की मौत हो गई है, सिर्फ मुख़्तार के खिलाफ कोर्ट में विचारण अंतिम दौर में है.

वहीं, दूसरा मामला थाना भेलूपुर से संबंधित नंदकिशोर रुंगटा के भाई महावीर रुंगटा को धमकी देने के मामले से जुडा रहा. इस मामले में मुख्तार अंसारी ने विचारण न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध अपील दाखिल की है. इस मामले में सोमवार को विचारण न्यायालय की पत्रावली तलब कर ली गई तथा सुनवाई के लिए अगली तिथि 19 फरवरी नियत कर दी है.

ये भी पढ़ेंः ज्ञानवापी मामला : मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में दी दलील-अंतरिम आदेश से नहीं दी जा सकती अंतिम राहत, सुनवाई अब 15 फरवरी को

वाराणसी: विशेष न्यायाधीश (एमपी/ एमएलए ) अवनीश गौतम की कोर्ट में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी दो मामलो में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बांदा जेल से पेश किए गए. वहीं, पहला मामला जनपद गाजीपुर में फर्जी तरीके से असलहा लाइसेंस लेने से संबधित है. इसमें मुख्तार अंसारी की तरफ से उसके अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया है कि इस मामले में मुख्तार अंसारी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं का आरोप नहीं बनता घटना के समय यह अधिनियम नहीं होने की बात कही गई. कहा गया इस धारा में सिर्फ लोक सेवक ही आरोपी हो सकते है.ऐसे में सिर्फ आईपीसी के तहत आरोप बनता है जिसका विचारण जिले की ही कोर्ट में हो सकता है. ऐसे में सक्षम न्यायालय में विचारण हेतु जनपद गाजीपुर वापस भेजा जाए.

वहीं, इस संबंध में अभियोजन की ओर से अपनी आपत्ति प्रस्तुत करते हुए जेष्ठ अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ला व एडीजीसी क्रिमिनल विनय सिंह ने बहस किया कि इस मामले में दो आरोपियों क्रमशः गौरी शंकर लाल असलहा क्लर्क व मुख्तार अंसारी पर आरोप पत्र प्रेषित किया गया और दोनों का विचारण साथ-साथ चल रहा है. इस दौरान विचारण असलहा क्लर्क गौरी शंकर लाल की मृत्यु हो जाने के कारण उसके विरुद्ध मुकदमा समाप्त कर दिया गया. ऐसी सूरत में इस मामले का विचारण विशेष न्यायालय को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के मामले को सुनने का क्षेत्राधिकार है और यह मुकदमा स्थानांतरित नहीं किया जा सकता. वहीं, दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद उक्त प्रार्थना पत्र पर आदेश हेतु न्यायालय द्वारा अगली तारीख 14 फरवरी 2024 नियत किया गया है.

बता दें मुख्तार अंसारी पर आरोप है कि दस जून 1987 को दोनाली कारतूसी बंदूक के लाइसेंस के लिए जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था. जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया गया था. इस फर्जीवाड़ा का उजागर होने पर सीबीसीआईडी द्वारा चार दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया था. वहीं, मामले में साजिश में शामिल आर्म बाबू की मौत हो गई है, सिर्फ मुख़्तार के खिलाफ कोर्ट में विचारण अंतिम दौर में है.

वहीं, दूसरा मामला थाना भेलूपुर से संबंधित नंदकिशोर रुंगटा के भाई महावीर रुंगटा को धमकी देने के मामले से जुडा रहा. इस मामले में मुख्तार अंसारी ने विचारण न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध अपील दाखिल की है. इस मामले में सोमवार को विचारण न्यायालय की पत्रावली तलब कर ली गई तथा सुनवाई के लिए अगली तिथि 19 फरवरी नियत कर दी है.

ये भी पढ़ेंः ज्ञानवापी मामला : मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में दी दलील-अंतरिम आदेश से नहीं दी जा सकती अंतिम राहत, सुनवाई अब 15 फरवरी को

ये भी पढ़ेंः Valentine Day 2024 : बनारस में 400 साल पुरानी अजब कहानी, आशिक माशूक की मजार पर दुआ मांगते हैं प्रेमी जोड़े

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.