नूंह: हरियाणा के नूंह में सलंबा जेल में वार्डन पद के रूप में अपनी सेवा दे रहे इंटरनेशनल पर्वतारोही राकेश कादियान का भव्य स्वागत किया गया. नूंह वापस लौटने पर जेल प्रशासन ने फूल-मालाएं पहनाकर और ढोल-नगाड़ों के साथ राकेश कादयान का जोरदार स्वागत किया. उन्होंने कहा कि नूंह जेल प्रशासन द्वारा और मेवात क्षेत्र की शुभकामनाओं से उन्हें पूरा सहयोग मिला था.
विश्व की ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा: दरअसल, बीते 11 अप्रैल को अपने मिशन के लिए राकेश कादियान रवाना हुए थे. उनके अभियान में कुल 16 क्लाइंबर थे. जिनमें से वह अंतिम आठ में थे. इस दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. राकेश ने बताया कि मिशन सेवन समिट के तहत आयोजित 24 मई को उन्होंने 8516 मीटर की ऊंचाई वाली व विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी ल्होत्से जबकि 25 मई को 8848 मीटर ऊंचाई वाली विश्व की सबसे ऊंची माउंट एवरेस्ट पर देश का तिरंगा फहराया.
एक साल में 7 चोटियों पर लहराया तिरंगा: इस उपलब्धि पर जिला जेल कर्मचारियों में भारी उत्साह था. जहां उनके लौटने पर भव्य स्वागत की तैयारियां की गई. उन्होंने बताया कि वह 21 साल से सरकारी सेवा दे रहे हैं. सरकारी सेवा में रहते हुए यह उपलब्धि करने वाले वह भारत के पहले पर्वतारोही बन गए हैं. उन्होंने एक साल के अंदर विश्व की सात महाद्वीपों की ऊंची चोटियों पर भारत देश का तिरंगा फहराया है. इससे पहले भी अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर 15 घंटे 53 मिनट में तिरंगा फहरा चुके हैं. यह कारनामा करने वाले भारत देश के इकलौते पर्वतारोही हैं.
राकेश कादियान जीत चुके हैं कई पदक: इसके अलावा, वह भारत देश की ऊंची चोटी माउंट सतोपंथ, माउंटेन,कांग यात्से-1 से के मीटर पर भी तिरंगा फहरा चुके हैं. वह जेल विभाग हरियाणा के प्रथम अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही है. जो ऐसा कारनामा अपने नाम कर चुके हैं. राकेश राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मास्टर एथलेटिक्स में भी करीब और 37 रजत पदक हरियाणा प्रदेश के नाम कर चुके हैं.
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