DAL PRICE HIKE : आहिस्ता आहिस्ता बढ़ती महंगाई से आम जनता परेशान है. हर दिन खरीदी जाने वाली चीजें जब महंगी होती जाएंगी तो लोगों का गुजारा कैसे होगा. दाल-रोटी ही महंगी हो जाएगी तो लोग क्या खाएंगे. ऐसे में आम जनता के बीच हा-हाकार मचना तय है. पिछले कुछ सालों से दाल के दामों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और जिस तरह से अरहर दाल के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, उसने आम लोगों को मुश्किल में डाल दिया है. खासकर शाकाहारी लोगों की मुश्किलें तो और भी बढ़ गई हैं, क्योंकि अरहर दाल शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन हासिल करने का प्रमुख सोर्स है.
अरहर दाल पर महंगाई की मार
महीने भर का किराना सामान लेने आई अंकिता चतुर्वेदी हर बार अपने परिवार के लिए 10 किलो अरहर की दाल लेकर जाती थीं, लेकिन इस बार उन्होंने मात्र 2 किलो अरहर दाल ली है. इस उम्मीद के साथ कि शायद दाल के दाम आने वाले समय में कुछ कम हो जाएं, जिसके बाद वो जरूरत के लिए और ज्यादा दाल लेकर जाएंगी. निधि चतुर्वेदी और उनके साथ आईं उनकी मां बताती हैं कि "उनके घर में खाने में दाल जरूर बनती है, राहर दाल की डिमांड सबसे ज्यादा है. घर का हर सदस्य तुअर दाल ही खाता है क्योंकि हर दिन के भोजन में अरहर दाल से ही प्रोटीन मिलता है. इसलिए अरहर दाल चाहे कितनी भी महंगी हो, इसका बनना कंपलसरी है. ऐसे में अरहर दाल की बढ़ती कीमतों ने उनके लिए मुसीबत खड़ी कर दी है".
बाजार में दाल के भाव
दाल की बढ़ती कीमतों को जानने के लिए शहर से लेकर गांव तक के व्यापारियों से बात की कि आखिर दाल के दाम में इतनी बढ़ोत्तरी क्यों हो रही है. किराना व्यापारी विक्की गुप्ता का कहना है कि "अच्छी वाली अरहर दाल वर्तमान में 170 से 180 रुपए प्रति किलो तक बिक रही है. उड़द की दाल 120 से 130 रुपये प्रति किलो है. मसूर की दाल 100 से 110 रुपये प्रति किलो के लगभग है और चना की दाल 90 से 100 रुपये प्रति किलो बिक रही है.
अरहर दाल के दाम बढ़ने का कारण
आखिर अरहर दाल के दाम क्यों बढ़ रहे हैं. सूर्या सुपर मार्केट के व्यापारी शशांक जैन बताते हैं कि "जितनी अरहर दाल की खपत है उतना प्रोडक्शन नहीं है और यही वजह है कि अरहर दाल की कीमत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पिछले 10 दिन में 15 से 20 रुपये तक अरहर दाल में बढ़ोतरी देखी गई है". कुछ और व्यापारी बताते हैं कि हर दिन 3 से 5 रुपये तक की बढ़ोतरी अरहर दाल में देखने को मिल रही है और जो स्थिति नजर आ रही है उसे देखते हुए आगे अभी और बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि बाजार में माल ही नहीं है तो दाम तो बढ़ेगा ही.
होटल में बढ़ सकते हैं दाल के दाम
जिस तरह से अरहर दाल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है उसे देखने के बाद रेस्टोरेंट और होटल में भी दाल के दाम बढ़ सकते हैं. व्यापारियों का कहना है कि अगर अरहर दाल की कीमतों में लगाम नहीं लगी इसी तरह दाम बढ़ते रहे, तो आने वाले समय में होटल और रेस्टोरेंट में भी दाल की कीमतों में 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.
महंगाई पर अंकुश लगाने सरकार कर रही प्रयास
एक रिपोर्ट की मानें तो सरकार भी अरहर दाल की लगातार बढ़ती कीमतों की वजह से परेशान है और इस पर अंकुश लगाने लगातार एक्शन भी ले रही है. उपभोक्ता मंत्रालय ने व्यापारियों को शुक्रवार को दलहनों का स्टॉक सरकारी पोर्टल पर अपडेट करना अनिवार्य कर दिया है. सरकारी विभाग दलहन स्टॉक आकलन जांच भी समय-समय पर कर सकती है. सरकार भी लगातार इस पर अंकुश लगाने पर लगी हुई है, क्योंकि चुनाव का समय चल रहा है और अरहर दाल के बढ़ते दामों ने सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है. जिसकी वजह से व्यापारियों के साथ सरकार भी लगातार बैठक कर रही है.
दाल की कीमत कम होने के कितने आसार
दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर इस क्षेत्र के कुछ एक्सपर्ट से जब हमने बात की तो उनका कहना है कि दक्षिण में जो दाल का उत्पादन होता है उससे बाजार में कीमत काबू में रहती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका. यहां भी दाल की फसल काफी कम हो गई है और अब मई और जून में पहाड़ से जब नई दाल की फसल आएगी तो कीमत कुछ कम होने की उम्मीद कर सकते हैं.
ई कॉमर्स में कीमत 200 पार
अरहर दाल की कीमतों में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर भी आग लगी हुई है. यहां तो अरहर दाल की कीमत 200 के पार तक पहुंच गई है. कई ब्रांड वाली अरहर दाल ऐसी भी हैं जिनकी कीमत 250 रुपये प्रति किलो के आसपास है. वहीं ऑनलाइन में तो लूज दाल की कीमत भी 170 से लेकर ₹200 किलो तक है.
इसलिए बढ़ते हैं दाल के दाम
दाल के दामों का घटना और बढ़ना मांग और आपूर्ति पर निर्भर करता है. दुनिया में जितनी दाल का उत्पादन होता है उसमें भारत 25 फीसदी दाल का उत्पादन खुद करता है लेकिन इसके बाद भी भारत दाल का सबसे बड़ा आयातक है, उसकी वजह है कि दुनिया की कुल दाल उत्पादन की 28% दालों की खपत भारत में है. दलहन फसलों की बात करें तो मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, बिहार, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, झारखंड और तमिलनाडु भारत के वो राज्य हैं जो दाल के उत्पादक हैं और यहां दाल का अच्छा उत्पादन भी होता है.